CHANDIGARH: इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 में स्थित एक कंपनी द्वारा 37 पक्के कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया, जिससे भड़के कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया व नौकरी बहाल करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये सभी कर्मी पिछले 8 से 20 सालों से पूरी निष्ठा व लगन से काम कर रहे थे। इस कंपनी ने अचानक 1 दिसम्बर-2020 को कोविड-19 का सहारा लेकर रिट्रेंचमेंट पत्र देकर इन सबको कंपनी से बाहर कर दिया और बोल दिया कि कल से ड्यूटी पर नहीं आना। यह सभी लोग मध्यवर्गीय परिवारों से हैं और इनके वेतन से ही इनका परिवार का गुजारा चलता है।
इन सभी कर्मचारियों का कहना है कि हमारी कंपनी में उच्च अधिकारियों की तनख्वाह लाखों रुपए प्रति माह है और हमारी सैलरी पूरी कंपनी में सबसे कम है। हमें पता चला है कि कंपनी ने वियतनाम में काफी बड़े स्तर पर प्रोडक्शन शुरू की है, जिस कारण कंपनी जानबूझकर यहां की सेल कम दिखा रही है, क्योंकि वियतनाम में लेबर सस्ती है और सरकार टैक्स में काफी छूट दे रही है परंतु हम सब यहां कंपनी के लिए इतने सालों से काम कर रहे हैं और कंपनी ने एक झटके में हमें बाहर कर दिया। हम सब रोजाना सुबह 8 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक कंपनी के बाहर यह फरियाद लेकर आते हैं कि हमारी नौकरी हमें वापस दे दी जाए।
कर्मचारियों ने कहा कि इस कंपनी ने अपने प्रतियोगी समूह को खरीदा है, जिसमें लगभग 700 कर्मचारी काम करते हैं। कंपनी ने 2015-16 में स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति की योजना लगाई थी, जिसमें इन्होंने 15 से 20 लाख रुपए प्रत्येक कर्मचारी को दिया था। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक उन्होंने अपनी जिंदगी के सबसे महत्वपूर्ण 10 साल इस कंपनी में लगाए हैं। उन्होंने भारत सरकार से से भी मांग की है कि उनको नौकरी वापस दिलवाई जाए।