GeM: अब छोटा से छोटा दुकानदार सरकार को बेच सकता है अपना सामान

NEW DELHI, 29 MARCH: हाल ही में पीएम मोदी ने वित्तवर्ष 2021-22 में एक लाख करोड़ रुपए की वार्षिक खरीद अर्जित करने के लिए ‘गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस’ यानि ‘GeM’ की प्रशंसा की थी। उस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि ‘GeM’ प्लेटफॉर्म विशेषकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को मजबूत बनाने का काम कर रहा है।

एक लाख करोड़ रुपए की कीमत के मिले ऑर्डर

पीएम मोदी ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए लिखा कि, “यह जानकर प्रसन्नता हुई कि@GeM_India ने अकेले एक वर्ष में एक लाख करोड़ रुपए की कीमत के ऑर्डर प्राप्त किए हैं। यह पिछले वर्ष की तुलना में महत्त्वपूर्ण वृद्धि है। जीईएम प्लेटफॉर्म विशेषकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को मजबूत बना रहा है।

ऑर्डरों की कुल कीमत का 57% आता है इसी सेक्टर से

आगे जोड़ते हुए पीएम मोदी ने बताया कि ‘GeM’ प्लेटफॉर्म ऑर्डरों की कुल कीमत का 57 प्रतिशत इसी सेक्टर से आता है। ‘ई-कॉमर्स’ का कारोबार दुनियाभर में दिन दूना रात चौगुना तेज गति से बढ़ रहा है। इसलिए केंद्र सरकार ने भी गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस नामक पोर्टल बनवाया है। इसे जीईएम (GeM) भी कहा जाता है।

करीब सवा-लाख लघु उद्यमियों, छोटे दुकानदारों ने अपना सामान GeM पर बेचा

गौरतलब हो, घरेलू स्तर पर भी हमारे लघु उद्यमियों की सफलता हमें गर्व से भरने वाली है। पिछले एक साल में गवर्नमेंट ई मार्केट प्लेस (GeM) पोर्टल के जरिए देश के कोने-कोने से करीब-करीब सवा-लाख लघु उद्यमियों, छोटे दुकानदारों ने अपना सामान सरकार को सीधे बेचा है।

क्या है GeM?

गवर्नमेंट ई-मार्केट प्‍लेस यानी जीईएम राष्‍ट्रीय सार्वजनिक खरीददारी पोर्टल है जो केन्‍द्र और राज्‍य सरकार के विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों, स्‍वायत्त संस्‍थानों और स्‍थानीय निकायों की सभी खरीददारी जरूरतों के समस्‍त समाधान उपलब्‍ध कराता है। ‘9 अगस्‍त, 2016’ को इसका शुभारंभ किया गया था। जीईएम ने प्रौद्योगिकी के उपयोग और खरीददारी को संपर्क रहित, कागज रहित और कैशलेस बनाकर सार्वजनिक खरीदारी का स्‍वरूप बदल दिया। जीईएम संवाद की अनुसूची जीईएम बेवसाइट https://gem.gov.in पर उपलब्‍ध है। आसान शब्दों में समझा जाए तो ‘GeM’ एक ऑनलाइन मार्केट है, जिससे कोई भी व्यक्ति सरकार के साथ बिजनेस कर सकता है। जी हां, इसके लिए केंद्र सरकार ने सभी सरकारी विभागों को गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस से जोड़ा हुआ है। तमाम क्षेत्रों में काम करने वाले उद्यमी व छोटे दुकानदार इस प्लेटफॉर्म की मदद से अपने तैयार माल को बेच सकते हैं। सरकारी विभाग अपने उपयोग के लिए वस्तुओं और सेवाओं को ई-पोर्टल जेम के जरिए खरीदते हैं, यानि सभी तरह की खरीदारी और उसका भुगतान ऑनलाइन होता है।

प्लेटफॉर्म के साथ जुड़कर कोई भी पात्र कर सकता है बिजनेस

कोई भी पात्र व्यक्ति ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ जुड़कर बिजनेस कर सकता है। कई अर्थों में यह सर्वसुलभ और सस्ता है। इसलिए आमलोग या कारोबारी इसमें खास दिलचस्पी ले रहे हैं। बताना चाहेंगे कि GeM, DGS&D द्वारा होस्ट किए गए वन स्टॉप गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस का संक्षिप्त रूप है, जहां आम उपयोगकर्ता सामान और सेवाओं की खरीद की जा सकती है। GeM सरकारी अधिकारियों द्वारा खरीद करने के लिए गतिशील, आत्मनिर्भर और उपयोगकर्ता के अनुकूल पोर्टल है।

आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने में करेगा मदद

पीएम मोदी के भारत को आत्‍मनिर्भर बनाने के ‘वोकल फॉर लोकल’मुहिम को गवर्नमेंट ई मार्केट प्लेस के जरिए काफी बढ़ावा मिल रहा है। एक जमाना था जब बड़ी कम्पनियां ही सरकार को सामान बेच पाती थीं लेकिन अब देश बदल रहा है, पुरानी व्यवस्थाएं भी बदल रही हैं। अब छोटे से छोटा दुकानदार भी GeM portal पर सरकार को अपना सामान बेच सकता है- यही तो नया भारत है। ये न केवल बड़े सपने देखता है, बल्कि उस लक्ष्य तक पहुंचने का साहस भी दिखाता है, जहां पहले कोई नहीं पहुंचा है। इसी साहस के दम पर हम सभी भारतीय मिलकर ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना भी जरूर पूरा करेंगे। दरअसल, इस प्लेटफॉर्म पर भारत में भारतीयों द्वारा तैयार माल को ही बेचा जाता है। सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM-gem.gov.in) सरकारी मंत्रालयों और विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य शीर्ष कंपनियों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के तरीके को बदलने के उद्देश्य से सरकार का एक बहुत ही साहसिक कदम है। पीएम मोदी ने सचिवों के समूह की सिफारिशों के आधार पर सरकारी संगठनों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा खरीदे गए विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के लिए एक समर्पित ई बाजार स्थापित करने का निर्णय लिया था। जिसका उद्देश्य था वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद और बिक्री के लिए डीजीएसएंडडी को एक डिजिटल ई-कॉमर्स पोर्टल में बदलना।

GeM को बनाने में लगा कितना समय ?

गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (GeM), को पांच महीने के रिकॉर्ड समय में बनाया गया है। विभिन्न सरकारी विभागों, संगठनों, सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा आवश्यक सामान्य उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की सुविधा प्रदान करता है।

GeM का उद्देश्य

GeM का उद्देश्य सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता, दक्षता और गति को बढ़ाना है। यह सरकारी उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए, उनके पैसे का सर्वोत्तम मूल्य प्राप्त करने के लिए ई-बोली, रिवर्स ई-नीलामी और मांग एकत्रीकरण के उपकरण प्रदान करता है।

जानिए कौन व्यक्ति कर सकता है बिक्री?

इस प्लेटफॉर्म पर आखिर कौन बिक्री कर सकता है? इस सवाल का जवाब है, कोई भी सेलर्स जो टैक्सेबल और सर्टिफाइड प्रोडक्ट बेच रहा है, वह अपना प्रोडक्ट यहां बेच सकते हैं। गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पर जाकर रजिस्‍ट्रेशन करवा कर, फिर अगर भारत सरकार का कोई डिपार्टमेंट उस सामान को खरीदने के लिए टेंडर निकालता है तो आपको इसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके बाद आप भी इस टेंडर के लिए बोली लगा सकते हैं।

आज GeM के साथ कुल 40 लाख से अधिक पंजीकृत विक्रेता और सेवा प्रदाता

आज GeM के साथ कुल 4,028,796 पंजीकृत विक्रेता और सेवा प्रदाता तथा 59,396 सरकारी खरीदार संगठन शामिल हैं। GeM पोर्टल पर करीब 9500 से भी अधिक उत्पाद श्रेणियां है। उसके अलावा पोर्टल पर 263 सेवा श्रेणियां दी गई हैं। वहीं इस पोर्टल पर कुल 5,362,699 उत्पादों को बेचा गया है। सर्विस ऑफर 142,552 है। जबकि 9,782,490 आदेश लिए जा चुके हैं। राज्‍य सरकारें, संगठन तथा सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम अपनी खरीदारी जरूरतों के लिए जीईएम का उपयोग कर रहे हैं। राज्‍य के विक्रेता पोर्टल का उपयोग करते हुए राष्‍ट्रीय सार्वजनिक खरीद बाजार तक पहुंच के माध्‍यम से लाभान्वित हो रहे हैं। जीईएम संवाद के माध्‍यम से बाजार उपयोगकर्ताओं से प्रतिक्रिया प्राप्‍त करने के लिए उत्‍सुक है जिनका इस प्रणाली का सुधार और विकास करने में उपयोग किया जाएगा।

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