छतबीड़ जू ने वल्र्ड एसोसिएशन ऑफ जू एंड एक्वेरियम की सदस्यता हासिल की
जू में पैदा हुए लोमड़ी के बच्चों को आम जनता के लिए किया गया समर्पित
CHANDIGARH: वन्यजीव संरक्षण सप्ताह को मनाने हेतु छतबीड़ चिडिय़ाघर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए पंजाब के वन एवं वन्यजीव संरक्षण मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने कहा कि जैविक चक्र को बनाए रखने के लिए वन्यजीव संरक्षण और विकास साथ-साथ किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि वन्यजीव संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को पुन: दृढ़ करने के लिए वन्यजीव संरक्षण सप्ताह एक आदर्श अवसर है। उन्होंने कहा कि वन्यजीव संरक्षण हमारे लोकाचार में शामिल है और यह हमारी परंपरा और संस्कृति का अभिन्न अंग है।
छतबीड़ चिडिय़ाघर पर तैयार की गई डॉक्यूमेंट्री के टीजऱ को जारी करते हुए मंत्री ने बताया कि छतबीड़ चिडिय़ाघर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है और अब इसने वल्र्ड एसोसिएशन ऑफ़ ज़ूज़ एंड एक्वेरियम (वाज़ा) की सदस्यता हासिल कर ली है। उन्होंने बताया कि चिडिय़ाघर में इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन का कार्य जारी है और जल्द ही डायनासोर पार्क और फूड प्लाजा को जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि सबसे अधिक वेटलैंड रामसर साईटें होने के मामले में यूपी के बाद पंजाब दूसरे स्थान पर आता है। पंजाब में ऐसी 6 साईटें हैं जिससे यह यूपी के बिल्कुल करीब है जहां ऐसी 7 साईटें हैं। उन्होंने बताया कि पहले केवल तीन साइटें थीं, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री के योग्य मार्गदर्शन में, 2019 में, तीन और साइटें जैसे कि केशोपुर, नंगल वेटलैंड्स और ब्यास रीवर सिस्टम वेटलैंड रामसर साइटों के तौर पर शामिल हुए हैं।
उन्होंने कहा कि पशु अदला-बदली कार्यक्रम के तहत जल्द ही बाघों और भालुओं की नई प्रजातियों को भी छतबीड़ चिडिय़ाघर में लाया जाएगा। पिछले साल ब्यास में एक एलिगेटर को सफलतापूर्वक छोड़े जाने के बाद अब ब्यास में साल के अंत तक पानी का स्तर कम होने के बाद 25 से 30 और एलिगेटर छोड़े जाएंगे। उन्होंने बताया कि इंडस वैली डॉल्फिन संरक्षण योजना और हरिके और सिसवां इको टूरिज्म योजना का विकास प्रक्रियाधनी है।
इससे पहले मंत्री ने चिडिय़ाघर की सर्विस एंटरी में कोविड के मद्देनजर निर्मित बायोसेफ्टी चैंबर का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने चिडिय़ाघर में ही पैदा हुए दुर्लभ किस्म के भारतीय लोमड़ी के बच्चों को भी आम जनता के लिए समर्पित किया।
इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, जितेंद्र शर्मा, एसीएस वन श्रीमती रवनीत कौर, मुख्य वन्यजीव वार्डन पंजाब आरके मिश्रा, निदेशक छतबीड़ चिडिय़ाघर श्री सौदागर आईएएस भी उपस्थित थे। मंत्री ने वन्यजीव संरक्षण के लिए काम करने वाले विभिन्न व्यक्तियों और संगठनों को सम्मान के तौर पर पुरस्कार प्रदान किए।