भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों के मुद्दे पर राज्यपाल से विधानसभा का आपात सत्र बुलाने की मांग की
कहा- दोगली भूमिका वाले विधायकों और पार्टियों का अविश्वास प्रस्ताव करेगा खुलासा
CHANDIGARH: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों के मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए राज्यपाल से हरियाणा विधानसभा का आपात सत्र बुलाने की मांग की है। गुड़गांव में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सदन में किसानों के मुद्दे पर सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। क्योंकि बरोदा चुनाव के नतीजे से स्पष्ट हो चुका है कि यह सरकार पूरी तरह जनता का भरोसा खो चुकी है। बीते सप्ताह में 3 निर्दलीय विधायक ने सार्वजनिक तौर पर सरकार से किनारा कर चुके हैं। जनता के बाद गठबंधन सरकार तेज़ी से विधायकों का विश्वास भी खोती जा रही है।
जनता को पता चलना चाहिए कि कौन-सा विधायक कुर्सी के साथ और कौन किसान के साथ
हुड्डा का कहना है कि आज प्रदेश का अन्नदाता सड़कों पर है और उनका वोट लेने वाले जेजेपी और निर्दलीय विधायक सत्ता का लुत्फ उठा रहे हैं। कांग्रेस किसानों की मांगों के समर्थन में खड़ी है लेकिन किसानों का वोट लेकर विधानसभा में पहुंचने वाले जेजेपी और निर्दलीय विधायक सरकार के समर्थन में खड़े हैं। कुछ विधायक दोगली नीति अपनाते हुए लगातार सरकार के विरोध और किसान आंदोलन के समर्थन में बयानबाजी तो कर रहे हैं लेकिन सरकार को भी अपना समर्थन दे रहे हैं। विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव ऐसी दोगली भूमिका वाले विधायकों और पार्टियों का सच जनता के सामने लाएगा। इससे पता चलेगा कि कौन सा विधायक और पार्टी कुर्सी के साथ है और कौन किसान के साथ है। अविश्वास प्रस्ताव के साथ कांग्रेस विधानसभा में एमएसपी गारंटी और एमएसपी से कम पर खरीद करने वाले के लिए सजा के प्रावधान का संशोधन भी लेकर आएगी। एपीएमसी एक्ट में संशोधन का ये प्रस्ताव लाया जाएगा। देखते हैं कि बयानबाज़ियों में किसानों का समर्थन करने वाले इस संशोधन का समर्थन करेंगे या नहीं।
पहली बार जाति, धर्म और भाषा के बंधनों को तोड़ते हुए एकजुट है देश का किसान, हम किसानों के साथ
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार की तरफ से किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए की जा रही बयानबाज़ियों पर कड़ी आपत्ती जताई। हुड्डा ने कहा कि उन्होंने आजतक किसानों का इतना बड़ा आंदोलन नहीं देखा। इसमें जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के बंधनों से ऊपर उठकर किसान हिस्सा ले रहे हैं। ऐसे आंदोलन के साथ खालिस्तान या विदेशी फंडिंग जैसे नाम जोड़ना ग़लत है। कृषि मंत्री जैसे ज़िम्मेदार पद पर बैठने वाले शख्स को ऐसी औछी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। ये किसानों के साथ पूरे देश का अपमान है। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए और अपनी पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि किसान अपनी जायज मांग को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं। फसलों का एमएसपी हर किसान का अधिकार है। सरकार को तुरंत किसानों की मांग मानते हुए उन्हें एमएसपी की गारंटी देनी चाहिए। साथ ही किसानों पर दर्ज तमाम मुक़दमे रद्द होने चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि किसान अपना घर छोड़कर कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे धरना दे रहे हैं। महामारी के दौर में सरकार के फैसले ने उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया है। सरकार को जल्द से जल्द किसानों से बातचीत करके उनकी मांगों पर मुहर लगानी चाहिए। क्योंकि सरकार अपनी तरफ से जितनी देरी करेगी, ये आंदोलन उतना ही बड़ा होता जाएगा।