कहा- बिजली निजीकरण पर कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर दोहरा मापदंड अपना रहीं कांग्रेस और AAP, कर्मचारियों को कर रहीं गुमराह
CHANDIGARH, 22 FEBRUARY: चंडीगढ़ प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अरुण सूद ने बिजली विभाग के निजीकरण के मामले पर बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल के संबंध में कांग्रेस व आम आदमी पार्टी पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि चंडीगढ़ में कांग्रेस व आम आदमी पार्टी बिजली निजीकरण का विरोध कर रही हैं और हड़ताली कर्मचारियों का साथ देने का ढोंग रच रही हैं, जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस शासित मुंबई ने बिजली का निजीकरण कर दिया है तथा आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली में भी बिजली का निजीकरण किया गया है। इतना ही नहीं, कई और बड़े शहरों में बिजली का निजीकरण हो चुका है। सूद ने कहा कि लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए आवश्यक सेवाओं का निजीकरण समय की मांग है।
अरुण सूद का कहना है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी द्वारा 72 घंटे के लिए बिजली आपूर्ति के ब्रेकडाउन का समर्थन करके चंडीगढ़ के लोगों को परेशानी में डालने का काम किया जा रहा है। आज के दौर में जब देश महामारी के दौर से गुजर रहा है, बहुत सारी इमरजेंसी सर्विसेज की जरूरत पड़ती है, जिन्हें बिजली के बिना पूरा नहीं किया जा सकता। किसी मरीज को वेंटीलेटर अथवा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की जरूरत पड़ेगी तो उनका क्या हाल होगा। इसी प्रकार से बच्चों के परीक्षा के दिन हैं, ब्रेकडाउन से उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ेगा। चंडीगढ़ में अनेक सीनियर सिटीजन रहते हैं। अंधेरे में उनके साथ भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है। कारोबार व औद्योगिक क्षेत्र में भी असर पड़ेगा। इस हड़ताल से शहर की सामाजिक व आर्थिक व्यवस्था भी प्रभावित होगी।
सूद ने कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी केवल गंदी राजनीति खेल रही हैं। विद्युत कर्मचारियों को यह कहकर गुमराह किया जा रहा है कि कर्मचारी अपनी नौकरी खो देंगे और उन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा, जबकि चंडीगढ़ प्रशासन ने पहले ही अनुबंध में उल्लेख किया है कि ये 650 कर्मचारी सेवानिवृत्ति तक अपनी नौकरी नहीं खोएंगे और सेवानिवृत्ति के बाद भी पेंशन प्राप्त करेंगे।
सूद ने कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भाजपा की छवि खराब करने के लिए, इन कर्मचारियों को अगले 72 घंटों के लिए बिजली की आपूर्ति बहाल नहीं करने के लिए उकसाकर चंडीगढ़ के बाशिन्दों को परेशान करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जब चंडीगढ़ प्रशासन पहले ही 650 कर्मचारियों की मांगों को पूरा कर चुका है तो काँग्रेस और आम आदमी पार्टी की घटिया राजनीति के चलते चंडीगढ़ की 12 लाख जनता को खामियाजा क्यों भुगतना पड़ रहा है। अरुण सूद ने आश्वासन दिया है कि वे पूरे मामले को प्रशासन के साथ उठा रहे हैं, ताकि आम जनता को परेशानी न हो। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि रेगुलर बिजली आपूर्ति जल्द ही बहाल होगी और लोगों को पेश आ रही दिक्कत शीघ्र दूर हो जाएगी।