मार्च 2024 तक राज्य की पूरी हो जाएगी ‘लार्ज-स्केल मैपिंग’, 31 दिसंबर तक राज्य का सारा रिकॉर्ड होगा डिजिटलाइज
CHANDIGARH, 8 APRIL: हरियाणा सरकार ने पिछले तीन वर्षों में राजस्व विभाग के तहत कई सकारात्मक कदम उठाए हैं, इसमें जहां विभाग को मॉडर्नाइज और डिजिटलाइज किया गया है वहीं स्वामित्व और ‘लार्ज-स्केल मैपिंग’ की सहायता से प्रॉपर्टी को विवाद मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़े हैं।
यह जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आज पत्रकारों को बताया कि राज्य के 22 जिलों के 6260 गांवों को लाल-डोरा मुक्त करने के लिए उनकी ड्रोन से 3-टियर मैपिंग पूरी कर ली गई है। इनमें 25,14,500 प्रॉपर्टी आईडी बना दी गई हैं और 23,94,000 प्रॉपर्टी आईडी को पूरी तरह से लाल-डोरा मुक्त करके उनके असली मालिकों को दे दिया गया है और उनसे क्लेम एवं आपत्तियां मांगी गई हैं। शेष 5 प्रतिशत आईडी का कार्य भी अगले दो-तीन माह में पूरा कर लिया जाएगा।
डिप्टी सीएम ने बताया कि आगामी 31 दिसंबर 2023 तक पूरे राज्य को लाल-डोरा मुक्त कर दिया जाएगा, फिर हम गर्व से कह सकेंगे कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जो पूर्ण रूप से लाल-डोरा मुक्त है और यहां एक-एक प्रॉपर्टी डिजीटली-मार्कड है।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में ‘लार्ज-स्केल मैपिंग’ का कार्य भी किया जा रहा है जिसके तहत प्रत्येक प्रोपर्टी को कलर-कोडेड मार्क किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 7115 रिवेन्यू-एस्टेट हैं। इनमें 7089 ऐसे रिवेन्यू एस्टेट हैं जिनमें ड्रोन-फ्लाईंग शुरू की गई और 4976 गांवों में यह ड्रोन-फ्लाइंग पूरी भी हो चुकी है। करनाल, पानीपत,सोनीपत और कुरूक्षेत्र जिला ऐसे जिले हैं जिनमें सभी गांवों में ड्रोन-फ्लाईंग पूरी हो चुकी है। इस मैपिंग का लाभ यह होगा कि कोई भी व्यक्ति कहीं से भी किसी प्रॉपर्टी को देख सकता है कि उसका मालिकाना हक किसके पास है। उन्होंने बताया कि मुरब्बा-स्टोन की मार्किंग भी डिजिटली कर रहे हैं जिसकी एक्यूरेसी 0.1 ईंच तक मानी जाती है।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार ने मार्च 2024 तक लार्ज-स्केल मैपिंग का कार्य पूरा करने का टारगेट रखा है। उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र की सही मैपिंग के लिए रोवर्स भी खरीदे जा रहे हैं ताकि पहाड़ी क्षेत्र के 73 गांवों की भी लार्ज-स्केल मैपिंग सही ढंग से की जा सके। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से जिला स्तर पर रिकार्ड-रूम को डिजिटलाइज किया गया है उसी प्रकार से पटवारखाना, उप तहसील, तहसील और कमीशनरेट कार्यालयों का रिकार्ड भी 31 दिसंबर 2023 तक डिजिटलाइज कर दिया जाएगा।