CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस में अचानक नेतृत्व परिवर्तन को लेकर पनपा असंतोष अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर पूर्व मेयर एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुभाष चावला के मनोनयन के खिलाफ मुखर हो रहे स्वर अब पार्टी से बाहर भी निकल रहे हैं। चावला विरोधी गुट के तेवर बता रहे हैं कि नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए आगे की राह आसान होने वाली नहीं है। सुभाष चावला की ताजपोशी के समारोह में भी पार्टी का असंतोष खुलकर सामने आ सकता है।
बबला और लक्की ने अब तक नहीं दी चावला को बधाई
बता दें कि गत मंगलवार को चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पार्टी हाईकमान ने अचानक बदल दिया है। हालांकि निवर्तमान अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के खिलाफ पिछले करीब एक साल से छाबड़ा विरोधी गुट लामबंदी कर रहा था। छाबड़ा पर सभी को साथ लेकर न चलने, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को नजरंदाज करने जैसे आरोप लगाते हुए यह गुट नगर निगम चुनाव-2021 से पहले चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बदलने की मांग कर रहा था। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदारों में नगर निगम में विपक्ष के नेता देविंदर सिंह बबला सबसे आगे थे। इसके अलावा पूर्व डिप्टी मेयर एचएस लक्की व वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन शर्मा भी प्रदेश प्रधान की कुर्सी पर दावेदारी जता रहे थे। हालांकि इस गुट को पूर्व मेयर एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुभाष चावला का भी समर्थन प्राप्त था लेकिन अध्यक्ष पद की दावेदारी से वह खुद को अलग रखे हुए थे लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल के चंडीगढ़ के बजाय पार्टी के दिल्ली मुख्यालय में सक्रिय हो जाने और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी बन जाने से यहां बदले कांग्रेसी हालात का चावला को फायदा मिल गया। क्योंकि चावला की हरीश रावत के साथ बेहद नजदीकी रही है और चावला को चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपने से हमेशा बचते रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने दिल्ली जाने के बाद चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस संगठन में दिलचस्पी कम कर दी। लेकिन हरीश रावत से चावला की नजदीकी का फायदा उठाने की कोशिश में लगे वरिष्ठ कांग्रेस नेता देविंदर सिंह बबला, एचएस लक्की और पवन शर्मा को अब प्रभारी हरीश रावत ने झटका दे दिया है तो बबला, लक्की व शर्मा भी असंतोष में डूबे हैं। बताया जाता है कि बबला और लक्की ने तो अब तक चावला को अध्यक्ष बनने की बधाई भी नहीं दी है।
पार्टी हाईकमान ने प्रदेश नेतृत्व बदलने का तरीका व समय ठीक नहीं चुना: भारद्वाज
पार्टी में असंतोष का आलम फिलहाल नीचे तक भड़क रहा है। प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के खिलाफ एक दिन पहले ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष हरजिंदर सिंह बावा के खुलकर सामने आने के बाद अब चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के महासचिव संदीप भारद्वाज ने आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान ने प्रदेश नेतृत्व में बदलाव का समय और तरीका ठीक नहीं चुना। भारद्वाज का मानना है कि इससे पार्टी में असंतोष को बल मिला है। जिस समय पार्टी नगर निगम चुनाव को लेकर बेहद उत्साहित और आत्मविश्वास से लबरेज थी, उस समय पार्टी हाईकमान के इस बड़े फैसले ने चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस में निचले स्तर तक निराशा का माहौल बना दिया है। संदीप भारद्वाज ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने जिस लाभ के लिए यह कदम उठाया है, उसके उलट कांग्रेस को नुकसान होने की संभावना ज्यादा है। भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव देर-सवेर होना ही था लेकिन अच्छा होता कि नगर निगम चुनाव-2021 के परिणाम के बाद इस संबंध में कदम उठाया जाता। क्योंकि विषय सिर्फ कुछ लोगों की प्रधान बदलने की आवाज या प्रधान बनने की किसी की ख्वाहिश का नहीं है, निचले स्तर तक जाने वाला उसका असर ज्यादा महत्वपूर्ण है, जो अब नगर निगम चुनाव के समय पार्टी की आंख खोल देगा। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल से अपने-अपने क्षेत्र में पार्टी को मजबूत करने के लिए मेहनत कर रहे कांग्रेसजन फिलहाल बेहद निराशा में डूबे हैं।