CHANDIGARH: गुड़ और शक्कर की बढ़ती मांग को देखते हुए हरियाणा सरकार ने पहली बार सहकारी चीनी मिलों में इनका उत्पादन शुरू किया है। सहकारी चीनी मिल, महम ने सबसे पहले गुड़ और शक्कर का उत्पादन और बिक्री शुरू कर दी है, वहीं कैथल और पलवल की सहकारी चीनी मिलों में भी इस सप्ताह से उत्पादन शुरू हो जाएगा।
सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इन तीनों मिलों में से प्रत्येक चीनी मिल प्रतिदिन में 100 से 150 क्विंटल गुड़ और शक्कर का उत्पादन करेंगी। सादे और मसाले वाले गुड़ को एक किलोग्राम से लेकर दस किलोग्राम तक की पैकिंग में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। मसाले वाले गुड़ में इलायची, सौंफ, काली मिर्च, मूंगफली और देसी नारियल जैसी सामग्री शामिल होंगी।
उन्होंने बताया कि पायलट आधार पर शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट से सहकारी चीनी मिलों के घाटे कम होंगे और वह लाभ अर्जित करेंगी। साथ ही, राज्य के लोगों को चीनी की जगह अच्छी गुणवत्ता वाले प्राकृतिक विकल्पों की उपलब्धता होने से लाभ होगा। उन्होंने कहा कि यदि इस परियोजना को अच्छी प्रतिक्रिया मिली तो अन्य सहकारी चीनी मिलों में भी गुड़ उत्पादन शुरू किया जाएगा।
सहकारी चीनी मिल, महम के प्रबंध निदेशक जगदीप सिंह ने कहा कि मिल के फैक्ट्री आउटलेट पर ट्रायल के आधार पर सादे गुड़ और शक्कर की बिक्री शुरू की थी। विभिन्न मसालों और विभिन्न प्रकार की पैकेजिंग के साथ के उत्पाद जल्द ही पेश किए जाएंगे।
सहकारी चीनी मिल, कैथल की प्रबंध निदेशक सुश्री पूजा छानवरिया और सहकारी चीनी मिल, पलवल के प्रबंध निदेशक डॉ. नरेश कुमार ने बताया कि दोनों मिलें इस सप्ताह गुड़ और शक्कर का उत्पादन शुरू करेंगी। सहकारिता मंत्री द्वारा 1 नवंबर, 2020 से शुरू होने वाले पिराई सत्र से पहले ही इस परियोजना की घोषणा की गई थी। रिफाइंड चीनी तथा गुड़ और अन्य प्राकृतिक मिठास की मांग में वृद्धि के कारण गुड़ उत्पादन शुरू करने का निर्णय लिया गया था।