पूर्व मुख्यमंत्री बोले- शिक्षा के मंदिरों पर ताला लगाने की मंशा रखने वाली बीजेपी को जनता सत्ता से करेगी बेदखल
CHANDIGARH, 25 APRIL: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कानून व्यवस्था, बिजली, पानी व कल्याणकारी योजनाएं कभी बीजेपी की प्राथमिकताएं नहीं रहे। प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं की हालत पर आई ताजा रिपोर्ट ने बीजेपी के शिक्षा विरोधी चेहरे को बेनकाब कर दिया है। रिपोर्ट में पता चलता है कि प्रदेश के स्कूलों में 26000 से ज्यादा टीचर्स तो कॉलेज में 4738 सहायक प्रोफेसर्स के पद खाली पड़े हुए हैं। कोई नया स्कूल व कॉलेज स्थापित करना तो दूर, ये सरकार पहले से स्थापित संस्थानों में अध्यापक व अन्य स्टाफ तक मुहैया नहीं करवा पाई। प्रदेश के स्कूलों में 8240 क्लासरूम की कमी है। हाई कोर्ट द्वारा फटकार लगाई जाने के बावजूद सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाए।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में ड्रॉप आउट विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सिर्फ एक साल के भीतर 4,64,000 विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूल छोड़ दिए। कॉलेजों में भी करीब 1 लाख यूजी तो 19,000 पीजी की सीटें खाली पड़ी हुई हैं। यह आंकड़े चीख-चीख कर गवाही दे रहे हैं कि सरकार युवाओं को शिक्षा की बजाए नशे, अपराध और पलायन के रास्ते पर धकेल रही है। मौजूदा सरकार की शिक्षा नीति युवाओं में सुरक्षित भविष्य की उम्मीद नहीं जगा पा रही।
ये सरकार अपने कार्यकाल में लगभग 5000 स्कूलों को मर्जर के नाम पर बंद कर चुकी है। ऐसा लगता है कि अब बारी कॉलेज और विश्वविद्यालयों की है। पूर्व मुख्यमंत्री सरेआम मंच से एलान करते हैं कि स्कूलों को बंद करके वहां कोई और काम शुरू किया जाएगा। लेकिन इस सरकार को हम बता दें कि ये स्कूल व कॉलेज बीजेपी की बपौती नहीं है। वर्षों की मेहनत, लोगों की गाढ़ी कमाई के टैक्स, गांवों के दान व तमाम सरकारों के प्रयासों से ये शिक्षण संस्थान स्थापित हुए हैं। इन स्कूलों ने हरियाणा के भविष्य को दिशा देने वाले विद्यार्थी पैदा किए हैं। जनता शिक्षा के मंदिरों पर ताले लगाने की मंशा रखने वाली मानसिकता को बर्दाश्त नहीं करेगी। बीजेपी को इसबार वोट की ताकत से सबक सिखाया जाएगा। जनता इसबार चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने का काम करेगी।