CHANDIGARH: पंजाब सरकार ने कर्मचारियों /पैंशनरों को मैडीकल खर्च की प्रति-पूर्ति करने की विधि में राहत देते हुए क्रौनिक सर्टिफिकेट बनाने के अधिकार सिविल सर्जनों को देने के आदेश जारी किये हैं।
इस संबंधी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि पहले जारी हिदायतों के अनुसार मैडीकल कॉलेज अमृतसर, फरीदकोट, पटियाला, पी.जी.आई. चण्डीगढ़ और एम्ज़ नई दिल्ली और सरकारी मैडीकल कॉलेज और अस्पताल, सैक्टर 32, चण्डीगढ़ को क्रौनिक बीमारियों सम्बन्धी सर्टिफिकेट जारी करने के लिए मान्यता दी गई थी। उन्होंने कहा कि मुलाजिमों को यह सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था जिस कारण पंजाब सरकार ने यह अधिकार सिविल सर्जनों को भी दिए हैं।
स. सिद्धू ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि क्रौनिक बीमारियाँ जैसे कि क्रौनिक रीनल फेलियर, इंसुलिन डीपैंडैंट डायबटीज़ मेलीटस, क्रौनिक गलाउकोमा, हाईपरटैंशन, हाईपोथायरायडोज़म, डायबटीज़ मेलीटस टाइप -2, हैपेटायटस-बी, हैपेटायटस-सी, हाईपरथाईरोइडिज़म और हेनूमाटोआईड अर्थरैटिस के सीडीसी (क्रौनिक डीसीज़ सर्टिफिकेट) जि़ला स्तर अर्थात सिविल सर्जन, कार्यालय में भी जारी किये जाएंगे।स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बीमारियों का क्रोनिक सर्टिफिकेट जारी करने हेतु यदि सुपर-स्पैशलिस्ट की ज़रूरत पड़ती है, जोकि सिविल सर्जन हस्पताल स्तर पर उपलब्ध नहीं है तो मरीज़ को कंसलटेशन लेने और ज़रुरी टैस्ट करवाने के लिए उच्च सरकारी संस्थानों में भेजा जायेगा।