क्रैकर्स बैनः चंंडीगढ़ के पटाखा कारोबारियों को हाईकोर्ट से मिली राहत, जानिए क्या आदेश दिया प्रशासन को

CHANDIGARH: शहर में पटाखा बैन के मामले पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पटाखों के कारोबारियों को राहत दे दी है। आज क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ की याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रशासन को अपना आर्डर रिव्यू करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि पटाखे बेचने की परमीशन न मिलने की सूरत में कारोबारी अपने नुकसान का मुआवजा लेने के योग्य होंगे। इसके बाद अब पटाखा कारोबारियों की नजर प्रशासन के अगले कदम पर टिकी है।

गौरतलब है कि क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ ने शहर में पटाखे बेचने और फोड़ने पर प्रतिबंध के चंडीगढ़ प्रशासन के आदेश को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में गत शनिवार को चुनौती दी थी। संभावना जताई जा रही थी कि हाईकोर्ट में पटाखों को लेकर ही यमुुनानगर के कुछ व्यापारियों की तरफ से दायर जनहित याचिका पर गत सोमवार को सुनवाई के दौरान क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ की याचिका पर भी सुनवाई हो सकती है लेकिन हाईकोर्ट ने यमुनानगर के व्यापारियों की जनहित याचिका सोमवार को खारिज कर दी थी, जबकि क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ की याचिका को स्वीकार करते हुए इस पर बुधवार को सुनवाई करने का निर्णय लिया था। यह याचिका शहर के सीनियर एडवोकेट ब्रजेश्वर जसवाल के जरिए दायर की गई।

दो दिन के भीतर आर्डर रिव्यू करना होगा, नुकसान का मुआवजा लेने के योग्य होंगे कारोबारी

क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के महासचिव चिराग अग्रवाल ने बताया कि आज दोपहर को दो बजे हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर पूरी सहानुभूति से सुनवाई की। इस दौरान शहर के सीनियर एडवोकेट ब्रजेश्वर जसवाल ने हाईकोर्ट के समक्ष क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन का पक्ष पूरी मजबूती से रखा, जबकि चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से एडवोकेट पंकज जैन नेे पक्ष रखा। चिराग अग्रवाल के अनुसार दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश दिया है कि वह शहर में पटाखे बेचने व फोड़ने पर रोक के अपने आर्डर को रिव्यू करे। अग्रवाल ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक प्रशासन को आज व कल यानी दो दिन के भीतर अपने आर्डर को रिव्यू करना होगा। इसके अलावा हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि पटाखे बेेचने व फोड़ने पर रोक का आदेश जारी रखने की सूरत में पटाखा कारोबारी नुकसान का मुआवजा लेने के योग्य होंगे तथा वह इसके लिए कोर्ट में अपील कर सकते हैं। चिराग अग्रवाल ने कहा कि क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ को हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद बड़े नुकसान से बचाव होने की उम्मीद जगी है और अब प्रशासन के अगले निर्णय का इंतजार है।

चंडीगढ़ प्रशासन ने शुक्रवार को लगाया था प्रतिबंध
गत शुक्रवार को चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में 30 नवम्बर तक पटाखे बेचने व फोड़ने पर रोक लगा दी थी। इसके लिए कोविड-19 के प्रसार और प्रदूषण का हवाला दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने भी पटाखे फोडऩे पर रोक लगाने की एडवाइजरी दी थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी (NGT)ने भी 18 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया था। इनमें चंडीगढ़ भी शामिल है। इसके मद्देनजर एनजीटी (NGT) के फैसले से पहले ही चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से शहर मेंं पटाखे बेचने व फोड़ने पर रोक लगा दी गई। प्रशासन के फैसले के बाद इसका विरोध भी शुरू हो गया था। भाजपा, कांग्रेस, चंडीगढ़ व्यापार मंडल व चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल ने भी प्रतिबंध का विरोध करते हुए पटाखा कारोबारियों का समर्थन किया तथा प्रशासन से फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की थी लेकिन एनजीटी (NGT) का फैसला आ जाने के बाद भी चंडीगढ़ प्रशासन ने अपना निर्णय बरकरार रखा। साथ ही पटाखे बेचने वालों के लाइसेंस रिन्यू करने के लिए ली गई फीस वापस करने की घोषणा कर दी थी।

क्या कहा था NGT ने

NGT ने अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया है कि जिन शहरों-कस्बों में हवा की क्वालिटी मॉडरेट या इससे नीचे के लेवल पर है, वहां प्रदूषण रहित पटाखे बेचे जा सकते हैं लेकिन दीवाली, गुरु पर्व, छठ, क्रिसमस, न्यू ईयर जैसे मौकों पर सिर्फ 2 घंटे पटाखे फोड़ने की छूट होगी। जिन शहरों-कस्बों में हवा की क्वालिटी ठीक है, वहां पटाखों पर बैन ऑप्शनल होगा लोकल अथॉरिटी चाहे तो अपने हिसाब से गाइडलाइंस तय कर बैन लगा सकती है।

कारोबारियों का करोड़ों रुपया डूबने की स्थिति में: चिराग अग्रवाल
प्रशासन के फैसले से सबसे ज्यादा पटाखा कारोबारी गुस्से में हैं। क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के महासचिव चिराग अग्रवाल का कहना है कि प्रशासन को प्रतिबंध का फैसला पहले करना चाहिए था। शहर में पटाखों की स्टॉल लगाने के लिए आवेदन लेने के बाद ड्रॉ निकालकर नतीजा रोक देना और फिर पटाखों का प्रतिबंध लगा देना कारोबारियों के साथ सरासर धक्का है। चिराग अग्रवाल ने कहा कि पटाखा लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद कारोबारियों ने करोड़ों के ऑर्डर पटाखा कंपनियों को दे दिए थे। अब कंपनियां कह रही हैं कि अपना माल ले जाओ लेकिन अब कारोबारी क्या करें? उनका करोड़ों रुपया डूबने की स्थिति में आ गया है।

पंजाब व हरियाणा ने भी दी दो घंटे की छूट
दूसरी ओर, पटाखों के मामले में पड़ोसी राज्य हरियाणा एनसीआर में आते अपने शहरों को छोड़कर बाकी शहरों में दो घंटे पटाखे फोड़ने की छूट देने का फैसला कर चुका है तो पंजाब ने भी दीवाली व गुरु पर्व पर दो घंटे पटाखे फोड़ने की इजाजत दे दी है। इससे पहले पंजाब ने एनजीटी (NGT) को भेजे अपने जवाब में कोविड-19 के मद्देनजर राज्य में पटाखों पर रोक लगाने की जरूरत से इंकार कर दिया था। पंजाब सरकार ने राज्य में वायु प्रदूषण की स्थिति खराब श्रेणी में न होने का हवाला देते हुए कहा था कि वह वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए समय-समय पर उचित कदम उठाती रही है। पंजाब का कोई इलाका दिल्ली एनसीआर के दायरे में भी नहीं आता है। हालांकि पंजाब के मंत्रियों ने लोगों से पटाखे फोड़ने से गुरेज करने की अपील भी की है।

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