48 घंटे की देर हो जाती तो 16 करोड़ रुपए हजम कर जाते साइबर अपराधी, बैंक खाते में लगा चुके थे सेंध, जानिए पूरा मामला

CHANDIGARH: हरियाणा पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए जींद जिले से तीन शातिर लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की हैै, जो आईसीआईसीआई बैंक की कानपुर स्थित शाखा के निष्क्रिय (डोरमेंट) बैंक खाते की जानकारी का उपयोग कर 16 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने की साजिश रच रहे थे।

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), मनोज यादव ने आज यहां इस संबंध में खुलासा करते हुए बताया कि इन साइबर अपराधियों के गिरोह का पर्दाफाश तब हुआ, जब साइबर पुलिस स्टेशन, पंचकूला की टीम को गुप्त सूचना मिली कि कुछ लोग निष्क्रिय खाते से 16 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का प्रयास कर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं।

उन्होंने कहा इस संबंध में गुप्त सूचना मिलने पर पुलिस की साइबर टीम तुरंत कार्रवाई करते हुए जींद के गांव मालवी में छापा माकर तुरंत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश में साइबर अपराधियों को बेनकाब करते हुए व्यापक और समन्वित तरीके से निपटने के लिए डीजीपी क्राइम मोहम्मद अकिल, डीआईजी साइबर क्राइम पंकज नैन और उनकी समस्त टीम के कार्य की सराहना की।

ऐसे किया काबू प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि इन शातिर जालसाजों ने आईसीआईसीआई बैंक की कानपुर स्थित शाखा से करोडों की धोखाधडी की योजना बनाई थी। उन्होंने खाते से जुड़े ईमेल को एक्सेस किया और ओटीपी प्राप्त करने के लिए खाते में एक नया मोबाइल नंबर धोखाधड़ी से अपडेट करने में कामयाब रहे। जालसाजों को फंड ट्रांसफर करने के लिए 48 घंटे और चाहिए थे लेकिन इससे पहले ही उन्हें पुलिस ने काबू कर लिया। एक लाभार्थी खाता जहां फंड ट्रांसफर करने की योजना बनाई गई थी, की भी पहचान की गई है।

चार आरोपियों में से पकड़े गए तीन की पहचान जिला जींद निवासी जगबीर और कप्तान तथा राजस्थान के झुंझुनू निवासी इमरान के रूप में हुई है। इस सिलसिले में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि और कौन-कौन लोग इसमें शामिल हैं।

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