CHANDIGARH, 4 JAN: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने हर घर को मुफ़्त बिजली देने के चुनावी वायदे को पूरा किया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए पंजाब के ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने कहा कि पिछली सरकारें वोटें बटोरने के लिए लोगों से झूठे वायदे करके धोखा देती रही हैं, परन्तु भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले साल ही बिजली बिल ज़ीरो करने का वायदा पूरा कर दिया है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 5,629 करोड़ रुपए की सालाना सब्सिडी का लाभ देते हुए 600 यूनिट मुफ़्त बिजली (300 यूनिट प्रति माह) की सुविधा दी गई है। इसके साथ ही घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 7 किलोवॉट तक 3 रुपए प्रति यूनिट की सब्सिडी जारी रखी गई, जिससे 1,278 करोड़ रुपए का लाभ होगा। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस पहल से लगभग 90 फीसदी परिवारों का बिजली बिल अब ‘‘ज़ीरो’’ आ रहा है और जनवरी, 2023 तक यह संख्या और अधिक बढऩे की उम्मीद है।
हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने बताया कि सभी रिहायशी इकाईयों को मुफ़्त बिजली देने के साथ-साथ 31 दिसंबर, 2021 तक के सभी बकाया बिलों को माफ कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि बिजली के काटे गए सभी कनैक्शन फिर से बहाल कर दिए गए हैं।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने किसानों को ट्यूबवैलों के लिए मुफ़्त बिजली देने का लालच दिया, परन्तु किसानों को अनेकों बिजली कट का सामना करना पड़ा और उनको कभी भी निर्विघ्न बिजली सप्लाई नहीं दी गई, जिस कारण किसानों को सिंचाई के लिए काफ़ी दिक्कतें पेश आईं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने केवल कृषि उपभोक्ताओं के लिए मुफ़्त बिजली जारी नहीं रखी, बल्कि पहली बार धान के सीजन के दौरान बिना किसी कट के आठ घंटे निर्विघ्न बिजली सप्लाई सुनिश्चित बनाई है।
किसानों के लिए और लाभ देते हुए पंजाब सरकार ने ट्यूबवैलों का लोड बढ़ाने की फीस 4750 रुपए प्रति एच.पी. से घटाकर 2500 रुपए प्रति एच.पी. कर दी है, जिसके नतीजे के तौर पर 1,87,000 किसानों को लाभ हुआ।
हरभजन सिंह ई.टी.ओ ने बताया कि राज्य सरकार के ठोस प्रयासों से लम्बित मुकदमों का निपटारा करके, वन सम्बन्धी मंजूरी, पर्यावरण सम्बन्धी मंजूरी, भूजल सम्बन्धी मंजूरी, माइनिंग लीज़, स्थापना के लिए सहमति, संचालन के लिए सहमति, माइनिंग की इजाज़त और रेलवे यातायात सम्बन्धी मंजूरी देकर पछवाड़ा कोयला खदान को फिर कार्यशील किया गया है। 7 मिलियन टन प्रति वर्ष की माइनिंग क्षमता वाली पछवाड़ा कोयला खदान को कोयला मंत्रालय/ भारत सरकार द्वारा 31.03.2015 को पीएसपीसीएल को अलॉट किया गया था, जो पिछले 7 सालों से बंद पड़ी थी। पंजाब के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पछवाड़ा कोयला खदान के चालू होने से सालाना 500 करोड़ रुपए की बचत होगी।
आठ सालों के समय के बाद, झारखंड की पछवाड़ा केंद्रीय कोयला खदान से कोयला लेकर एक माल-गाड़ी 16 दिसंबर, 2022 को रोपड़ थर्मल प्लांट पहुँची, जहाँ इसका मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री ने पंजाब को बिजली सरपल्स राज्य बनाने के लिए इसको बड़ी उपलब्धि बताया।