CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने किसानों को केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा रोष प्रदर्शन के लिए निश्चित की गई जगह पर जाने के लिए की गई अपील को स्वीकार करने के लिए कहा है, जिससे उनके मसलों को हल करने के लिए बातचीत जल्द चलाने का रास्ता साफ होगा।
अमित शाह द्वारा किसानों के साथ जल्द विचार-विमर्श करने की पेशकश पर प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह किसान भाईचारे और मुल्क के हित में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शाह ने 3 दिसंबर से पहले किसानों के साथ बातचीत करने की पेशकश की है और उनका बयान यह दिखाता है कि केंद्र किसानों का पक्ष सुनने के लिए तैयार है, जो स्वागत योग्य कदम है।
उन्होंने कृषि कानून के मुद्दे पर पैदा हुई रुकावट तोडऩे के लिए बातचीत को ही एकमात्र हल बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब केंद्रीय गृह मंत्री यह स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत सरकार किसानों के साथ हरेक समस्या और माँग पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं और किसानों द्वारा दिल्ली में अपने रोष प्रदर्शन के लिए निर्धारित जगह पर शिफ्ट होने से अगले दिन ही बातचीत की जाएगी, तो इस सम्बन्ध में किसान नेताओं को भी आगे बढऩा चाहिए।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों द्वारा आमने-सामने बैठकर ही समस्या का हल निकाला जा सकता है। इस बात की तरफ इशारा करते हुए कि उनके विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य राजमार्गों को बंद करना और लोगों को परेशान करने का नहीं था बल्कि उनकी बात सुनने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाना था, मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान बिना किसी देरी के केंद्र सरकार को बातचीत के मेज़ पर लाकर आधी लड़ाई पहले ही जीत चुके हैं।
इन हालातों में, किसानों को केंद्रीय गृह मंत्री के बुलावे को स्वीकार कर केंद्रीय कानूनों द्वारा पैदा हुए संकट को सुलझाने के लिए मौके का अधिक से अधिक फ़ायदा उठाना चाहिए।
कैप्टन अमरिन्दर ने दोहराया कि वह और उनकी सरकार केंद्र और किसानों के दरमियान बातचीत के मामलों में पूरा समर्थन देने के लिए तैयार हैं और सभी के सामूहिक हित में मध्यस्थता करने के लिए राज़ी हैं। उन्होंने कहा कि समस्या का जल्द हल निकालना पंजाब और हर पंजाबी के हित में है।