GOOD MORNING: मार्केट्स से ऑड-ईवन हटेगा या वीकेंड लॉकडाउन, फैसला आज

प्रशासन शाम को कोविड वार रूम मीटिंग में करेगा स्थिति की समीक्षा

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने प्रशासक से की बात, सीबीसी ने भी वीकेंड लॉकडाउन के खिलाफ बदनौर को लिखा पत्र

कांग्रेस ने कहा-जब कोरोना दो महीने के लॉकडाउन से काबू नहीं आया तो क्या गारंटी है कि वीकेंड लॉकडाउन से भाग जाएगा

CHANDIGARH: कोरोनाकाल में लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए शहर के रेहड़ी मार्केट्स के दुकानदारों के लिए आज का दिन अहम है। क्योंकि रेहड़ी मार्केट्स के लिए ऑड-ईवन सिस्टम खत्म होगा या शहर के सभी बाजारों के लिए वीकेंड लॉकडाउन हटाया जाएगा, इसका फैसला शुक्रवार को प्रशासन की उच्च स्तरीय कोविड वार रूम मीटिंग में होगा। इसलिए आज दूसरे सभी बाजारों की भी नजर इस मीटिंग पर रहेगी। इस बीच, चंडीगढ़ बिजनेस काउंसिल (सीबीसी) ने शहर में वीकेंड लॉकडाउन खत्म करने की वकालत की है। भाजपा, कांग्रेस और व्यापारी नेता पहले ही प्रशासन पर दबाव बनाए हुए हैं।

रेहड़ी मार्केट्स ज्यादा प्रभावित
गौरतलब है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर गत शनिवार को ही शहर में वीकेंड (शनिवार व रविवार) लॉकडाउन लागू किया है। चंडीगढ़ में इस आदेश का मुख्य प्रभाव केवल बाजारों पर है, क्योंकि शनिवार व रविवार को सभी सरकारी दफ्तर और अधिकांश प्राइवेट संस्थान पहले से ही बंद रहते हैं। हालांकि कोरोनाकाल में इस वीकेंड लॉकडाउन की मार हर बाजार पर पड़ी है लेकिन रेहड़ी मार्केट्स ज्यादा प्रभावित हुए हैं। क्योंकि रेहड़ी मार्केट्स में ऑड-ईवन के आधार पर दुकानें खोलने का आदेश पहले से लागू है। ऐसे में लगभग हर दुकानदार को सप्ताह में दो-तीन बार ही अपनी दुकान खोलने का मौका मिलेगा।

मंगलवार को शहर के सभी रेहड़ी मार्केट्स की एसोसिएशनों के प्रधान सेक्टर-22 की शास्त्री मार्केट में जुटे।

क्या कमाएं, क्या खाएं?
दुकानदारों
का कहना है कि इन दो-तीन दिनों में वह क्या कमा पाएगा और क्या खाएगा। दुकान के कर्मचारियों का वेतन अलग से देना है, जबकि कोरोनाकाल में व्यापार वैसे ही तीन महीने ठप्प रहा है। अब थोड़ा पटरी पर लौटने लगा तो प्रशासन ने ऑड-ईवन फार्मूले के साथ वीकेंड लॉकडाउन लागू करके फिर व्यापार को तीन महीने पहले वाली स्थिति में पहुंचा दिया है।

रेहड़ी मार्केट्स ने आंदोलन की दी है चेतावनी
इस स्थिति
को देखते हुए मंगलवार को शहर के सभी रेहड़ी मार्केट्स की एसोसिएशनों के प्रधान सेक्टर-22 की शास्त्री मार्केट में जुटे और मीटिंग करके प्रशासन को आंदोलन की चेतावनी दी। इस मीटिंग में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल समूह के संयोजक कैलाश चंद जैन ने विशेष रूप से हिस्सा लिया, जबकि सेक्टर-22 शास्त्री मार्केट के प्रधान जसविंदर नागपाल लाटी, सेक्टर-19 पालिका मार्केट के प्रधान नरेश जैन, सेक्टर-19 सदर बाजार के प्रधान नरेंद्र सिंह रिंकू, सेक्टर-41 कृष्णा मार्केट के प्रधान सुनील जैन, सेक्टर-15 पटेल मार्केट के प्रधान सुनील कुमार महाजन सहित इन मार्केट्स से कई पदाधिकारी मीटिंग में शामिल हुए।

चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद।

अरुण सूद की बातचीत के बाद एडवाइजर ने दिए संकेत

इस मीटिंग के बाद कैलाश चंद जैन ने इस मामले को चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद के समक्ष उठाया। सूद ने भी माना कि ऑड-ईवन फार्मूला और लॉकडाउन दोनों एक साथ लागू करना सरासर गलत है। बताया गया है कि इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से बात की है और व्यापारियों की समस्याओं से उन्हें अवगत करा दिया है। इसके बाद प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा ने कल मीडिया को संकेत दिए कि प्रशासन वीकेंड लॉकडाउन व ऑड-ईवन को लेकर समीक्षा कर रहा है।

क्या है संभावना?
माना
जा रहा है कि आज शाम को प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की अध्यक्षता में होने वाली कोविड वार रूम की मीटिंग में वीकेंड लॉकडाउन व ऑड-ईवन में से किसी एक को हटाने पर मुहर लग सकती है। वैसे सूत्रों ने ज्यादा संभावना ऑड-ईवन सिस्टम खत्म होने की जताई है। हालांकि प्रशासन वीकेंड लॉकडाउन के बजाय शहर के सभी बाजारों में एक बार फिर ऑड-ईवन सिस्टम लागू करने पर भी विचार कर रहा है।

चंडीगढ़ बिजनेस काउंसिल अध्यक्ष नीरज बजाज।

व्यापारी के लिए जान के साथ जहान भी जरूरी: नीरज बजाज
चंडीगढ़
बिजनेस काउंसिल (सीबीसी) ने एक बार फिर वीकेंड लॉकडाउन का कड़ा विरोध करते हुए प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को पत्र लिखा है। सीबीसी के अध्यक्ष नीरज बजाज ने कोरोनाकाल के इस चुनौतीपूर्ण हालात में प्रशासन के कामकाज को सराहते हुए पत्र में कहा है कि पिछले सप्ताह वीकेंड लॉकडाउन ने शहर के व्यापारी समुदाय को झकझोर दिया है। क्योंकि सभी दुकानदार और व्यापारी पहले ही लॉकडाउन में बहुत भारी नुक्सान उठा चुके हैं और अब सातों दिन व्यापार करके अपने महीने का खर्च निकालने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन सप्ताह में दो दिन के लॉकडाउन ने फिर 40 फीसदी तक कारोबार को नुक्सान पहुंचाया है। नीरज बजाज ने कहा कि इस नुक्सान के चलते व्यापारी दुकान का किराया, बिजली-पानी बिल, कर्मचारियों की सैलरी, घर के तय खर्च कैसे निकाल पाएगा। नीरज बजाज ने प्रशासक से पत्र में कहा है कि व्यापारी के लिए जान के साथ जहान भी जरूरी है। इसलिए वीकेंड लॉकडाउन के फैसले पर पुनर्विचार कर व्यापारियों को राहत प्रदान करेंं।

चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मेयर सुभाष चावला।

प्रशासन पता नहीं क्यों सोच रहा है कि शहर में कोरोना खुली दुकानों की वजह से ही फैल रहा है: चावला

चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मेयर सुभाष चावला ने भी वीकेंड लॉकडाउन के फैसले को गलत बताते हुए इस पर सवाल उठाए हैं। चावला ने एक बयान में कहा कि शनिवार को वीकेंड लॉकडाउन के पहले ही दिन उनका एक कालोनी में जाना हुआ। वहां लगा ही नहीं कि किसी को कोरोना का डर है। मुश्किल से 10 प्रतिशत लोगों ने ही मास्क पहना हुआ था। सोशल डिस्टेंसिंग का भी कोई पालन नहीं दिखा। कालोनी के साथ लगते गांव के लोग भी बिना मास्क के वहां घूम रहे थे। सब्जी-फल आदि की दुकानों पर ऐसी भीड़ थी कि जैसे लोग किसी मेले में खरीददारी कर रहे हों। बच्चे भी बिना मास्क ही खेल रहे थे। प्रशासन पता नहीं क्यों सोच रहा है कि शहर में कोरोना खुली दुकानों की वजह से ही फैल रहा है।

जमीनी काम करने के बजाय बेतुके फैसले कर रहा प्रशासन
पूर्व मेयर
सुभाष चावला ने कहा कि चंडीगढ़ में जब लगातार दो महीने रहे लॉकडाउन से कोरोना पर कंट्रोल नहीं हुआ तो क्या गारंटी है कि वीकेंड लॉकडाउन से कोरोना भाग जाएगा? उन्होंने कहा कि लोग रोज विदेशी विडियोज में देख रहे हैं कि कैसे वहां सरकारी अमला हर मार्केट, बिल्डिंग, दफ्तर, रिहायशी इलाकों और लेन में सैनेटाइजेशन कर रहा है, पर चंडीगढ़ प्रशासन ऐसा कुछ न करके बेतुके फैसले कर रहा है।

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