NEW DELHI: दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते मंगलवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के जांच के आदेश के खिलाफ फेसबुक और व्हाट्सएप की ओर से दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस पर फैसला सुरक्षित रखा। सुनवाई के दौरान व्हाट्सएप की ओर से उपस्थित अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि व्हाट्सएप की निजता पॉलिसी पर प्रतिस्पर्धा आयोग को आदेश देने का क्षेत्राधिकार नहीं है। इस मामले पर सरकार को फैसला लेना है। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी यूजर्स को ज्यादा पारदर्शिता उपलब्ध कराना है। इस पॉलिसी से व्यावसायिक सेवाओं का बेहतर उपयोग करने की सुविधा है। व्हाट्सएप की व्यावसायिक सेवा अलग है जो फेसबुक से लिंक की गई है। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप किसी उपयोगकर्ता की निजी बातचीत को नहीं देखता है। नई प्राइवेसी पॉलिसी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
प्रतिस्पर्धा आयोग को आदेश देने का कोई क्षेत्राधिकार नहीं: मुकुल रोहतगी
फेसबुक की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह फेसबुक और व्हाट्सएप की संयुक्त नीति नहीं है। ऐसे में प्रतिस्पर्धा आयोग का फेसबुक के खिलाफ फैसला देना बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि ये मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित है ऐसे में प्रतिस्पर्धा आयोग को आदेश देने का कोई क्षेत्राधिकार नहीं है। उन्होंने प्रतिस्पर्धा आयोग के आदेश पर रोक लगाने की मांग की।
प्रतिस्पर्धा आयोग की ओर से एएसजी अमन लेखी ने कहा कि ये मामला केवल प्राइवेसी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ये डाटा तक पहुंच का है। उन्होंने कहा, प्रतिस्पर्धा आयोग ने अपने क्षेत्राधिकार के तहत आदेश दिया है कि भले ही व्हाट्सऐप की इस नीति को प्राईवेसी पॉलिसी कहा गया है लेकिन इससे बाजार में अपनी उपस्थिति का फायदा उठाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
क्या है भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और वाट्सऐप का मामला
सीसीआई भारत की एक विनियामक संस्था है। इसका उद्देश्य स्वच्छ प्रतिस्पर्धा को बढावा देना है ताकि बाजार को उपभोक्ताओं के हित का साधन बनाया जा सके। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने जनवरी 2021 में मेसेजिंग प्लेटफार्म वाट्सऐप के नवीन प्राइवेसी पॉलिसी आने के बाद सेवा शर्तो की विस्तृत जांच का आदेश दिया था। संस्था के महानिदेशक द्वारा की गई जांच में आयोग ने पाया है कि कंपनी ने पॉलिसी अपडेट के नाम पर ‘शोषणकारी और बहिष्कृत आचरण’ किया है जो प्रथम दृष्टया प्रतिस्पर्धा मानकों का उल्लंघन है। जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई।
कुल 5 नियमों का उल्लंघन करती है व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीति: केंद्र सरकार
इसके बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार 19 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा था कि व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीति वर्ष 2011 के सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत कुल 5 नियमों जैसे कि उपयोगकर्ताओं की संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी एकत्र करना और अपने मूल फेसबुक और अन्य के साथ डेटा साझा करना तीसरे पक्ष का उल्लंघन करती है। व्हाट्सएप जैसे किसी भी “निकाय कॉर्पोरेट” को अधिनियम में निर्दिष्ट आवश्यकताओं का पालन करना चाहिए। ~(PBNS)