मुख्य सचिव ने डीसी, पुलिस प्रमुख और एमसीज के साथ मीटिंग कर हालात का जायजा लिया
CHANDIGARH: मुख्य सचिव पंजाब विनी महाजन ने आज यहाँ राज्य में कोविड-19 के मामलों में मौजूदा वृद्धि से निपटने के लिए उठाए गए आपातकालीन कदमों का जायज़ा लेने के लिए डिप्टी कमिश्नरों, पुलिस प्रमुख, म्युन्सीपल कमिश्नरों, सिविल सर्जनों और अन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग की। कोविड की तीसरी लहर पर चिंता ज़ाहिर करते हुए जहाँ 13 मार्च को 1515 कोविड-19 पॉजि़टिव केस सामने आए हैं, उन्होंने अधिकारियों को सभी ज़रूरी प्रबंध यकीनी बनाने और मामलों में हाल ही में आए उछाल के साथ कारगर ढंग से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा। उन्होंने फैलाव की श्रंखला को तोडऩे के लिए संपर्कों की टेस्टिंग बढ़ाने के लिए कहा। उन्होंने मीटिंग के दौरान मैडीकल माहिरों के साथ भी विस्तार में चर्चा की और कोविड के फैलाव रोकने के लिए ज़रुरी कदमों के बारे में उनकी राय माँगी। उन्होंने बताया कि राज्य ने पिछले साल सितम्बर में कोविड का पहला शिखर देखा जब एक दिन में 2,896 मामले सामने आए, जिसके बाद दोबारा शिखर नवंबर में देखा गया, जब एक दिन में 843 केस सामने आए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को हिदायत दी कि वह हफ़्ते के सभी दिनों के लिए सभी चयनित अस्पतालों में कोविड-19 टीकाकरण करें और सभी सरकारी पी.एच.सीज़ समेत अन्य सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं को टीकाकरण केन्द्रों के तौर पर शामिल करें।
महाजन ने डिप्टी कमिश्नरों और सिविल सर्जनों को कहा कि वह अपने अधिकार क्षेत्र अधीन आने वाले प्राईवेट अस्पतालों को अपने कोविड बिस्तरों का सामथ्र्य बढ़ाने के लिए सलाह दें और प्राईवेट अस्पतालों जो अभी तक एल-3 कोविड केयर के लिए वैरीफायी नहीं किये गए, उनको जि़लों द्वारा जल्द वैरीफायी किये जाने की ज़रूरत है, जिससे उनको एल-3 केयर सुविधाओं में शामिल किया जा सके और यह यकीनी बनाया जा सके कि यहाँ और ज्य़ादा एल-3 बैड उपलब्ध हैं। एल-3 कोविड मरीज़ों को संभालने के लिए ज़रुरी बुनियादी ढांचे और मानव शक्ति वाले पहचाने गए प्राईवेट अस्पतालों को अपने बिस्तरों की सामथ्र्य तुरंत पहले शिखर के स्तर तक बढ़ाने के लिए कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि लैबोरेट्रियों के लिए लगभग 28,000 से 30,000 कोविड नमूनों का प्रति दिन टैस्ट करना लाजि़मी है। उन्होंने हिदायत की कि 3 सरकारी मैडीकल कॉलेजों को एल-2 और एल-3 बिस्तरों की उपयुक्त उपलब्धता यकीनी बनानी चाहिए, जैसे कि पहले शिखर के दौरान किया गया था। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को हिदायत की कि कोविड प्रबंधन के लिए सभी जि़लों में डाक्टरी माहिरों की उपयुक्त संख्या को यकीनी बनाया जाए और तुरंत अपेक्षित मानवीय शक्ति जैसे वार्ड अटैंडैंट्स, क्लास-4 अमला और ऐंबूलैंसों के लिए चालकों आदि की सेवाएं ली जाएँ और सभी जिलों में सभी एल-2 सहूलतों को पूरी तरह कार्यशील बनाया जाये। उन्होंने आगे कहा कि डाक्टरी माहिरें द्वारा सुझाए अनुसार जिलों को कहा गया है कि वह स्तर 2 और स्तर 3 के मरीज़ों का इलाज करने वाले प्राईवेट अस्पतालों को कम से कम 2 हफ़्तों के लिए रुटीन की चुनिन्दा सर्जरियां मुलतवी करें, जिससे यहाँ कोविड बिस्तरों की अतिरिक्त ज़रूरत के लिए प्रबंध किये जा सकें। उन्होंने बताया कि 8 जिलों में पहले ही रात का क$फ्र्यू लगाया गया है और अन्य जिलों को भी स्थिति की समीक्षा करने और उसके अनुसार उचित फ़ैसले लेने की सलाह दी गई है।
मुख्य सचिव ने राज्य के लोगों से अपील की कि वह लापरवाही न बरतें और कोविड सम्बन्धी सभी सावधानियों की पालना करते हुए महामारी से निपटने में सरकार की सहायता करें। उन्होंने सूचना एवं लोक संपर्क विभाग को टीकाकरण सम्बन्धी किसी भी तरह के संदेह को दूर करने के लिए आई.ई.सी. गतिविधियों को तेज़ करने और लोगों के साथ संपर्क के लिए सोशल और अन्य मीडिया को शामिल करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि राज्य ने पहले ही सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद कर दिए हैं और अंदरूनी और बाहरी भीड़ों पर क्रमवार 100 और 200 व्यक्तियों के जलसा की बंदिशें लगा दी गई हैं।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के सलाहकार डा. के.के. तलवाड़ ने स्पष्ट किया कि यह संभावना हो सकती है कि लाभपात्री के दूसरी ख़ुराक लगाए जाने के बाद भी कोविड पॉजि़टिव पाया जाये, क्योंकि कोविड वैक्सीन दूसरी ख़ुराक के दिए जाने के दो हफ़्तों बाद ही सुरक्षा का अपेक्षित स्तर पैदा करती है। उन्होंने कहा कि अगर कोई लाभपात्री दूसरी ख़ुराक के दो हफ़्तों से अधिक समय के बाद भी पॉजि़टिव पाया जाता है तो संक्रमण की गंभीरता बहुत कम होगी और लाभपात्री को अस्पताल दाखि़ल होने की ज़रूरत नहीं होगी। उन्होंने बताया कि उनका नेतृत्व करने वाले माहिर समूह ने कोविड प्रबंधन के लिए नये प्रोटोकॉल को मंज़ूरी दे दी है, जिसको जल्द सरकार द्वारा नोटीफायी किया जायेगा।
कोविड-19 टीकाकरण की स्थिति के बारे में मुख्य सचिव को अवगत करवाते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य हुसन लाल ने बताया कि लगभग 50 फीसद हैल्थकेयर और फ्रंटलाईन वर्करों को टीके की पहली ख़ुराक दी गई है और निर्धारित समय पूरा होने पर इन लाभपात्रियों को क्रमवार दूसरी ख़ुराक भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य को अब तक समय सीमा पूरी होने की अलग अलग तारीकों वाली कोवीशील्ड की 19.15 लाख ख़ुराकों और कोवैक्सीन की 1.37 लाख ख़ुराकें प्राप्त हुई हैं और फील्ड अधिकारियों को फस्र्ट एक्सपायरी फस्ट आउट के सिद्धांत की पालना करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि फील्ड अधिकारी प्रति पॉजि़टिव मामले के पीछे 20 व्यक्तियों के संपर्क का पता लगा रहे हैं और सभी संपर्कों की कोविड टेस्टिंग यकीनी बनाने की ज़रूरत है।
कोविड सैंपलिंग को बढ़ाकर 30,000 प्रतिदिन से अधिक किया गया है, उन्होंने बताया कि मामलों की मूत्यु दर 3.2 प्रतिशत रही है और इसको नीचे लाने के लिए कोशिशें की जा रही हैं और कहा कि सी.एफ.आर. पिछले एक महीने के समय के दौरान 2.4 रही है।
डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस दिनकर गुप्ता ने बताया कि पुलिस फोर्स कोविड प्रोटोकोलों की पालना को यकीनी बनाने के लिए सख़्त मेहनत कर रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा कोविड प्रोटोकोलों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के चालान काटने की प्रक्रिया में भी तेज़ी लाई गई है और यह सुझाव दिया गया है कि सक्रमण के फैलने को रोकने के लिए होटल, रैस्टोरैंट, मैरिज पैलेसों के स्टाफ की नियमित तौर पर जाँच की जा सकती है। उन्होंने कोविड प्रोटोकोल लागू करने में जिलों का समर्थन करने का भरोसा दिया।
इस वर्चुअल मीटिंग के दौरान प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान डीके तिवाड़ी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरैक्टर कुमार राहुल, बीएफयूएचएस के उप कुलपति प्रो. राज बहादुर, डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. जीबी सिंह, डॉ. राजेश कुमार, ईडी, एसएचएसआरसी सभी स्तर-3 सहूलतों के इंचार्ज मौजूद थे।