कहा- बिल का मकसद नए भर्ती अध्यापकों को घरों के नजदीक तैनात करना है, इसका परखकाल से कोई सम्बन्ध नहीं
CHANDIGARH: विरोधी पक्ष के दोषों को पूरी तरह बेबुनियाद करार देते हुये स्कूल शिक्षा मंत्री पंजाब विजय इंदर सिंगला ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से नये भर्ती किये अध्यापकों के परखकाल में 3 से 4 साल का कोई विस्तार नहीं किया जा रहा। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बल्कि अध्यापकों की वास्तविक समस्याओं के प्रति विभाग की हमदर्दी इस तथ्य से स्पष्ट होती है कि सरहदी क्षेत्रों में भर्ती किये गए 3,582 अध्यापकों को दो सालों की सेवाओं के बाद ही तबादले के लिए आवेदन देने की आज्ञा दी गई है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ‘पंजाब ऐजूकेशन (पोस्टिंग आफ टीचर्ज इन डिसऐडवांटेजियस एरिया) बिल, 2021 को आज विधान सभा में पास किया गया, जिसका मकसद पंजाब के शिक्षा पक्ष से पिछड़े इलाकों में अध्यापकों की उपलब्धता को यकीनी बनाना है। उन्होंने आगे कहा कि बिल का मकसद शुरूआती भर्ती के समय अध्यापकों की तैनाती को नियमित करना है जिससे शैक्षिक तौर पर पिछड़े क्षेत्रों में अध्यापकों की उपलब्धता को यकीनी बनाया जा सके जहाँ आम तौर पर अध्यापकों के पद खाली रहती हैं।
मंत्री ने कहा कि यह बिल के पास होने से शिक्षा विभाग की तरफ से नये भर्ती किये अध्यापकों को उनके घरों के नजदीक पोस्टिंग करने की पेशकश की जायेगी क्योंकि सरहदी जिलों के इलावा कई अन्य शैक्षिक ब्लाकों को शैक्षिक तौर पर पिछड़े क्षेत्र में शामिल किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि यह शैक्षिक ब्लाक में वह क्षेत्र शामिल होंगे जहाँ भर्ती के साल के दौरान अध्यापकों की बीस प्रतिशत या और ज्यादा पद खाली रहे हों और हर साल इसकी समीक्षा की जायेगी।
विजय इंदर सिंगला ने कहा कि विरोधी पक्ष के नेता झूठी अफवाहों से लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि इस बिल को पास करके पंजाब सरकार अध्यापकों का परखकाल तीन से चार सालों तक बढ़ा रही है। उन्होंने आगे कहा कि बिल में परखकाल सम्बन्धी जानकारी को विरोधी पक्ष ने गलत ढंग से पेश किया है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब सरकार के परसोनल विभाग ने अक्तूबर 2017 पहले ही में नोटीफायी कर दिया था कि सीधी भर्ती के द्वारा भर्ती किये मुलाजिमों के लिए वृद्धि समेत परखकाल की कुल मियाद चार साल से अधिक नहीं होनी चाहिए और अन्य ढंग से भर्ती के लिए 3 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने अध्यापकों के परखकाल से सम्बन्धित बिल की व्यवस्था को भी सांझा किया। इस व्यवस्था के अनुसार, ‘विभाग लगभग हर साल अध्यापकों की भर्ती करता है। भर्ती किये नये अध्यापकों को तीन साल की मियाद के लिए परखकाल पर रहने की जरूरत है, जोकि चार सालों तक बढ़ाई जा सकती है और ऐसे अध्यापकों को अध्यापकों की कमी वाले शैक्षिक तौर पर पिछड़े क्षेत्रों में तैनात करने की जरूरत है।’ मंत्री ने कहा कि यदि शुरूआती सालों के दौरान किसी कर्मचारी की कारगुजारी संतोषजनक नहीं पाई गई, सिर्फ तभी उस अध्यापक का परखकाल बढ़ाया जायेगा।