याचिका पर हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई होने की संभावना
CHANDIGARH: क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ ने शहर में पटाखे बेचने और फोडऩे पर प्रतिबंध के चंडीगढ़ प्रशासन के आदेश को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दे दी है। शहर के सीनियर एडवोकेट ब्रजेश्वर जसवाल के जरिए दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट संभवत: सोमवार को सुनवाई कर सकता है। दूसरी ओर, पंजाब सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को राज्य में प्रदूषण की स्थिति से अवगत कराते हुए कोविड-19 के मद्देनजर पटाखे फोडऩे पर रोक लगाने की जरूरत से इंकार कर दिया है।
चंडीगढ़ प्रशासन ने कल लगाया था प्रतिबंध
गौरतलब है कि शुक्रवार को चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में 30 नवम्बर तक पटाखे बेचने व फोडऩे पर रोक लगा दी है। इसके लिए कोविड-19 के प्रसार और प्रदूषण का हवाला दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने भी पटाखे फोडऩे पर रोक लगाने की एडवाइजरी दी थी लेकिन प्रशासन के फैसले के बाद इसका विरोध भी शुरू हो गया।
कारोबारियों का करोड़ों रुपया डूबने की स्थिति में: चिराग अग्रवाल
प्रशासन के फैसले से सबसे ज्यादा पटाखा कारोबारी गुस्से में हैं। क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के महासचिव चिराग अग्रवाल का कहना है कि प्रशासन को प्रतिबंध का फैसला पहले करना चाहिए था। शहर में पटाखों की स्टॉल लगाने के लिए आवेदन लेने के बाद ड्रॉ निकालकर नतीजा रोक देना और फिर पटाखों का प्रतिबंध लगा देना कारोबारियों के साथ सरासर धक्का है। चिराग अग्रवाल ने कहा कि पटाखा लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद कारोबारियों ने करोड़ों के ऑर्डर पटाखा कंपनियों को दे दिए थे। अब कंपनियां कह रही हैं कि अपना माल ले जाओ लेकिन अब कारोबारी क्या करें? उनका करोड़ों रुपया डूबने की स्थिति में आ गया है।
हाईकोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद जताई
क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के महासचिव चिराग अग्रवाल ने बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन की धक्केशाही के खिलाफ एसोसिएशन ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में संभवत: सोमवार को इस पर सुनवाई होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि हाईकोर्ट से चंडीगढ़ के पटाखा कारोबारियों को जरूर राहत मिलेगी।
भाजपा, कांग्रेस व उद्योग व्यापार मंडल ने भी किया है विरोध
गौरतलब है कि चंडीगढ़ में पटाखों पर बैन का विरोध केवल पटाखा कारोबारी नहीं कर रहे हैं, बल्कि भाजपा, कांग्रेस और चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल ने भी प्रशासन के फैसले पर विरोध जताया है। उनका कहना है कि दीपावली जैसा त्योहार हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। इस मौके पर पटाखे बेचने व फोडऩे पर रोक लगाना गलत है। उन्होंने कारोबारियों के साथ भी इसे धक्केशाही करार देते हुए उनका समर्थन किया है।
पंजाब पहले ही लोगों को पटाखे फोडऩे के लिए मना कर चुका
दूसरी ओर, पटाखों के मामले में जहां पड़ोसी राज्य हरियाणा भी बैन का निर्णय ले चुका है, वहीं पंजाब ने एनजीटी को भेजे अपने जवाब में कोविड-19 के मद्देनजर राज्य में पटाखों पर रोक लगाने की जरूरत से इंकार किया है। बताया जाता है कि पंजाब सरकार ने राज्य में वायु प्रदूषण की स्थिति खराब श्रेणी में न होने का हवाला देते हुए कहा है कि वह वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए समय-समय पर उचित कदम उठाती रही है। दीवाली, गुरु पर्व, क्रिसमस और नववर्ष जैसे मौके पर पटाखे न फोडऩे का आदेश वह राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से पहले भी जारी कर चुकी है। अब कोविड-19 के मद्देनजर ऐसा कोई आदेश जारी करने की जरूरत नहीं है। पंजाब का कोई इलाका दिल्ली एनसीआर के दायरे में भी नहीं आता है। गौरतलब है कि पटाखों के मामले में एनजीटी 9 नवम्बर को सुबह साढ़े दस बजे अपना फैसला सुनाएगा।