CHANDIGARH: देश के उत्तरी राज्य पंजाब में वर्ष 2019-20 में डायरेक्ट सैलिंग उद्योग का कारोबार छह प्रतिशत की वर्ष दर वर्ष शानदार वृद्धि दर्ज करते हुये 523 करोड़ रूपये को पार कर गया है। एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
देश में कार्यरत डायरेक्ट सैलिंग कम्पनियों की शीर्ष संस्था इंडियन डायरेक्ट सैलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) की ओर से आज यहां जारी इस रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में गत चार वर्षों में कुल डायरेक्ट सैलिंग कारोबार में 25 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है जो यह दर्शाता है कि यह राज्य न केवल उत्तरी क्षेत्र में डायरैक्ट सैलिंग के सबसे बड़े बाजारों में से एक है बल्कि कारोबार का यह मॉडल राज्य की जनता के बीच लोकप्रिय है। राज्य में इस समय लगभग 1.5 लाख लोग इस डायरैक्ट सैलिंग से जुड़े हुये हैं जो न केवल इन्हें स्वरोजगार के अवसर बल्कि एक सतत, स्थायी और अतिरिक्त आय अर्जित करने का भी साधन उपलब्ध करा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार डायरेक्ट सैलिंग कारोबार के माध्यम से राज्य को इस अवधि में करों के रूप में 60 करोड़ रूपये से ज्यादा का राजस्व भी प्राप्त हुआ तथा कारोबार बढ़ने के सथ इसमें उत्तरोत्तर वृद्धि भी होगी। पंजाब समेत देश के अन्य राज्यों में गत अनेक वर्षों से डायरेक्ट सैलिंग कारोबार का दायरा लगातार बढ़ रहा है। विशेषकर युवा और महिलाएं इसे अब बेहतर कैरियर के रूप में अपना रहे हैं।
आईडीएसए के कोषाध्यक्ष, विवेक कटोच ने इस अवसर पर पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये कहा “हम राज्य सरकार द्वारा गत वर्ष डायरेक्ट सेलिंग गाईडलाईन्स अधिसूचित करने के लिये उसके आभारी हैं जिससे राज्य में इस कारोबार मॉडल को नियामक स्वरूप और स्पष्टता मिलेगी। हम राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री भरत भूषण आशु का विशेष तौर पर धन्यवाद देना चाहते हैं जिन्होंने पिछली गाइडलाईन्स को लेकर उद्योग की चिंताओं को समझते हुये ‘पंजाब डायरेक्ट सैलिंग गाइडलाईन्स‘ में कुछ आवश्यक संशोधनों को मंजूरी प्रदान की। हम उद्योगों की समस्याओं का समाधान करने सम्बंधी राज्य सरकार के दृष्टिकोण तथा कारोबार करने की सहजता की दिशा में सकारात्मक कदम उठाने के लिए भी इसका आभार व्यक्त करते हैं“। श्री कटोच आईडीएसए के पूर्व चेयरमैन भी रहे चुके हैं।
आईडीएसए के महाप्रबंधक चेतन भारद्वाज ने इस अवसर पर डायरेक्ट सैलिंग उद्योग के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालने के साथ ही पंजाब सरकार द्वारा डायरेक्ट सैलिंग को लेकर गठित राज्य निगरानी समिति में आईडीएसए को ‘विषय विशेषज्ञ‘ के रूप में शामिल करने के लिए खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा “आईडीएसए का राज्य में निगरानी प्रक्रिया का हिस्सा बनना वास्तव में इस उद्योग के लिये एक सौभाग्य की बात है तथा यह राज्य में डायरेक्ट सेलिंग व्यवसाय के नियामक तंत्र को और मजबूत करने के लिए अपनी सभी विशेषज्ञता सेवाएं प्रदान करेगा“। राज्य की नवम्बर 2020 में अधिसूचित गाइडलाईन्स के अनुरूप गठित राज्य निगरानी समिति में राज्य के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और सरकार द्वारा मनोनीत विषय विशेषज्ञ शामिल हैं तथा इनमें आईडीएसए भी एक है।
इस अवसर पर राज्य सिविल सेवा अधिकारी और राज्य के खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विभाग के उप सचिव इंदर पाल, अतिरिक्त निदेशक सिमरजोत कौर तथा डायरैक्टर सैलिंग उद्योगों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।