आर्थिक, नैतिक और चारित्रिक भ्रष्टाचार से मुक्ति पाना जरूरी है: मुख्यमंत्री
CHANDIGARH, 9 NOVEMBER: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भ्रष्टाचार का सबसे अधिक प्रभाव गरीब व्यक्ति पर पड़ता है। भ्रष्टाचारी गरीब व्यक्ति का हक मारकर स्वयं को समाज में प्रतिष्ठित दिखाने का कार्य करते हैं। इसलिए हमें समाज के साथ संबंध जोड़कर समाज सेवा का दायित्व निभाना चाहिए और भ्रष्टाचार को पूर्ण रूप से खत्म करने का प्रयास करना चाहिए। भ्रष्टाचार से दूर रहकर देश व प्रदेश को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।
मुख्यमंत्री आज पंचकूला के लोक निर्माण विश्रामगृह में हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान प्रदेश के 9 जिलों के 25 स्थानों पर, जहां मिशन कर्मयोगी की ट्रेनिंग दी जा रही है, वहां पर भी अधिकारी व कर्मचारी ऑनलाइन इस कार्यक्रम से जुड़े। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में भ्रष्टाचार रोकने में सराहनीय कार्य करने वाले 16 अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में भ्रष्टाचार विषय पर आज के दिन चर्चा हो रही है। भ्रष्टाचार किसी देश व प्रदेश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में कम या ज्यादा मिलता है। इससे मुक्त होने के लिए हमें निरंतर प्रयास करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए जन जागरण की कोई कमी नहीं है। कमी है तो केवल संस्कारों की है। यदि हम जीवन में संस्कार और संतोष के भाव का समावेश कर लें तो भ्रष्टाचार से मुक्ति पाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक, नैतिक और चारित्रिक भ्रष्टाचार से मुक्ति पाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारी देश व समाज को खोखला करने का काम कर रहे हैं। भ्रष्टाचार एक तरह का कैंसर है, जिसके घातक परिणाम होते हैं। इसके अलावा चारित्रिक भ्रष्टाचार की सोच वाले व्यक्ति समाज में अपनी लोकलाज बढ़ाने के लिए भ्रष्टाचार करते हैं। मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, चाणक्य तथा चंडीगढ़ निवासी समाजसेवी जगदीश आहूजा के जीवन का उदाहरण देकर लोगों का आह्वान किया कि वे उनके जीवन से प्रेरणा लेकर काम करें।