CHANDIGARH, 3 OCTOBER: प्रदेश में ऑनलाइन फ्रॉड के नए तरीके से मामले लगातार संज्ञान में आ रहे है। इसके लिए हरियाणा पुलिस लगातार लोगों को जागरूक भी कर रही है, बावजूद इसके लोग साइबर ठगों के चुंगल में फंस रहे हैं। ऐसे मामलों में बेहद जरूरी है कि बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल किया जाए, ताकि इस तरह के फ्रॉड के मामलों को रोका जा सके।
एडीजीपी क्राइम ओपी सिंह ने लोगों से अपील करते हुए कहा, ऐसे किसी भी प्रकार नौकरी के झूठे प्रलोभन में ना आएं, बिना सोचें समझें किसी निजी जानकारी किसी के साथ शेयर ना करें। आपको प्राप्त हुए अनावश्यक लिंक को क्लिक ना करें। साथ ही इन लिंक के माध्यम से ही साइबर ठग आपकी निजी जानकारी हासिल करके आपके साथ ठगी करते हैं और आपकी जमा पूंजी को हड़प जाते हैं तो ऐसे लोगों से सावधान रहना बहुत जरूरी है।
1930 ने बचाये सवा तीन लाख रूपए , टीचिंग की नौकरी का झांसा दे ठगे थे
पुलिस प्रवक्ता, राज्य अपराध शाखा ने जानकारी देते हुए बताया कि 27 सितम्बर को साइबर हेल्पलाइन 1930 पर सोनीपत निवासी महिला ने शिकायत दी। शिकायतकर्ता ने बताया उसको 25 सितम्बर को फ़ोन पर मैसेज प्राप्त हुआ जिसमें नौकरी का ज़िक्र था। नंबर पर सम्पर्क करने पर 50 हज़ार की सैलरी की नौकरी ऑफर की गयी और बदले में औपचारिकताएं पूरी करने को कहा गया। नौकरी के झांसे में आकर ठगों ने पीड़िता से पैसे की डिमांड की। जिसके लिए पीड़िता ने ठगों को सवा तीन लाख रूपए रूपए दे दिए। पीड़िता को जैसे ही ठगी का एहसास हुआ, उसने तुरंत अपनी शिकायत 1930 पर दी , जिस पर साइबर टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ट्रांसक्शन को रोक दिया। जानकारी देते हुए पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि ठगी की कुल रकम बचा ली गई है और खाते में वापस कर दी गयी है । आगे जानकारी देते हुए बताया कि आजकल साइबर अपराधीअच्छी कंपनी में नौकरी या पार्ट टाइम नौकरी दिलाने का झांसा देकर साइबर अपराधी, बेरोज़गारों से ठगी करते है।
कैसे बचें साइबर अपराधियों की चाल से
गूगल पर फर्जी नौकरियों का विज्ञापन जारी किया जाता है। जब बेरोजगार, गूगल के माध्यम से नौकरी सर्च करते हैं, तब वे साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस जाते हैं। नौकरी के लिए प्राधिकृत वेबसाइट पर ही जाएँ। जब भी सरकारी नौकरी के विज्ञापन अखबार व सरकारी वेबसाइट पर पब्लिश किये जाते है। इसके अलावा सरकार के अधिकारी और मंत्री भी घोषणा करते हैं। ऐसे में अगर कोई किसी भी झूठे प्रलोभन व फ़ोन पर आने वाले मैसेज पर कांटेक्ट करने से पहले उसकी पूर्ण रूप से पड़ताल करें। अगर कोई आप से नौकरी दिलवाने के लिए पैसे की मांग कर रहा है तो सतर्क हो जाएं।
अमेरिकी दोस्त बन ठगा, 1930 पर दी शिकायत तो बचाये 1.84 लाख रूपए
इंटरनेट क्रांति ने मीलों की दूरियां समेट दी हैं। सात समुंदर पार बैठा कोई भी शख्स पलक झपकते ही एक दूसरे के संपर्क में आ जाते हैं। लेकिन, इसके साइड इफेक्ट भी लगातार सामने आ रहे हैं। साइबर ठग अभी तक एटीएम सत्यापन का झांसा देकर या एटीएम कार्ड बदलकर ऑनलाइन शॉपिग करते हुए कमाई लूट रहे थे। मगर अब ठगों ने फेसबुक को ठगी का माध्यम बना लिया है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पंचकूला निवासी सुखदेव सिंह ने 1930 पर साइबर ठगी की शिकायत दर्ज करवाई, जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए साइबर टीम ने 1.84 लाख रूपए बचाने में सफलता हासिल की। शिकायतकर्ता ने बताया की उसके पास अनजान नंबर से कॉल आई जिसमें सामने वाले ने खुद को उसका दोस्त बताया। साइबर ठग ने सुखदेव सिंह को अपनी बातों में ले लिया और भरोसा दिलवा कर कहा कि उसे मेडिकल इमरजेंसी हो गयी है जिसके कारण उसे पैसों की सख्त ज़रूरत है। बातों में आने के कारण सुखदेव सिंह ने ऑनलाइन माध्यम से 2.90 लाख रूपए तुरंत भेज दिए। जैसे ही पीड़ित को ठगी समझ आई उसने 1930 पर शिकायत दर्ज कार्रवाई जिसपर कार्रवाई करते हुए साइबर टीम ने 1.84 लाख रूपए बचाने में सफलता हासिल की है। विदित है की हरियाणा पुलिस द्वारा हाल ही में विदेशी रिश्तेदार बनकर की जाने वाली ठगी से सावधान करने के लिए एडवाइजरी जारी की है। जिसमें जनता को जागरूक करते हुए बताया गया था की किसी भी अनजान नंबर पर भरोसा ना करें। पैसे के लेन देन से पहले पूरी जांच परख ज़रूर करें। अक्सर साइबर ठग इमरजेंसी के नाम पर पैसे मांगते है और अंतर्राष्ट्रीय कॉल की सुविधा कम होने के कारण लोग ठगी में आ जाते है। पिछले हफ्ते ही 1930 पर की गयी शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए साइबर टीम ने विदेशी दोस्त बनकर ठगी करने वालों पर शिकंजा कसते हुए अलग अलग केसों में साढ़े तीन लाख रूपए से अधिक बचाने में सफलता हासिल की है ।