NEW DELHI, 17 MAY: देश के सभी संग्रहालयों में लोग 16 मई से 20 मई तक निशुल्क प्रवेश कर सकेंगे। 18 मई को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के मौके पर संस्कृति मंत्रालय ने 16 मई से 20 मई तक सभी संग्रहालयों में कई तरह के आयोजन करने का फैसला लिया है।
अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर लिया फैसला
आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में 18 मई को आगामी अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (आईएमडी) के अवसर पर राष्ट्रीय संग्रहालय (नई दिल्ली), राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु), इलाहाबाद संग्रहालय (प्रयागराज), भारतीय संग्रहालय (कोलकाता), विक्टोरिया मेमोरियल हॉल (कोलकाता), सालार जंग संग्रहालय (हैदराबाद) और साइंस सिटी और राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (भारत भर में 24 स्थानों पर) के अंतर्गत आने वाले केंद्र इस पूरे सप्ताह में विशेष पहल कर रहे हैं।
इंडियन म्यूजियम सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक
देश में इंडियन म्यूजियम, कोलकाता की गिनती सबसे पुराने संग्रहालयों में होती है। इसकी स्थापना वर्ष 1814 में हुई थी। भारतीय संग्रहालय एशिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने विश्वकोश संग्रहालयों में से एक है। यह मूलतः 1784 में सर विलियम जोन्स द्वारा स्थापित एशियाटिक सोसाइटी से संबंधित है, जो बाद में “इंपीरियल म्यूजियम” नामक एक अलग इकाई के रूप में विकसित हुआ, कुछ और बाद में इसे “इंडियन म्यूजियम, कलकत्ता” के रूप पहचान मिली, जिसकी स्थापना नाथनियल वालिच नाम के एक डेनिश वनस्पतिशास्त्री के नेतृत्व में वर्ष 1814 में हुई थी। वर्तमान में यह भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय महत्व का संग्रहालय है। प्रारंभ में यह संग्रहालय “यहां आए सभी लेखों की पूर्वी परंपरा के अनुसार व्याख्या” के उद्देश्य के लिए स्थापित किया गया। आज यह एक आधुनिक संग्रहालय बनकर उभरा है, जिसके दायरे में स्वदेशी और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनों का एक विशाल भंडार है, जो कला, पुरातत्व, नृविज्ञान, प्राणी विज्ञान, भूविज्ञान और वनस्पति विज्ञान जैसे छह खंडों में फैला हुआ है। इन खंडों के अलावा संग्रहालयों, पुस्तकालय, प्रकाशन, मॉडलिंग, प्रस्तुति, फोटोग्राफी, संरक्षण इकाई की सहायता के लिए अन्य इकाइयां भी हैं।
कब से मनाया जा रहा है अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस
दुनियाभर में मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस को मनाने की प्रथा इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम ने शुरू की। सबसे पहले इस दिन को साल 1977 में मनाया गया। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजिम द्वारा हर साल अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस को मनाने के लिए एक थीम रखी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को संग्रहालय और धरोहरों के प्रति जागरूक करना है। फिर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 18 मई, 1983 को संग्रहालय की महत्ता को समझते हुए एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें हर साल अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाने की बात कही गई । इसका आयोजन अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद करती है। देश में इंडियन म्यूजियम, कोलकाता की गिनती सबसे पुराने संग्रहालयों में होती है। इसकी स्थापना वर्ष 1814 में हुई थी।
दुनिया भर में संग्रहालय की अवधारणा में आया बदलाव
दुनिया भर में संग्रहालय की अवधारणा में एक बदलाव आया है और भारतीय संग्रहालय इसके अपवाद नहीं हैं। अब भारतीय संग्रहालय अपनी संस्था को समुदायों के एक अभिन्न अंग के रूप में पुन: स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे संग्रहालय को मौलिक रूप से अपनी अवधारणा को बदलने और संग्रहालय का स्थान सुनिश्चित करने के लिए अधिक से अधिक सार्वजनिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संग्रहालय को अधिक से अधिक समावेशी बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके लिए केंद्र सरकार मदद कर रही है।
क्या है संग्रहालय का रोल ?
संग्रहालय में प्रदर्शित होने वाली कलाकृतियों और कार्यक्रमों के बीच एक सहजीवी संबंध रहा है जो लोगों को उनकी संस्कृति से जोड़ता है। संग्रहालय में रखी गयी कलाकृतियों में से प्रत्येक में भारत और पूर्वी दुनिया का इतिहास और संस्कृति समाहित है। भारतीय संग्रहालय एक ऐसा संस्थान है जो जहां एक ओर आपको अपने मित्रों, पड़ोसियों से मिलने, उनके विचार जानने और उनसे चर्चा करने के अवसर प्रदान करता है, वहीं समाज के सक्रीय सदस्य के रूप में आपको अंतरराष्ट्रीय संग्रहालयों में प्रवेश के भी अवसर प्रदान करता है।
आगंतुकों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने की पहल
भारतीय संग्रहालय ने अपनी रूचि और पसंद के अनुसार आगंतुकों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पहल की है। अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संग्रहालय विभिन्न डिजिटल उपकरणों और सॉफ्टवेयर के उपयोग द्वारा यहां संपन्न होने वाले कार्यक्रमों को अधिक मनोरंजक और ज्ञानवर्धन बनाने का उपक्रम किया जा रहा है, जिससे अधिक से अधिक लोग उनसे जुड़ सकें। भारतीय संग्रहालय कला, पुरातत्व और नृविज्ञान के क्षत्रों में नए वैज्ञानिक अनुसंधान कर इन विषयों से संबंधित स्थायी और अस्थायी प्रदर्शनियों का आयोजन समय समय पर करता रहता है। संग्रहालय में संरक्षित कलाकृतियों और संगोष्ठियों से जुड़े कार्यक्रमों और आयोजनों को विश्व भर के लोगों तक पहुंचाने के लिए उन्हें डिजिटल संस्करण में प्रलेखित किया गया है।
भारत सरकार ने चुराकर ले जायी गई धरोहरों को विदेशों से वापस लाने के प्रयास शुरू कर दिया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में अभी तक कई प्रतिमाओं व अमूल्य धरोहरों को देश वापस लाया जा चुका है। चुराकर ले जायी गई धरोहरों को विदेश से वापस लाने के सरकार के प्रयास, गौरवशाली विरासत के स्थानों का उत्सव मनाना, जलियांवाला स्मारक, बाबासाहेब की याद में पंच तीर्थ, स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय, आदिवासी इतिहास संग्रहालय जैसी जगहों पर स्वतंत्रता सेनानियों की यादों को संजोना इस दिशा में उठाए गए अहम कदम हैं।
प्रधानमंत्री संग्रहालय : देश को जानने-समझने का सुनहरा मौका
यदि आप अपने भविष्य को परिभाषित करना चाहते हैं तो पहले अपने इतिहास को जरूर पढ़ें। इसे भुनाने के लिए ‘अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ से बेहतर अवसर और क्या होगा ? जी हां, 18 मई को मनाए जाने वाले ‘अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ के मौके पर इस बार संस्कृति मंत्रालय ने 16 मई से 20 मई तक सभी संग्रहालयों में कई तरह के आयोजन करने का फैसला किया है। केवल इतना ही नहीं, इस बीच देश के सभी संग्रहालयों में लोग 16 मई से 20 मई तक नि:शुल्क प्रवेश पा सकेंगे। ऐसे में आप इस बार एक ऐसे नए म्यूजियम भी जा सकेंगे जो हाल ही में संग्रहालयों की कड़ी में सबसे अनोखा और नया म्यूजियम है। जी हां, हम बात कर रहे प्रधानमंत्री संग्रहालय की। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था।
नया क्या है ?
याद हो इस ऐतिहासिक वर्ष 2022 में जब हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं तो देशवासियों को देश की राजधानी दिल्ली में एक ऐसा संग्रहालय मिला जो देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों को समर्पित है। देश में मौजूद सभी संग्रहालयों में यह संग्रहालय नया और देशवासियों के लिए बेहद खास है। ऐसे में इसका सही इस्तेमाल आप भी कर सकते हैं।
देश के पूर्व पीएम को जानें करीब से
दिल्ली के तीन मूर्ति कॉम्प्लेक्स में स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय 21 अप्रैल से खुल गया है। इस संग्रहालय के भ्रमण से आप न सिर्फ देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे, बल्कि आप अपने इतिहास से भी रूबरू होंगे। याद हो, 14 अप्रैल 2022 को पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्रियों को समर्पित इस अत्याधुनिक तकनीकों से लैस म्यूजियम का अनावरण किया था।
संग्रहालय की विशेषताएं
प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाने की अनुमति 2018 में दी गई थी। इस म्यूजियम में पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन काल उनके संघर्ष और राजनीतिक सफर को बखूबी दर्शाया गया है। म्यूजियम पूरी तरह से हाइटेक है, जिसमें भारत के इतिहास को सहेजते हुए भविष्य की झलकियां दिखाई गई हैं।
भाषण सुनें लाइव की तरह
पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन काल से जुड़ी कई भौतिक चीजें इस म्यूजियम में मौजूद हैं। इसमें उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सामान, उनकी पसंदीदा चीजें एवं दर्जनों साक्षात्कार मौजूद हैं। इसके अलावा इस संग्रहालय में तकनीक के सहारे होलोग्राम के रूप में पूर्व प्रधानमंत्रियों के भाषण लाइव जैसा देखा-सुना जा सकेगा।
हर शाम लाइट एंड साउंड शो
संग्रहालय में पर्यटकों के लिए हर शाम लाइट एंड साउंड शो का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें अत्याधुनिक लाइट्स के सहारे तस्वीरें दिखाई जाएंगी। संग्रहालय में पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ आप अपनी जीवंत तस्वीरें भी ले सकते हैं।
ऑनलाइन-ऑफलाइन टिकट
अनावरण के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि एक सामान्य परिवार, साधारण गांव से आने वाले लोग भी हमारे देश में प्रधानमंत्री बने हैं। इस संग्रहालय में देश के पूर्व 14 प्रधानमंत्रियों की जीवन यात्रा, उनके संघर्ष, उनके कार्यकाल के दौरान उत्पन्न हुई चुनौतियों को बखूबी दर्शाया गया है। यूं तो 18 मई को मनाए जाने वाले ‘अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ के मौके पर इस बार संस्कृति मंत्रालय ने देश के सभी संग्रहालयों में 16 मई से 20 मई तक नि:शुल्क प्रवेश की छूट दी है लेकिन यदि आप इन दिनों के अलावा पीएम संग्रहालय जाना चाहते हैं तो आप इस संग्रहालय का लुत्फ उठाने के लिए टिकट ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यम से खरीद सकते हैं।
यहां से बुक करें टिकट
सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट https://www.pmsangrahalaya.gov.in/ से आप ऑनलाइन टिकट खरीद सकते हैं या आप संग्रहालय पहुंचकर भी टिकट ले सकते हैं।
पांच श्रेणियों में बांटे गए हैं टिकट
टिकटों को 5 श्रेणी में बांटा गया है, जिसकी न्यूनतम कीमत ₹75 और अधिकतम ₹200 रखी गई है। फिलहाल सिर्फ संग्रहालय देखने की बुकिंग हो रही है, जिसके लिए आपको ऑनलाइन ₹100 और ऑफलाइन ₹110 खर्च करना होगा। वहीं संग्रहालय प्लस लाइट और साउंड शो देखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको 150 ऑनलाइन और 160 रुपए ऑफलाइन खर्च करने होंगे। इतनी ही कीमत आपको संग्रहालय प्लस प्लैनेटोरियम का लुत्फ उठाने के लिए चुकानी होगी। अगर आपके पास पैसे थोड़े ज्यादा हों और आप इस संग्रहालय की हर एक चीज को देखना चाहते हैं तो उसके लिए आपको संग्रहालय प्लस प्लैनेटेरियम प्लस लाइट एंड शो का टिकट खरीदना होगा। इसके लिए आपको ₹200 चुकाने पड़ेंगे। इसी तरह लाइट एंड साउंड शो के लिए आपको सिर्फ ₹75 का टिकट लेना होगा।
कब से कब तक खुलेगा संग्रहालय
मार्च से अक्टूबर के महीने में म्यूजियम सुबह 10:00 बजे से शाम के 6:00 बजे तक खुला रहेगा। वहीं नवंबर से फरवरी के बीच सुबह 10:00 से शाम 5:00 के बीच म्यूजियम जा सकते हैं। तो देर किस बात की पूर्व प्रधानमंत्रियों की जीवन यात्रा और उनके कालखंड को समझने के लिए इस खूबसूरत संग्रहालय जरूर जाइए, ताकि आप भी उनसे प्रेरणा लेकर एक सजग नागरिक के रूप में राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकें।