कुल 85 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बांटे जाएंगे,ग्रामीण इलाकों और छोटे कस्बों के कोरोना पीड़ितों को मिलेगी राहत
CHANDIGARH: राज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा के ग्रामीण अंचलों और छोटे कस्बों की सीएचसी में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पहुंचाने की मुहिम में लगे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव और विभिन्न जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से बात करके आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर देने का फैसला किया गया हैं और अगर आवश्यकता पड़ी तो आगे और भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराएँगे। स्वास्थ्य अधिकारियों ने अभी जितनी संख्या में तत्काल जरूरत बतायी उतनी संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं। ये ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर का मुकाबला करने में सहायक होंगे। ग्रामीण सीएचसी में कुल 85 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बांटे जायेंगे, जिसमें से अब तक सांपला सीएचसी, किलोई सीएचसी, चिड़ी सीएचसी, कलानौर सीएचसी, कानहौर सीएचसी में बांटे जा चुके हैं और इस क्रम को जारी रखते हुए पूरे प्रदेश में इनका वितरण किया जा रहा है। उन्होंने पिछले दो महीने से हरियाणा के अलग-अलग जिलों में दिन-रात कोरोना पीड़ितों की सेवा में लगे टीम दीपेन्द्र के साथियों का भी आभार व्यक्त किया। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि उनकी कोशिश है कि गाँवों और छोटे कस्बों की सीएचसी में इलाज के लिये आने वाले कोरोना पीड़ितों को राहत मिले। जिस प्रकार कोरोना संक्रमण गांव-गांव तक फैल चुका है उसे देखते हुए ग्रामीण अंचल में मौजूद स्वास्थ्य केन्द्रों पर ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना बेहद जरुरी है ताकि इसके अभाव में किसी भी कोरोना रोगी की जान जोखिम में न पड़े। ग्रामीण हलकों के सीएचसी में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराने का यह क्रम आगे भी जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में सैंकड़ों लोगों ने ऑक्सीजन, दवाईयों और इलाज के अभाव में जान गँवा दी। अस्पतालों में हर रोज़ ऑक्सीजन ख़त्म होने या घंटे-आधा घंटे की ऑक्सीजन बची होने की ख़बरों को सुनकर कलेजा काँप जाता था। किसी मरीज का जीवन ऑक्सीजन, इलाज और दवाइयों के अभाव के चलते खतरे में पड़ जाए ये सोचा भी नहीं जा सकता। कई बार ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण ख़बरें भी सामने आई कि ऑक्सीजन की कमी से लोग घुट-घुट कर मरने को मजबूर हुए। कोरोना संक्रमण ने गाँव-गाँव तक अपनी पहुँच बना ली है ऐसे में जरूरी है कि गाँवों और छोटे कस्बों में मौजूद स्वास्थ्य केन्द्रों पर ऑक्सीजन की उपलब्धता हो और आपात स्थिति में मरीज की जान बच सके। उन्होंने कहा कि हमारे पास संसाधन सीमित होने के बावजूद भरसक कोशिश है कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना रोगियों को राहत मिल सके।