दीपा दुबे ने केंद्र सरकार और प्रशासन की रोजगार नीति पर उठाए गंभीर सवाल

कहा- चंडीगढ़ वन विभाग में नौकरियों के लिए बनाए ताजा नियमों में हैं खामियां, विज्ञापन किया जाए रद्द

CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा दुबे ने केंद्र सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन के वनविभाग द्वारा हाल ही में विभिन्न पदों के लिए निकाले गए विज्ञापन को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं और कहा है कि केंद्र सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन केवल लोगों का आईवॉश करने में लगे हैं।

युवा पीढ़ी के साथ किया गया भद्दा मजाक
दीपा दुबे ने केंद्र सरकार व चंडीगढ़ प्रशासन की रोजगार नीति की आलोचना करते हुए कहा कि 29 सितम्बर 2020 को चंडीगढ़ वन विभाग ने नौकरियों के लिए आवेदन मांगे हैं, जो कि प्रशासन का गैर जिम्मेदाराना रवैया और युवा पीढ़ी के साथ भद्दा मजाक है। दीपा दुबे ने कहा कि वर्ष 2012 में भी चंडीगढ़ वन विभाग ने फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे और इनके साथ मोटी फीस भी ली थी। इसके जरिए लाखों रुपए एकत्रित हुए लेकिन आज 8 साल बाद भी फिर उन्हीं पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। साथ ही मोटी फीस भी मांगी गई है, जबकि आठ साल पहले आवेदनों के साथ ली गई फीस के रूप में इकट्ठे हुए लाखों रुपयों का प्रशासन और केंद्र सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। उस समय की भर्तियों का भी कोई पता नहीं है। दीपा दुबे ने आरोप लगाया कि देखा जाए तो इस प्रकार युवाओं को केवल ठगा गया है।

प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी के वायदे को भी झुठला दिया
दीपा दुबे ने कहा कि एक्स सर्विसमेन को भी रोस्टर में न रखते हुए उन्हें अपमानित किया गया है। उन्होंने कहा कि 2019 में लोकसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोट की राजनीति के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत रोजगार कोटा का वादा किया था लेकिन
चंडीगढ़ वन विभाग में जो पोस्ट निकली हैं, उनसे साफ पता चलता है कि प्रशासन ने प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी के वायदे को भी झुठला दिया है। सरकार द्वारा दिए गए एक्स सर्विसमेन और ईडब्ल्यूएस कोटे को भी नजरंदाज कर दिया गया है।

सभी वर्गों के युवाओं को दिया जाए रोजगार का अवसर
दीपा दुबे ने कहा कि चंडीगढ़ वन विभाग में नौकरियों के लिए निकले 2012 और अब के विज्ञापन को देखें तो योग्यता के स्तर को भी घटा दिया गया है। 2012 में जिस पोस्ट के लिए मिनिमम माक्र्स 55 प्रतिशत होने का प्रावधान था, उसके लिए अब केवल 33 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि प्रशासन में बैठे कुछ लोग अपने मन चाहे लोगों को ही सरकारी नौकरी में देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार नहीं तो क्या है, यह शहर के काबिल युवाओं के साथ धोखा है। दीपा दुबे ने केंद्र सरकार व चंडीगढ़ प्रशासन से मांग की है कि चंडीगढ़ वन विभाग में नौकरियों के लिए निकाले गए ताजा विज्ञापन को रद्द किया जाए तथा नियमों का पालन कर सभी वर्ग के युवाओं के हक का ध्यान रखते हुए उन्हें योग्यता के अनुसार रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं।

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