CHANDIGARH: अंत्योदय की भावना से पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के उत्थान के अपने संकल्प को दोहराते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नव वर्ष के अवसर पर प्रदेश के सबसे गरीब 1 लाख परिवारों के उत्थान की घोषणा की, ताकि ऐसे परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत कर उन्हें मुख्यधारा में लाया जा सके।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज यहां हरियाणा निवास में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। प्रदेशवासियों को नव वर्ष की शुभकामनाएं देने के साथ ही उन्होंने इस अवसर पर नव वर्ष 2021 का कैलेंडर भी जारी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मार्च, 2021 के बाद से परिवार पहचान पत्र पोर्टल के माध्यम से प्रदेश में सब से कम पारिवारिक आय वाले, ऐसे 1 लाख गरीब परिवारों का चयन किया जाएगा और उनका जीवन स्तर ऊंचा उठाने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ऐसे परिवारों के सदस्यों का कौशल विकास करने, जिनके पास रोजगार नहीं हैं उन्हें रोजगार के अवसर मुहैया करवाने और वित्तीय सहायता प्रदान करने पर जोर देगी। साथ ही यदि किसी परिवार का कोई पैतृक कार्य है तो उसे प्रोत्साहन देने के लिए भी सरकार द्वारा सहयोग किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार के कौशल विकास से लेकर रोजगार मुहैया करवाने के इस विशेष अभियान का उद्देश्य ऐसे परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर परिवार अपना भरण पोषण कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष के दौरान भी राज्य सरकार प्रदेश और लोगों के सर्वांगीण विकास एवं प्रगति के लिए निरंतर कार्य करती रहेगी और समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए नई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
वर्ष 2020 के दौरान राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं के वितरण को सुनिश्चित करने के लिए लगभग 30 पोर्टल और विभिन्न डिजिटल कार्यक्रम शुरू किए हैं। अटल सेवा केंद्रों, अंत्योदय सरल केंद्रों और ई-दिशा केंद्रों के माध्यम से आमजन इनका लाभ उठा रहे हैं।
मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के नागरिकों को सभी सेवाओं और योजनाओं को सरल और बेहतर ढंग से उपलब्ध कराने में देश में अग्रणी रहने पर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने हरियाणा को अंत्योदय सरल पोर्टल के लिए डिजिटल इंडिया अवार्ड 2020 से सम्मानित किया है। हरियाणा को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा ‘एक्सीलेंस इन डिजिटल गवर्नेंस – स्टेट/यूटी’ की श्रेणी में प्लेटिनम अवार्ड दिया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में लोगों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ समयबद्ध और परेशानी मुक्त तरीके से उनके घर द्वार पर पहुंचाने के लिए ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया गया ताकि काम में कोई देरी न हो और जवाबदेही सुनिश्चित हो। कोविड-19 महामारी के दौरान विभिन्न विभागों के अभिनव कदम उठाने के प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ‘ई-संजीवनी’, ऑनलाइन चिकित्सा सेवाएं और परामर्श सेवाएं शुरू की गई। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले की किसी भी तहसील में सम्पति दस्तावेजों के पंजीकरण की सुविधा की भी शुरुआत की गई है। यह 1 अप्रैल, 2021 से प्रारम्भ होगी। इससे एक तहसील में स्थित सम्पति का पंजीकरण जिला में स्थित किसी अन्य तहसील में भी किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बाद में ऐसी व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे किसी भी जिले में स्थित सम्पति का पंजीकरण प्रदेश के अन्य किसी भी जिले में हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि जमीन की रजिस्ट्री से संबंधित कार्यों में विसंगतियों को रोकने के लिए ई-पंजीकरण पोर्टल लॉन्च किया गया। इसके अलावा, समेकित हरियाणा भू-रिकॉर्ड सूचना प्रणाली (वेब हैलरिस) के माध्यम से भूमि रिकॉर्ड को पूरी तरह से डिजिटलाइज किया जा रहा है। इस प्रणाली को सभी तहसीलों में लागू किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए किसान कल्याण प्राधिकरण को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों के साथ बातचीत करें और किसानों को सही बीज का उपयोग करने की सलाह दें जो उनके लिए आर्थिक रूप से व्यवहार्य होगा। उन्होंने कहा कि हाल ही में बागवानी विभाग को राज्य में अंजीर की खेती की संभावनाएं तलाशने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
मनोहर लाल ने कहा कि सुशासन दिवस के अवसर पर बागवानी फसलों के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना की घोषणा की गई है। इसके तहत फसलों की आश्वसत राशि 30,000 रुपये प्रति एकड़ सब्जियों व मसालों और फलों के लिए 40,000 रुपये प्रति एकड़ होगी। इसमें किसान का योगदान/ हिस्सा आश्वशत राशि का केवल 2.5 प्रतिशत होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘प्रगतिशील किसान सम्मान योजना’ के तहत राज्य सरकार ने ऐसे प्रगतिशील किसानों को पंजीकृत करने का निर्णय लिया है जो कम से कम 10 किसानों को अपनी सर्वश्रेष्ठ कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना के तहत अब तक विभिन्न बैंकों द्वारा 1.07 लाख कार्ड स्वीकृत किए गए हैं और 21,000 कार्ड वितरित किए जा चुके हैं और शेष जल्द ही वितरित किए जाएंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि न्यायधीश दया चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों पर विचार करते हुए राज्य सरकार ने ऐसे कैदियों जिन्हें सात साल की सजा हुई है या जो अंडर ट्रायल हैं और उनकी सजा सात साल तक बनती है, उनकी पैरोल अवधि को बढ़ाने का निर्णय लिया है। 2471 कैदियों की पैरोल अवधि 15 फरवरी, 2021 तक तथा 2471 कैदियों की पैरोल अवधि 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाई गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी. एस. ढेसी, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव अमित अग्रवाल और श्रीमती आशिमा बराड़, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक पी. सी. मीणा उपस्थित थे।