CHANDIGARH: श्री पूज्य पाद श्री भक्ति विचार विष्णु महाराज जी के आज श्री चैतन्य गौड़ीय मठ के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार चण्डीगढ़ पधारने पर श्री चैतन्य गौड़ीय मठ में उनका भक्तजनों ने एवं जाने-माने उद्योगपति एवं सेवा भारती के चण्डीगढ़ के अध्यक्ष व चंडीगढ़ चाइल्ड एंड वुमन डेवलपमेंट के डायरेक्टर गिरधारी लाल जिंदल और राम देवी जिंदल कॉलेज के प्रेसिडेंट राजीव जिंदल ने महाराज श्री का गले में माल्यार्पण कर जोरदार अभिनंदन स्वागत किया।
मठ के युवा अनुयाई भक्तों ने अपनी वैष्णो वेशभूषा पहनकर शंख ध्वनि कर उनका अभिनंदन स्वागत किया। चैतन्य गौड़ीय मठ के प्रवक्ता जयप्रकाश गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि महाराज जी के आने की खुशी की लालसा भक्तों में सप्ताह भर पहले से ही प्रारंभ हो चुकी थी व तैयारियां चल रही थीं। आज विष्णु महाराज जी के पधारने पर सभी भक्तों ने विभिन्न प्रकार से उनका अभिनंदन स्वागत किया। ढोल मृदंग करताल व नगाड़ों से संकीर्तन नृत्यगान कर स्वागत किया गया।
विशेष रूप से महिलाओं ने एक ही रंग की वेशभूषा साड़ियां पहनकर हाथ में थाली सजा कर दीप जलाकर उनकी आरती उतार कर अभिनंदन किया। बच्चों ने आकाश में रंग-बिरंगे गुब्बारे छोड़कर अपना उल्लास प्रकट किया। शहनाई वादन में हरे कृष्णा की धुन गाकर महाराज जी का अभिनंदन स्वागत किया गया। मठ में पदार्पण करते वक्त गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा की गई। भक्तों ने ढोल नगाड़े मृदंग बाजार कर नृत्य गान कर अपने नवनियुक्त आचार्य का हृदय से अभिनंदन किया। महाराज श्री ने अपने संबोधन में भक्तों को कहा कि गुरु वैष्णव भगवान के आशीर्वाद से मेरे को यह जिम्मेवारी प्रदान की गई है। मैं पूरी निष्ठा पूर्वक अपनी गुरुदेव के दिखाए गए मार्ग पर चलकर शुद्ध कृष्ण भक्ति के प्रचार प्रसार को निस्वार्थ भावना से करता रहूंगा।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ श्री चैतन्य गौड़ीय मठ की जन्माष्टमी ट्राइसिटी का प्रसिद्ध त्यौहार बन चुका है। कोविड-19 के कारण पिछले 2 वर्ष इसका आयोजन नहीं हो सका जिसका उन्हें खेद है। लेकिन भविष्य में जन्माष्टमी को और भी आधुनिक एवं आकर्षक ढंग से आयोजित करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने भक्तों के इस भव्य स्वागत अभिनंदन समारोह के लिए अपना आभार व्यक्त किया। महाराज श्री का 9 एवं 10 सितंबर को रात्रि का प्रवचन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। महाराज श्री के साथ कोलकाता से श्रीनिरीह महाराज व श्री ऋषिकेश प्रभु जी, दिल्ली से श्री नरसिंह महाराज जी व मायापुर धाम से श्री कन्हाई प्रभु जी आदि विशेष रूप से पधारे।