CHANDIGARH: चंडीगढ़ व्यापार मंडल ने एक बार फिर प्रशासन से अपनी लॉकडाउन नीति पर पुनर्विचार कर चंडीगढ़ में पंजाब पैटर्न पर सप्ताह में 3-4 दिनों के लिए या गैर-जरूरी सामान की दुकानों समेत सभी दुकानें ऑड-ईवन के आधार पर खोलने की मांग की है। व्यापार मंडल ने कोरोनाकाल के दौरान सभी शुल्कों और करों को भी माफ करने की प्रशासन से अपील की है।
गैर-जरूरी सामान के दुकानदार परेशान
चंडीगढ़ व्यापार मंडल के अध्यक्ष चरनजीव सिंह और मुख्य प्रवक्ता दिवाकर साहूजा ने एक बयान में कहा कि शहर में कोरोना के कहर के स्तर में धीरे-धीरे हो रहे सुधार से लॉकडाउन नीति में तत्काल राहत मिलने की उम्मीद जगी है। खासकर शहर में गैर-जरूरी सामानों के दुकानदारों को अब राहत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर के बाजारों के बार-बार और लंबे समय तक बंद रहने से न केवल छोटे और मध्यम खुदरा विक्रेताओं को अपूरणीय वित्तीय नुकसान हो रहा है, बल्कि इससे सरकारी राजस्व में भी कमी आएगी। लॉकडाउन में केवल गैर-जरूरी सामानों की दुकानें बंद रखे जाने से इन दुकानदारों को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक रूप से विपरीत परिस्थितियों का सामना करने में मुश्किल हो रही है।
व्यापारी खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे
चरनजीव सिंह व दिवाकर साहूजा ने कहा कि लॉकडाउन जैसे निर्णय की प्रक्रिया में व्यापारियों को शामिल नहीं किए जाने से चंडीगढ़ के व्यापारी आज खुद को समाज के उपेक्षित वर्ग के रूप में महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब अधिकांश व्यापारी समाज को राहत प्रदान करने में लगे हुए हैं और अपनी दुकानों व बाजार में एंटी वायरस उपायों का पालन कर रहे हैं तो उनकी दुकानों को बंद कराना उनके साथ अन्याय है।
व्यापारियों के प्रति अब बेरुखी दिखाई तो विरोध प्रदर्शन होगा
चंडीगढ़ व्यापार मंडल के महासचिव नरेश महाजन ने कहा कि शहर के व्यापारियों की मांगों के प्रति अब किसी भी तरह की बेरुखी दिखाई गई तो शहर में चंडीगढ़ व्यापार मंडल के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। चंडीगढ़ व्यापार मंडल के अध्यक्ष चरजीव सिंह ने कहा कि बाजारों में आंशिक तालाबंदी के कारण छोटे और मध्यम व्यापारियों को किराया, बिजली, पानी के शुल्क, कर और कर्मचारियों के वेतन आदि का भुगतान करना मुश्किल होता जा रहा है।
व्यापारियों के हितों के साथ खिलवाड़ न हो
चंडीगढ़ व्यापार मंडल के संरक्षक व मुख्य प्रवक्ता दिवाकर साहूजा ने कहा कि चंडीगढ़ व्यापार मंडल सभी कोविड विरोधी उपायों और शहर की आबादी के लिए प्रशासन द्वारा किए जा रहे सभी प्रकार के राहत प्रयासों का समर्थन करता है, ताकि कोरोना के कारण शहर में जानमाल का नुकसान न हो लेकिन प्रशासन को व्यापारियों के हितों के साथ भी खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।