पंजाब को देश का अग्रणी राज्य बनाने का प्रण लिया, स्वतंत्रता दिवस पर राज्य स्तरीय समागम के दौरान पटियाला में राष्ट्रीय झंडा लहराया
CHANDIGARH, 15 AUGUST: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज पंजाब को देश का अग्रणी राज्य बनाकर स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों और राष्ट्रीय नायकों के सपने साकार करने का ऐलान करते हुए कहा कि वह इस नेक कार्य को पूरा करने के लिए अपने ख़ून का एक-एक कतरा लगा देंगे।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय समागम के दौरान यहाँ राष्ट्रीय झंडा लहराने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबियों में पैदायशी तौर पर नेतृत्व करने की काबिलीयत होती है और यह किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रह सकते, परन्तु पंजाबियों की असंख्य ऊर्जा को प्रफुल्लित करने की ज़रूरत है, जिसके लिए राज्य सरकार बड़े प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘वह दिन दूर नहीं, जब इन प्रयासों के स्वरूप पंजाब, देश का अग्रणी राज्य होगा। एक बार पंजाब ने देश का नेतृत्व कर लिया तो उस समय पर भारत, दुनिया का मार्गदर्शन करेगा।’’ भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार इस सम्बन्ध में हर संभव यत्न कर रही है और इस कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी, जो सही मायनों में हमारे राष्ट्रीय नायकों को सच्ची श्रद्धाँजलि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज़ादी के संघर्ष में पंजाबियों द्वारा निभाई गई भूमिका शूरवीरता और बलिदान की ऐसी मिसाल है, जिसका दुनिया भर में कोई सानी नहीं। उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत से अधिक महान योद्धा और देश भक्त जिन्होंने अपनी जानें कुर्बान कीं या किसी न किसी रूप में अंग्रेज़ों के ज़ुल्मों का शिकार हुए, पंजाबी थे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाबा राम सिंह, शहीद भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, लाला लाजपत राय, शहीद उधम सिंह, करतार सिंह सराभा, दीवान सिंह कालेपानी और अन्य शूरवीरों ने आज़ादी के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अपने ख़ून की एक-एक बूँद लगा दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़े गर्व और संतुष्टी की बात है कि आज भी इस राज्य के बहादुर लोग देश की सरहदों की रक्षा करने के साथ-साथ देश के सर्वांगीण विकास के युग की शुरुआत करने के लिए सख़्त मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी भारत को अंदरूनी या बाहरी हमले की किसी भी चुनौती का सामना करना पड़ा है तो बहादुर पंजाबियों ने हमेशा आगे आकर देश की एकता और अखंडता की रक्षा की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बात दुनिया जानती है कि राज्य के मेहनतकश किसानों ने देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के मेहनती किसानों ने देश की अन्न सुरक्षा के लिए जऱखेज़ मिट्टी और पानी के रूप में बेशकीमती कुदरती स्त्रोत भी दाव पर लगा दिए। उन्होंने कहा कि मौसम के हालात अनुकूल न होने के बावजूद राष्ट्रीय अनाज भंडार में राज्य का योगदान हमेशा शिखर पर रहा है। भगवंत सिंह मान ने आधुनिक भारत की सृजना करने में पंजाबियों की शानदार भूमिका को भी याद किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबियों को देश की सेवा करने और ज़ुल्म एवं बेइन्साफ़ी के विरुद्ध लडऩे का जज़्बा महान गुरूओं से विरासत के रूप में मिला है और आज भी पंजाबी अन्याय के खि़लाफ़ डटकर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने मुगलों के ज़ुल्म के विरुद्ध आवाज़ बुलंद की, जबकि श्री गुरु अर्जुन देव जी और श्री गुरु तेग़ बहादुर जी ने अत्याचार के विरुद्ध लड़ते हुए शहीदी प्राप्त की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी ने पंथ की ख़ातिर अपना पूरा परिवार कुर्बान कर दिया, जिसकी दुनिया के इतिहास में मिसाल नहीं मिलती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के लिए अपनी जानें कुर्बान करने वाले शहीद पंजाब के हर गाँव से हैं। उन्होंने कहा कि आज भी राज्य के जवान देश की सरहदों की रक्षा कर रहे हैं, चाहे वह पाकिस्तान, बांग्लादेश या चीन की सरहदों हों। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कुछ लोग भ्रम के इतनी बुरी तरह से शिकार हैं कि वह हमें वतनपरस्ती सिखाने की कोशिश करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वतनपरस्ती के लिए पंजाबियों को इन ‘फज़ऱ्ी राष्ट्रवादियों’ से एन.ओ.सी. की ज़रूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों और देश भक्तों का एकमात्र एजेंडा देश को साम्राज्यवाद से मुक्त करवाना था। उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह को हमेशा यह चिंता रहती थी कि आज़ादी के बाद देश किनके हाथों में जायेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आज़ादी के 76 साल बाद भी देश भ्रष्टाचार, गरीबी, बेरोजग़ारी आदि के जंजाल में जकड़ा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने नौजवान पीढ़ी को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से अवगत करवाने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि चाहे पंजाब ने स्वतंत्रता संग्राम में मुख्य भूमिका निभाई थी, परन्तु इसको देश के बटवारे का खामियाज़ा भी भुगतना पड़ा, क्योंकि 10 लाख लोग हिजरत कर गए थे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अंग्रेज़ों द्वारा खिंची गई लकीर ने देश निवासियों ख़ासकर पंजाबियों को गहरे जख़़्म दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों के सपनों पर चलते हुए पंजाब की तकदीर के नक्शा बनाने के लिए राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र को और अधिक मज़बूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया हुआ है। इस दिशा में राज्य भर में 117 ‘स्कूल ऑफ ऐमिनेंस’ की स्थापना की जा रही है। उच्च दर्जे के बुनियादी ढांचे से लैस यह स्कूल विद्यार्थियों को मानक शिक्षा मुहैया करवाएंगे, जिसके अंतर्गत इनको इंजीनियरिंग, लॉ, कॉमर्स, यू.पी.एस.सी. और एन.डी.ए. समेत पेशेवर और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी करवाई जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को बढिय़ा स्वास्थ्य सेवाएं देने के मकसद से सरकार ने राज्य में 659 आम आदमी क्लीनिक खोले हैं और इनमें से 76 क्लीनिक इस स्वतंत्रता दिवस पर समर्पित किये गए हैं। इन क्लीनिकों से राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में इंकलाबी बदलाव आया है, क्योंकि इन क्लीनिकों में आने वाले 95 प्रतिशत से अधिक मरीज़ बीमारियों से ठीक हुए हैं। आम आदमी क्लीनिक पंजाब के स्वास्थ्य देखभाल ढांचे की कायाकल्प करने का आधार बनकर उभरे हैं, क्योंकि 15 अगस्त, 2022 से शुरू हुए इन क्लीनिकों में अब तक तकरीबन 44 लाख से अधिक मरीज़ इलाज के लिए आ चुके हैं, जिनको दवाएँ, जांच और टैस्ट की सुविधा मुफ़्त दी गई।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस की कमी को दूर करने के लिए पंजाब पुलिस में हर साल 1800 कॉन्स्टेबलों और 300 सब-इंस्पेक्टरों की भर्ती करने का पैमाना पहले ही निर्धारित कर दिया है। उन्होंने बताया कि मौजूदा साल की इस भर्ती का नोटिफिकेशन जनवरी में हुआ था और नतीजा सितम्बर महीने में आ जायेगा और इसके लिए फिजिक़ल टैस्ट अक्तूबर-नवंबर महीने में होगा और उससे अगले महीने दिसंबर में यह उम्मीदवार भर्ती हो जाएंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे उनकी असंख्य ऊर्जा को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाने और नशों की बीमारी से छुटकारा पाने में मदद मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले साल एक जुलाई को लोगों को मुफ़्त बिजली देने की गारंटी शुरू की थी। उन्होंने कहा कि तब से राज्य के 90 प्रतिशत घरों को मुफ़्त बिजली मिल रही है और पिछली जुलाई से बिजली के बिल ज़ीरो आ रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बहुत ही गर्व और संतुष्टी की बात है कि घरेलू खपतकारों के साथ-साथ देश के अनाज उत्पादकों को भी राज्य में मुफ़्त और निर्विघ्न बिजली मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य औद्योगिक विकास के क्षेत्र में पहले ही उत्तम स्थान हासिल कर रहा है, क्योंकि पंजाब सरकार के ठोस यत्नों के स्वरूप राज्य, देश में निवेश के लिए सबसे सुखद माहौल वाले राज्य के तौर पर उभरा है। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील और अन्य बड़ी कंपनियों ने राज्य में बड़े स्तर पर निवेश किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार सूक्ष्म, छोटी और मध्यम इकाईयाँ (एम.एस.एम.इज) की रजिस्ट्रेशन के मामले में पंजाब, उत्तरी भारत में सबसे आगे है।
पंजाब की जवानी को नशों की बीमारी से बचाने के लिए सख़्त रूख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने अगले स्वतंत्रता दिवस तक पंजाब को ‘नशा मुक्त’ राज्य बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि नशों के विरुद्ध इस मुहिम की रूप-रेखा तैयार कर ली गई है और इसको लोगों के सहयोग से अमली जामा पहनाया जायेगा। भगवंत सिंह मान ने उम्मीद ज़ाहिर की कि राज्य सरकार की इस ठोस योजना के स्वरूप स्वतंत्रता दिवस-2024 तक राज्य से नशों की जकड़ को मुकम्मल तौर पर ख़त्म कर दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों और राष्ट्रीय नायकों के सपनों को साकार करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजग़ार, व्यापार और कृषि क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि आज़ादी के 76 साल बीत जाने के बाद भी शहीदों के सपने पूरे नहीं हुए और पूरा देश इन महान नायकों का कजऱ्दार है, जिनके सपनों को अभी साकार किया जाना है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसलिए राज्य सरकार इन क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दे रही है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार की सख़्ती के स्वरूप पंजाब भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों के सहयोग से राज्य से भ्रष्टाचार को जड़ से ख़त्म करने के लिए पहले ही व्यापक मुहिम शुरू की जा चुकी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के प्रति कोई लिहाज़ न बरतने की नीति पर पहरा दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सरकारी खज़ाने में से फंडों का सुचारू रूप से प्रयोग को यकीनी बना रही है। उन्होंने कहा कि वह अपने से पहले की सरकारों की तरह खज़़ाना खाली होने का ढींढोरा नहीं पीटते बल्कि हमारी सरकार लोगों के कल्याण पर एक-एक पैसा लगा रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने लोगों की हो रही अंधी लूट पर रोक लगाई है और अब इन फंडों का प्रयोग लोगों के कल्याण और राज्य के विकास के लिए हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि गाँवों के सरपंचों के चयन को राजनैतिक साए से मुक्त रखने की हर संभव कोशिश की जायेगी। उन्होंने कहा कि सर्व-सहमति से सरपंच चुनने वाले गाँवों को विकास के लिए विशेष ग्रांटें दी जाएंगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसका मंतव्य पंचायती मतदान के दौरान किसी भी तरह की हिंसा न होने और गाँवों का सुखद माहौल कायम रखने को यकीनी बनाना है।
राज्य के रजवाड़ाशाही नेताओं पर तीखा हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मौकापरस्त नेता कभी भी लोगों के नहीं बने, बल्कि अपने निजी लाभ की ख़ातिर कभी मुगलों के साथ या अंग्रेज़ों या कांग्रेस और अब भाजपा के साथ साँठ-गाँठ बनाते हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ों को खुश करने के लिए इन लोगों ने शहीद भगत सिंह जैसे क्रांतीकारियों को ‘भटका हुआ नौजवान’ बताया और शहीद सेवा सिंह ठीकरीवाल जैसे महान देश भक्तों पर ज़ुल्म ठाए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं ने हमेशा राज्य और यहाँ के लोगों की अपेक्षा अपने स्वार्थों को पहल दी।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने परेड कमांडर जसरूप कौर बाठ, आई.पी.एस. के नेतृत्व में आई.टी.बी.पी., पंजाब पुलिस (पुरूष और महिलाएं), हिमाचल पुलिस, पंजाब होम गार्ड्ज़, एन.सी.सी., रैड क्रॉस की सेंट जोहन एंबुलेंस ब्रिगेड, स्काउट्स एंड गाईड्ज़, पी.ए.पी. और ब्रास ब्रैंड की टुकडिय़ों के प्रभावशाली मार्च पास्ट से सलामी ली।
इससे पहले सी.एम. की योगशाला, टैंट पैगिंग, स्कूली विद्यार्थियों के भांत-भांत के प्रोग्राम, गतका, गिद्दा, भंगड़ा और स्कूल एवं कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा पेश किए गए रिवायती लोक नाचों समेत रंगारंग प्रोग्राम ने दर्शकों का मन मोह लिया। मुख्यमंत्री ने फ्रीडम फाईटजऱ् एसोसिएशन पटियाला के सदस्यों समेत तीन स्वतंत्रता सेनानियों मोहकम सिंह, अवतार सिंह और चरन सिंह को भी सम्मानित किया।