CHANDIGARH, 26 NOVEMBER: चण्डीगढ़ के पूर्व सांसद, भारत सरकार के अपर महासालिसिटर एवं पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट तथा सिंडीकेट के सबसे वरिष्ठ सदस्य सत्यपाल जैन ने कहा है कि भारत का संविधान दुनिया के संविधानों में सबसे श्रेष्ठ संविधान है, जो कि देश को किसी भी परिस्थितियों से निकाल कर उसे और अधिक सक्षम बनाने में सहायक है। जैन ने कहा कि भारतीय संविधान पूर्णता लोकतंत्रिय परम्पराओं को प्रकट करता है तथा लोकतंत्रिक एवं धर्मनिर्पेक्ष जैसे संकल्प भारत की हजारों वर्ष पुरानी गौरवशाली गाथा का ही प्रतिबिम्ब है।
जैन आज संविधान दिवस के उपलक्षय में सरदार स्वर्ण सिंह इंस्टीटयूट जालंधर द्वारा आयोजित वेबीनार में मुख्य अतिथि के नाते बोल रहे थे। जैन ने कहा कि भारत के संविधान में सरकार के तीनों स्तंभों विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के बीच शक्तियों का संतुलित बंटवारा किया है तथा अपने-अपने क्षेत्रों में सुप्रीम है परन्तु कुल मिलाकर सर्वोच्चता संविधान की ही है, जिसके अंतगर्त सभी संस्थायें काम करती है। जैन ने कहा कि भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को उसके स्वतंत्र अधिकारों की गांरटी करता है तथा समाज में उसके कुछ कर्तव्य भी निर्धारित करता है। ये साबित करता है कि जहां-जहां इसमें अधिकार है वहां-वहां कर्तव्य भी हैं क्योंकि कर्तव्य के बिना अधिकार का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान कई सैंकड़ों वर्षों की गुलामी के बाद मिली स्वतंत्रता के बाद बनाया गया है। इसलिये आज यह प्रण लेने का समय है कि हम देश के संविधान का पूर्ण पालन करेंगे तथा उसे फिर कभी भी गुलाम नहीं बनने देंगे।