NEW DELHI: कोविड महामारी की तीसरी लहर के बीच ‘ओमिक्रोन’ वेरिएंट लोगों में गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। इस वेरिएंट के लक्षण नॉर्मल वायरल से काफी मिलते-जुलते हैं इसलिए मरीजों में इसे आसानी से पकड़ पाना मुश्किल भी है। अच्छी बात यह है कि अब तक नया वायरस ओमिक्रोन पुराने डेल्टा वायरस की तरह गंभीर परिणाम सामने नहीं लेकर आया है। जो लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं वो लोग बीमार तो पड़ रहे हैं लेकिन 10 से 7 दिनों के भीतर फिर से नॉर्मल हो जा रहे हैं। इसके लिए डॉक्टर संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में रहने के लिए कह रहे हैं और नॉर्मल होने के बाद भी रिपोर्ट नेगेटिव आने तक का इंतजार करने को कह रहे हैं।
मुश्किल घड़ी में आयुष मंत्रालय के ये उपाय बन सकते हैं ‘रामबाण’
इस बीच यदि आप ‘ओमिक्रॉन’ संक्रमित व्यक्ति की चपेट में आते हैं तो केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा सुझाए गए आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर हेल्दी रख सकते हैं। मंत्रालय ने इस संबंध में कहा है कि इनके जरिए यह सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है कि महामारी के इस दौर में लोग स्वस्थ रहें और कोरोना महामारी से अपना बचाव कर सकें। जी हां, इस मुश्किल घड़ी में आयुष मंत्रालय ने हर नागरिक के व्यक्तिगत स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर खासा जोर दिया है। केवल इतना ही नहीं मंत्रालय ने आयुष पद्धति के अलग-अलग उपायों पर चर्चा करते हुए उन्हें अपनाने के लिए लोगों से अपील की है ताकि इन्हें अपनाकर व्यक्ति स्वस्थ रह सके।
आयुष मंत्रालय के सभी उपाय कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर के अंतर्गत
हालांकि आयुष मंत्रालय ने कहा कि ये सभी उपाय कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर के अंतर्गत आते हैं। इन्हें महामारी से बचाव के तौर पर विकल्प के रूप में लेना चाहिए। आयुष मंत्रालय ने मास्क के इस्तेमाल, हाथों की सही तरह से सफाई, शारीरिक और सामाजिक दूरी का पालन, कोविड टीकाकरण, स्वस्थ आहार, बेहतर इम्युनिटी और अन्य हेल्थकेयर से जुड़े नियमों का पालन करने को भी कहा है। आइए अब जानते हैं आयुष मंत्रालय के आयुर्वेदिक उपायों के बारे में…
ओमिक्रोन से लड़ने के आयुष मंत्रालय के आयुर्वेदिक उपायों की सूची…
सामान्य उपाय :
– दिन भर में कई बार गर्म पानी पिएं।
– दिन में कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम और मेडिटेशन जरूर करें।
– मसाले जैसे हल्दी, जीरा और धनिया जरूर खाएं।
– खाना पकाने में लहसून का इस्तेमाल जरूर करें।
इम्यूनटी को बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय :
– सुबह 10 ग्राम च्यवनप्राश का सेवन जरूर करें। डायबिटीज रोगियों को शुगर फ्री च्यवनप्राश लेना चाहिए।
– तुलसी और दालचीनी से बनी हर्बल चाय व काढ़ा जरूर पिएं।
– दालचीनी, काली मिर्च, शुंठी (सूखी अदरक) और मुनक्का (किशमिश)-दिन में एक या दो बार जरूर खाएं।
– गुड़ (प्राकृतिक चीनी) और नींबू के रस का सेवन भी जरूर करें।
– गोल्डन मिल्क- 150 मिलीलीटर गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर दिन में एक या दो बार जरूर पिएं।
सरल आयुर्वेदिक प्रक्रियाएं :
– तिल का तेल और नारियल का तेल या घी लगाएं नासिका छिद्र में सुबह और शाम लगाएं।
– ऑयल पुलिंग थेरेपी-1 टेबल स्पून तिल या नारियल का तेल को 2 से 3 मिनट तक गर्म पानी में मिलाकर कुल्ला कर लें। यह दिन में एक या दो बार किया जा सकता है।
सूखी खांसी और गले में खराश के दौरान :
– ताजा पुदीना (पुदीना) की पत्तियों या अजवाइन और अदरक के साथ गर्म पानी का भाप जरूर लें।
– लौंग के चूर्ण को गुड़ या शहद के साथ मिलाकर 2-3 बार लें।