पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा-हठधर्मिता छोड़कर सकारात्मक नजरिए से आगे बढ़े सरकार, राष्ट्र हित में नहीं किसानों की अनदेखी
CHANDIGARH: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार से आंदोलनरत किसानों के साथ बातचीत बहाल करने की मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित में सरकार को किसानों की मांग मानते हुए सम्मानपूर्वक समाधान निकालना चाहिए। आंदोलन को 6 महीने पूरे हो चुके हैं। बड़ी तादाद में किसान अपना घर-परिवार छोड़कर दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं। ऐसे में जरूरी है कि सरकार हठधर्मिता छोड़कर सकारात्मक नजरिए के साथ आगे बढ़े। हुड्डा ने कहा कि पिछले दिनों संयुक्त किसान मोर्चा ने एक कदम आगे बढ़कर सरकार को बातचीत के लिए प्रस्ताव भेजा है। अब सरकार को भी दो कदम आगे बढ़ते हुए बातचीत को सिरे चढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए। हुड्डा ने कहा कि उन्होंने आजाद भारत के इतिहास में इतना बड़ा अनुशासित आंदोलन नहीं देखा। 400 से ज्यादा कुर्बानियों के बावजूद किसान विचलित नहीं हुए। सर्दी, बारिश और गर्मी की मार झेलते हुए वो लगातार सत्याग्रह के रास्ते पर चलकर संघर्ष कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पहले दिन से किसानों के आंदोलन का गढ़ हरियाणा के बॉर्डर हैं। ऐसे में हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वो केंद्र सरकार पर किसानों की मांगें मानने का दबाव बनाए। सरकार को समझना चाहिए कि ये वहीं किसान हैं जो देश का पेट पालते हैं। इन्होंने ही देश के अनाज भंडारों को भरने और इस महामारी के दौर में अर्थव्यवस्था को भी संभालने का काम किया है। कोरोना काल में जब अर्थव्यवस्था नकारात्मक गति से आगे बढ़ रही थी तब, सिर्फ कृषि क्षेत्र ही था जो किसानों की मेहनत के बूते सकारात्मक गति से तरक्की करता रहा और इसने अर्थव्यवस्था को संभाला। सरकार को किसानों की महत्ता को समझना चाहिए। इतने बड़े तबके की अनदेखी सरकार और राष्ट्र के हित में नहीं है। देश का अन्नदाता आज सरकार की अनदेखी, मंदी, महंगाई और महामारी के बीच फंसा हुआ है। अपने नागरिकों की जायज मांगों को मानना हर लोकतांत्रिक सरकार का दायित्व बनता है।