चंडीगढ़ में पटाखों पर बैन, हाईकोर्ट जाने पर विचार कर रही क्रैकर्स एसोसिएशन

चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल ने भी प्रशासन के फैसले का किया विरोध

CHANDIGARH: दीवाली के मौके पर दिल्ली के बाद आज चंडीगढ़ में भी सभी तरह के पटाखों (Crackers) की बिक्री व आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चंडीगढ़ प्रशासन के इस फैसले का कोई स्वागत कर रहा है तो कोई मायूस है। चंडीगढ़ में पटाखे बेचने वाले दुकानदारों में तो इस फैसले को लेकर भारी निराशा व असंतोष है। चंडीगढ़ क्रैकर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ प्रशासन के फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती देने पर विचार कर रही है। इस पर निर्णय के लिए एसोसिएशन ने अपनी बैठक बुलाई है। चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल ने भी प्रशासन के फैसले का विरोध किया है।

स्वास्थ्य विभाग भी जारी कर चुका था पटाखों पर बैन की एडवाइजरी

गौरतलब है कि कोरोनाकाल में कोविड-19 के मामलों तथा वायु प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जिन राज्यों में आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने की सलाह दी है, उनमें चंडीगढ़ भी शामिल है। चंडीगढ़ का स्वास्थ्य विभाग भी पटाखों (Crackers) पर बैन लगाने की एडवाइजरी जारी कर चुका है। इसके बाद शुक्रवार शाम को चंडीगढ़ प्रशासन की आपदा प्रबंधन कमेटी ने बैठक कर इस मामले पर विचार-विमर्श किया। चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा की अध्यक्षता में हुई इस कमेटी की बैठक में अंततः चंडीगढ़ में दीवाली पर पटाखों की बिक्री तथा पटाखे फोड़ने पर रोक लगा दी।

लॉकडाउन के फैसले में पंचकूला-मोहाली के साथ चले प्रशासन ने अब यह निर्णय अकेले क्यों कियाः चिराग अग्रवाल

प्रशासन के इस फैसले की जानकारी मिलते ही चंडीगढ़ के पटाखा विक्रेताओं में निराशा व असंतोष फैल गया। क्योंकि प्रशासन पटाखे बेचने की स्टॉल लगाने के लिए ड्रॉ पहले ही निकाल चुका है लेकिन ड्रॉ का नतीजा रोक लिया था। इस बीच, तमाम पटाखा विक्रेता पटाखों (Crackers) के लिए थोक विक्रेताओं व कंपनियों को अपने आर्डर भेज चुके थे। चंडीगढ़ क्रैकर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ पदाधिकारी चिराग अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन को यदि यह फैसला करना था तो पहले बताना चाहिए था। इस फैसले से पटाखा विक्रेताओं का करोड़ों का नुक्सान हो गया है। उन्होंने कहा कि जहां तक प्रदूषण का सवाल है तो चंडीगढ़ से सटे पंचकूला व मोहाली में पटाखों पर कोई बैन नहीं है। क्या वहां पटाखे फोड़ने से चंडीगढ़ के प्रदूषण पर असर नहीं पड़ेगा। अग्रवाल ने कहा कि कोरोनाकाल में शहर लॉकडाउन के लिए जब चंडीगढ़ प्रशासन मोहाली व पंचकूला के फैसले के साथ चलता रहा है तो अब केवल चंडीगढ़ में पटाखों पर बैन का फैसला अकेले ही क्यों कर लिया गया। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ क्रैकर्स एसोसिएशन प्रशासन के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने पर विचार कर रही है। इसके लिए आज ही एसोसिएशन की बैठक बुलाई गई है।

फैसला हिंदू धर्म की मान्यताओं के भी खिलाफ, प्रशासन करे पुनर्विचारः कैलाश चंद जैन

चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल के संयोजक कैलाश चंद जैन ने भी चंडीगढ़ में पटाखों (Crackers) पर बैन लगाए जाने के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से पटाखा कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। जिन दुकानदारों ने पहले से ही माल खरीदा हुआ है, उनके लिए तो यह फैसला अप्रत्याशित है, उनके घाटे की भरपाई कैसे होगी, यह बड़ा सवाल है। जैन ने कहा कि यह फैसला हिन्दू धर्म की मान्यताओं के भी खिलाफ है। उन्होंने प्रशासन से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।

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