CHANDIGARH, 11 JAN: हरियाणा के 10 जिलों में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की तर्ज पर इनोवेटिव स्किल स्कूल खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को चंडीगढ़ में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह सहमति दी है। स्किल एजुकेशन के केजी टू पीजी मॉडल और नई शिक्षा नीति के लक्ष्यों के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है। इन स्कूलों को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय संचालित करेगा।
बैठक में कौशल विकास विभाग के अधिकारियों ने विस्तार से स्किल इनोवेटिव स्कूल से संबंधित प्रारूप रखा और रोजगार के निमित्त इनकी उपयोगिता का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत किया। सभी जिलों में स्कूल स्तर पर स्किल एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने केजी से पीजी तक स्किल एजुकेशन के मॉडल को लागू करने के निर्देश दिए हैं। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश में सबसे पहले शुरू किए गए इनोवेटिव स्किल स्कूल की तर्ज पर प्रदेश के सभी जिलों में इनोवेटिव स्किल स्कूल खोले जाएंगे। इसके माध्यम से नई शिक्षा नीति के अनुसार केजी से पीजी तक स्किल एजुकेशन के लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकेगी। स्कूलों में स्किल एजुकेशन लागू करने में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किए गए मॉडल को लागू किया जाएगा।
स्कूल स्तर पर स्किल एजुकेशन शुरू किए जाने से कई लक्ष्य एक साथ पूरे होंगे। इससे न केवल ड्रॉपआउट कम होगा, बल्कि ग्रॉस एजुकेशन रेशो (जीईआर) को भी बढ़ाया जा सकेगा। साथ ही साथ उद्योग को कुशल मानवीय संसाधन मिलेंगे, जो गुणवत्ता और उत्पाद को बढ़ाने में सहायक साबित होंगे। नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। नई शिक्षा नीति में स्किल एजुकेशन और जनरल एजुकेशन के सामंजस्य का मॉडल सुझाया गया है। यह राष्ट्र, समाज और उद्योग की दृष्टि से आदर्श है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ऐसे सभी स्कूलों का संचालन करेगा और नवाचार की श्रेणी में सीबीएसई उन्हें मान्यता देगी। यह अभिनव प्रयोग हरियाणा की स्कूल एजुकेशन में मील का पत्थर साबित होगा।
खुलेंगे रोजगार के नए द्वार
स्किल इनोवेटिव स्कूल खुलने के बाद रोजगार के नए मार्ग प्रशस्त होंगे। इसके माध्यम से विद्यार्थी स्कूल एजुकेशन के दौरान ही कौशल की तरफ आकर्षित होंगे और उच्चतर शिक्षा में भी वोकेशनल तथा स्किल एजुकेशन के प्रति रुझान बढ़ेगा। स्किल सेट में आईटी, ऑटोमोटिव, एग्रीकल्चर और टेक्सटाइल डिजाइन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्यूटी वेलनेस, डिजाइन मेकिंग, फाइनेंशियल लिटरेसी, हैंडीक्राफ्ट्स, मास मिडिया, हेल्थ केयर, फिजिकल एक्टिविटी ट्रेनर, फूड प्रोडक्शन व सिक्योरिटी जैसे विषय शामिल हैं।
बैठक में शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. महावीर सिंह, रोजगार विभाग के आयुक्त एवं सचिव विजय दहिया, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू, कुल सचिव प्रोफेसर आर एस राठौड़, स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अंशज सिंह, सीबीएसई के निदेशक डॉ. विश्वजीत साहा भी मौजूद थे।