हलवारा हवाई अड्डे का नाम शहीद करतार सिंह सराभा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा, पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास

मुख्यमंत्री ने कहा- यह महान शहीद को विनम्र श्रद्धांजलि होगी, शहीद भगत सिंह, शहीद करतार सिंह सराभा और अन्य महान शहीदों को भारत रत्न देने की भी वकालत की

सत्र का बायकाट करके शहीदों का निरादर करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की

CHANDIGARH, 22 MARCH: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब विधान सभा ने बुधवार को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करके भारत सरकार को इंडियन एयर फोर्स स्टेशन हलवारा, लुधियाना में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम शहीद करतार सिंह सराभा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा रखने की विनती की है।

यह प्रस्ताव आज पंजाब विधान सभा के सैशन के दौरान मुख्यमंत्री की तरफ से पेश किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उस महान शहीद को विनम्र श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने मातृ भूमि की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। उन्होंने कहा कि यह शहीद देश के लिए निःस्वार्थ होकर काम करने के लिए नौजवान पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि इस महान शहीद ने देश को विदेशी साम्राज्यवाद की गुलामी से मुक्त करवाने के लिए अहम भूमिका अदा की और कहा कि ग़दर पार्टी के सक्रिय नेता के तौर पर उन्होंने पहले विदेश और फिर देश में आज़ादी प्राप्त करने के लिए अथक मेहनत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के अथक यत्नों स्वरूप मोहाली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम पहले ही शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जा चुका है। उन्होंने कहा कि हलवारा हवाई अड्डे का नाम शहीद करतार सिंह सराभा के नाम पर रखना शहीद को विनम्र श्रद्धांजलि होगी। भगवंत मान ने आगे कहा कि इन महान शहीदों के नाम पर हवाई अड्डों, यूनिवर्सिटियों और अन्य संस्थाओं के नाम रखने, उनकी शानदार विरासत को कायम रखने के लिए बहुत ज़रूरी है। उन्न्होंने कहा कि इन संस्थाओं का नाम महान राष्ट्रीय नेताओं के नाम पर रखना हमारे नौजवानों को देश के प्रति निःस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरित कर सकता है।

शहीद भगत सिंह, शहीद करतार सिंह सराभा और देश के आज़ादी संग्राम के दौरान अपनी जानें कुर्बान करने वाले अन्य महान शहीदों को भारत रत्न अवार्ड प्रदान करने की बात करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इन महान शहीदों को भारत रत्न अवार्ड प्रदान करने से इस अवार्ड का मान और बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि यह महान शहीद सचमुच इस अवार्ड के हकदार हैं क्योंकि इन्होंने विदेशी चंगुल से देश को मुक्त करवाने के लिए महान बलिदान दिये। भगवंत मान ने अफ़सोस प्रकटाते हुये कहा कि दुर्भाग्यवश आज़ादी के 75 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद इन नायकों को यह अवार्ड नहीं दिया गया।

इस अहम प्रस्ताव को पास किये जाने के मौके पर सत्र का बाइकाट करने वाले कांग्रेसी नेताओं को आड़े हाथों लेते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की यह कार्यवाही इन महान नायकों के प्रति घोर निरादर है। उन्होंने कहा कि इस गौरवमयी अवार्ड के लिए विजेताओं का चयन प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय कमेटी की तरफ से किया जाता है। भगवंत मान ने व्यंग्य कसते हुये कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि कांग्रेस पार्टी के दो पूर्व प्रधान मंत्रियों ने इस प्रतिष्ठित अवार्ड के लिए अपने नामों की ही सिफ़ारिश कर दी थी।

मुख्यमंत्री ने महान शहीद के शहीदी दिवस के मौके पर 16 नवंबर को छुट्टी का ऐलान भी किया। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में राज्य सरकार की तरफ से इस सम्बन्धी ज़रूरी रस्में पूरी कर ली जाएंगी। भगवंत मान ने इस मुद्दे पर रचनात्मक बहस में हिस्सा लेने और बिल पर राज्य सरकार का समर्थन करने के लिए विधायक मनप्रीत सिंह इयाली, अश्वनी शर्मा और नच्छतर पाल समेत विरोधी पक्ष के अन्य विधायकों का तह दिल से धन्यवाद किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह ऐलान भी किया कि राज्य सरकार की तरफ से हलवारा हवाई अड्डे के सिवल एयर टर्मिनल के निर्माण का काम जल्द ही मुकम्मल कर लिया जायेगा और यहाँ से मई के आखिर या जून तक घरेलू उड़ानें शुरू हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह काम ज़ोरों-शोरां से चल रहा है और 161 एकड़ क्षेत्रफल में लगभग 50 करोड़ रुपए की लागत के साथ इसको पूरा किया जायेगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह प्रोजैक्ट पंजाब को हवाई संपर्क के नक्शे पर और आगे ले जायेगा और यात्रियों के समय, पैसे और ऊर्जा की बचत करेगा और इससे जहाँ लुधियाना के कारोबारियों को सुविधा मिलेगी, वहीं राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

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