चंडीगढ़ में पटाखे बैनः उद्योग व्यापार मंडल ने प्रशासक से फैसले पर पुनर्विचार का किया आग्रह, पटाखा विक्रेता भी नाराज

CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रशासन ने इस बार फिर फेस्टीवल सीजन में पटाखों पर बैन लगा दिया। इस बाबत आज आदेश जारी कर दिए गए, जिसमें कहा गया है कि अगले आदेश तक चंडीगढ़ में पटाखे चलाने, बेचने व भंडारण पर रोक रहेगी। बता दें कि कल ही चंडीगढ़ क्रेकर डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ ने प्रशासन को चेतावनी दी थी कि चंडीगढ़ से सटे पड़ोसी राज्यों के शहर पंचकूला व मोहाली में यदि पटाखों पर बैन नहीं लगता है तो चंडीगढ़ में भी पटाखे बैन न किए जाएं लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने पटाखों को लेकर पंचकूला व मोहाली के लिए फैसला होने से पहले ही आज चंडीगढ़ में पटाखे बैन कर दिए। इसको लेकर चंडीगढ़ क्रेकर डीलर्स एसोसिएशन से जुड़े तमाम पटाखा विक्रेता निराश व नाराज हैं। इस बीच, उद्योग व्यापार मंडल चंडीगढ़ के अध्यक्ष कैलाश चंद जैन ने भी प्रशासन के इस फैसले से असहमति व्यक्त की है। जैन ने प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित को ज्ञापन भेजकर चंडीगढ़ में पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध के फैसले पर पुनर्विचार करने का निवेदन किया है।

प्रशासक को भेजे ज्ञापन में कैलाश चंद जैन ने कहा है कि दीवाली व अन्य तीज-त्योहारों पर पटाखे चलाना हिंदू संस्कृति का हिस्सा है और देशभर में लाखों कारीगर व कारोबारी इस धंधे से जुड़े हुए हैं। अधिकतर दुकानदारों ने पटाखों की खरीदारी कर ली है अथवा खरीदी के लिए होलसेलरों व फैक्टरियों को एडवांस दिया हुआ है। इस प्रकार से प्रतिबंध लगाने से इन दुकानदारों का एक बार फिर करोड़ों रुपए का नुकसान हो जाएगा व त्योहारी सीजन भी खराब हो जाएगा। इतना ही नहीं, इस व्यवसाय से जुड़े लाखों कारीगर भी बेरोजगार हो सकते हैं।

कैलाश जैन का कहना है कि बेशक यह सत्य है कि प्रदूषण से अपने शहर की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है लेकिन प्रदूषण केवल पटाखों से ही नहीं फैलता। प्रदूषण के अन्य भी बहुत से कारण हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में ही नहीं, पूरे विश्व में पटाखे चलाना खुशी जाहिर करने का माध्यम है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश में पटाखों पर बैन नहीं है। ट्राइसिटी के तहत ही पंचकूला व मोहाली में पटाखों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। इसलिए केवल चंडीगढ़ में पटाखों पर प्रतिबंध लगाना दुकानदारों के साथ अन्याय है।

कैलाश जैन ने प्रशासक से यह भी कहा है कि पूर्व में भी पटाखे चलाने के लिए समय अवधि तय की गई थी। इस बार भी पटाखे चलाने की समय अवधि तय की जा सकती है लेकिन पटाखे बेचने पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए। उन्होंने जनहित में इस फैसले पर पुनर्विचार का निवेदन किया है। दूसरी तरफ, चंडीगढ़ क्रेकर डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के अध्यक्ष देविंदर गुप्ता तथा महासचिव चिराग अग्रवाल ने मोहाली व पंचकूला में पटाखों पर प्रतिबंध के बिना चंडीगढ़ में पटाखों पर रोक लगाए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि प्रशासन का यह फैसला पूरी तरह न तर्कसंगत है तथा न ही न्यायसंगत है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ क्रेकर डीलर्स एसोसिएशन इस मुद्दे पर तुरंत एक मीटिंग कर सभी पटाखा विक्रेताओं से सलाह-मशविरा करके अपने अगले कदम का फैसला करेगी।

प्रशासन को अल्टीमेटमः पंचकूला-मोहाली में पटाखे बैन नहीं हुए तो चंडीगढ़ में भी न हो रोक, फैसले में देरी हुई तो पटाखा कारोबारी डीसी ऑफिस पर देंगे धरना
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