CHANDIGARH: चंडीगढ़ के पूर्व सांसद एवं भारत सरकार के अपर महासॉलिसिटर सत्यपाल जैन ने कहा कि अब समय आ गया है कि जब भारतीय भाषाओं को सरकारी कामकाज एवं अदालतों सहित जीवन के हर क्षेत्र में अधिक महत्व दिया जाए तथा स्कूलों में प्रारंभिक शिक्षा बच्चों को मातृ भाषा में ही दी जाए।
जैन पंजाब विश्वविद्यालय में भारत के ‘संविधान दिवसÓ के उपलक्ष्य में आयोजित एक वेबिनार को सम्बोधित कर रहे थे। जैन ने कहा कि भारत का संविधान एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो नागरिकों के अधिकारों के साथ-साथ उनके कर्तव्यों की भी व्याख्या करता है। उन्होंने कहा कि जहां अधिकार है वहीं उसके साथ कर्तव्य भी हैं। जैन ने कहा कि भारत का संविधान समस्त दुनिया में सबसे अच्छा संविधान है तथा इसके अंतर्गत काम करना सबका कर्तव्य है।
जैन ने कहा कि भारत के संविधान ने सभी संस्थाओं के कार्य की अलग-अलग अच्छी व्याख्या की है, जिसमें सभी संस्थाएं अपने-अपने क्षेत्र में सर्वोच्च हैं।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉ. तमन्ना सहरावत तथा लॉ विभाग के डॉ. भरत ने कहा कि भारत के संविधान ने अपेक्षा की है कि सभी संस्थाएं ईमानदारी, दयानदारी एवं प्रतिबद्धता से अपना-अपना कार्य करेंगी। इस वेबिनार में डॉ. शालिनी, प्रो. दविन्दर, डॉ. सुदीप कौर चीफ जूडिशियल खरड़ ने भी अपने विचार रखे तथा इस संबंध में हुई परिचर्चा में भाग लिया।