हरियाणा विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक-2022 पर विपक्ष का रवैया अलोकतांत्रिकः मुख्यमंत्री
कहा- कांग्रेस सदस्यों को अपनी जिद्द छोड़कर विधायी कार्यों में भाग लेना चाहिए
CHANDIGARH, 04 MARCH: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विधानसभा सत्र के तीसरे दिन आज पेश किया गया विधिविरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक, 2022 किसी को बांटने के लिए नहीं, बल्कि समाज में सौहार्द एवं भाईचारा बनाए रखने के लिए है । उन्होंने कहा कि पिछले दिनों धोखे, लालच और विदेश ले जाने व व्यवसाय बढ़ाने के नाते तथा घर से भाग कर धर्म परिवर्तन करने की यमुनानगर, पानीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम व नूह में काफी घटनाएं हुई हैं, जो चिंताजनक हैं। कई मामलों में एफआईआर भी दर्ज हुई हैं। इस तरह की घटनाएं पूरे देश में हो रही हैं और अलग-अलग प्रदेशों ने अपने हिसाब से कानून बनाए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह प्रतिक्रिया आज विधानसभा सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर चल रही बहस के बाद पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसी व्यक्ति को इच्छापूर्वक धर्म परिवर्तन के लिए रोक नहीं लगाता, बशर्ते कि इसके लिए उसे जिला मैजिस्ट्रेट को एक महीने पहले आवेदन करना होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय दण्ड संहिता की धाराओं में भी धर्म परिवर्तन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन इससे समस्या का पूर्ण निदान नहीं होता। इसलिए यह कानून बनाने की जरूरत पड़ी।
एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिल पारित होने के बाद आगे तो यह लागू होगा ही होगा, परन्तु अगर पुराने मामलों में यदि कोई शिकायत आती है तो उसमें भी कार्रवाई की जाएगी। मिशनरी के सम्बन्ध में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी धर्म के व्यक्तियों को कहीं भी धर्मस्थल बनाने पर प्रतिबंध नहीं है। जिस धर्म के बारे प्रश्न किया गया है, उसके चंगाई सम्मेलनों में धार्मिक ओरा देकर लोगों में बीमारियां दूर करने का आश्वासन देकर अंधविश्वास फैलाते हैं, यह विधेयक उनके खिलाफ भी है।
लाल डोरा के सम्बन्ध में सदन में हुई चर्चा के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि करनाल जिले के सिरसी गांव से 26 जनवरी, 2020 को आरम्भ की गई इस योजना को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामित्व योजना के नाम के कई राज्यों में लागू किया है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पंचायत को ग्राम सभा की बैठक में यह बताना होता है कि लाल डोरे के अन्दर उक्त जमीन पर किसका कब्जा है। उसके बाद उसकी मैपिंग करवाई जाती है। यदि किसी को आपत्ति होती है तो वह एक महीने के अन्दर उपायुक्त को अपील कर सकता है। उन्होंने कहा कि अब तक 3000 गांवों में लाल डोरे के अन्दर 10 लाख सम्पत्तियों का चयन किया गया है और साढे तीन लाख रजिस्ट्रियां हो चुकी हैं।
ऑपरेशन गंगा के बारे पूछे गये एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक हरियाणा के 1815 छात्रों की पहचान की गई है, जो पहले 1785 थी। उन्होंने कहा कि अब तक 1014 छात्र वापस लौट चुके हैं और यूक्रेन के विभिन्न शहरों में 123 छात्र फसे हुए हैं। इसके अलावा, 599 छात्र पोलेंड, हंगरी व स्लोवाकिया देशों के बोर्डर पर पहुंच चुके हैं तथा 59 से सम्पर्क नहीं हो पाया है और हरियाणा के 20 विद्यार्थी पहंचने वाले हैं। उन्होंने कहा कि यह समस्या भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया की समस्या बन गई है। इसलिए सभी को सुरक्षित लाना पहली प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में पूर्व स्पीकर डा. रघुबीर सिंह कादियान व अन्य कांग्रेस के सदस्यों द्वारा किया गया आज का व्यवहार लोकतंत्र पद्वति के खिलाफ है और सदन की मर्यादा का उल्लंघन है। बेहतर होता कि डा. कादियान विधानसभा अध्यक्ष द्वारा खेद व्यक्त करने का दिए गये मौके पर सदन में खेद व्यक्त करते तो मामला यहीं समाप्त हो जाता। बहुमत के साथ पारित प्रस्ताव पर सदन में विधानसभा अध्यक्ष का निर्णय सर्वोपरि होता है। इससे पहले भी पिछले सत्र में तीन कृषि कानूनों की प्रतियां विपक्ष के सदस्यों द्वारा फाड़ी गई थी और आज सदन में बिल का प्रस्ताव रखे जाने के बावजूद फिर धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक, 2022 की प्रतियां फाड़ी गई। इसलिए उन्हें सत्र की शेष अवधि के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने निलंबित किया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य व अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।