नए संसद भवन के उदघाटन में राष्ट्रपति की उपेक्षा के खिलाफ चंडीगढ़ के दलितों ने कमलेश बनारसीदास के नेतृत्व में किया धरना-प्रदर्शन

कहा- भाजपा ने हमेशा दलितों और आदिवासियों का केवल अपने हितों के लिए राजनीतिक इस्तेमाल किया

CHANDIGARH, 28 MAY: देश के नए संसद भवन का उदघाटन राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से न करवाए जाने पर रोष व्यक्त करते हुए शहर के दलित समुदाय के लोगों ने आज चंडीगढ़ की पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन किया। इस मौके पर चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की भी विशेष तौर पर मौजूद रहे।

सेक्टर-35 स्थित कांग्रेस भवन के बाहर आयोजित किए गए इस धरना-प्रदर्शन के दौरान पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास ने कहा कि भाजपा ने हमेशा दलितों और आदिवासियों का केवल अपने हितों के लिए राजनीतिक इस्तेमाल किया है। नए संसद भवन के उदघाटन के मौके पर केंद्र की भाजपा सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि देश के राष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च संवैधानिक पद का भी भाजपा ने सिर्फ अपने हित साधने के लिए इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के चुनाव में दलित आदिवासी महिला श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाना भाजपा का सिर्फ राजनीतिक हथकंडा था। इसलिए आज राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के सम्मान व अधिकार के लिए विपक्ष एकजुटता दिखा रहा है। इसके लिए चंडीगढ़ का दलित समुदाय इन विपक्षी दलों का आभारी है।

बता दें कि इस मामले में पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास के नेतृत्व में चंडीगढ़ के दलितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों चंडीगढ़ के प्रशासक एवं पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के नाम एक ज्ञापन भी पंजाब राजभवन में सौंपा था। इसमें देश के नए संसद भवन का उदघाटन राष्ट्रपति से करवाए जाने की मांग करते हुए चंडीगढ़ के दलितों की भावनाओं को केंद्र सरकार तक पहुंचाने का आग्रह किया गया था। कमलेश बनारसीदास ने कहा कि राष्ट्रपति की उपेक्षा को लेकर चंडीगढ़ के दलित समुदाय में भी भारी रोष है और इसे देश की पहली दलित आदिवासी महिला राष्ट्रपति के अपमान के साथ पूरा दलित समुदाय अपना अपमान मानता है।

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