अधिकारियों के यात्रा खर्च पर अंकुश लगाने का फैसला प्रशासक ने देर से लिया: राजीव शर्मा
CHANDIGARH, 8 AUGUST: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने स्थानीय अफसरों द्वारा चंडीगढ़ के बाहर अपनी विलासतापूर्ण यात्राओं और प्रवास पर किए जा रहे भारी खर्च को कम करने के लिए केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक द्वारा जारी किए गए निर्देशों को बहुत कम और बहुत देर से दिया गया फैसला बताया है।
यहां जारी एक बयान में चण्डीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि जहां आम आदमी अपने व्यवसाय में कड़ी मेहनत करता है और उसके बाद अपनी दैनिक आवश्यकताओं में कटौती के बाद भारी करों का भुगतान करता है, वहीं बेपरवाह नौकरशाह जनता द्वारा दिए गए टैक्सों को अपने ऐशो आराम पर बेरहमी से बर्बाद करने में कोई शर्म नहीं दिखाते हैं। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस यह पुरजोर मांग करती है कि पिछले 3 वर्षों में नौकरशाहों द्वारा अपनी यात्राओं पर किए गए खर्च का तुरंत विशेष ऑडिट किया जाना चाहिए और करदाताओं के पैसे को बर्बाद करने की घटनाओं को न केवल सार्वजनिक किया जाना चाहिए, बल्कि ऐसे सभी अतिरिक्त खर्चों को संबंधित अधिकारियों के वेतन से वसूला जाना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “चंडीगढ़ के नौकरशाह पब्लिक के टैक्सों से प्राप्त उस धनराशि का एक हिस्सा जो शहर के विकास और जनकल्याण के कार्यों के लिए निर्धारित होती है, अपनी विलासिता और ऐशो आराम पर खर्च कर देते हैं। ऐसे अफ़सरों को केवल अपने आप में सुधार करने के लिए कहना ही काफ़ी नहीं है, बल्कि ऐसे मामलों में फ़िजूलखर्च किए गए धन को वापस लाने के उपाय भी किए जाने चाहिए।
इसके अलावा अपनी समस्याओं के निवारण के लिए सरकारी कार्यालयों का दौरा करने के दौरान आम जनता को होने वाली कठिनाइयों पर चिंता व्यक्त करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने नौकरशाहों से अपनी सामंती मानसिकता को छोड़ने और लोगों के सामने आने वाली कठिनाइयों को सहानुभूति के साथ समझने और उनके उचित एवं न्यायसंगत समाधान तलाशने के प्रयास करने का आग्रह किया।