NEW DELHI: सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि दूरसंचार नेटवर्क की 5G तकनीक का कोविड महामारी फैलने से कोई संबंध नहीं है। दरअसल, कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आम जनता को दिग्भ्रमित करने के लिए भ्रामक संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं। इन भ्रामक संदेशों में लिखा जा रहा है कि 5 जी मोबाइल टावरों के परीक्षण से कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई है, जो कि बिल्कुल गलत है।
5जी ट्रायल शुरू किए जाने वाले दावों को संचार मंत्रालय ने बताया फर्जी
इस बाबत संचार मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह तथ्य निराधार और गलत है और इसमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। आगे जोड़ते हुए मंत्रालय ने यह भी कहा कि 5G तकनीक को कोविड महामारी से जोड़ने के दावे बेबुनियाद और फर्जी हैं। असल में इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
गौरतलब हो, भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने बीती 4 मई को दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 5जी तकनीक के उपयोग और एप्लीकेशन के लिए परीक्षण करने की अनुमति दी थी। हालांकि संचार मंत्रालय का कहना है कि अभी 5G नेटवर्क का परीक्षण भारत में कहीं भी शुरू नहीं हुआ है।
5G तकनीक का ट्रायल देश में कहीं नहीं हुआ शुरू
बता दें, 5जी तकनीक का विकास आईआईटी मद्रास वायरलेस टेक्नोलॉजी के उत्कृष्ट केंद्र (सीईडब्ल्यूआईटी) और आईआईटी हैदराबाद द्वारा विकसित किया गया है। इसके तहत टेलिकॉम सेवाएं देने वाली कंपनियां भारत के विभिन्न स्थानों पर 5जी ट्रॉयल शुरू करेंगी। ~(PBNS)