CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर पनपा असंतोष पार्टी प्रभारी हरीश रावत के हस्तक्षेप के बाद भी थमता नजर नहीं आ रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर पूर्व मेयर सुभाष चावला की ताजपोशी के दौरान भी न केवल पार्टी की गुटबाजी, बल्कि चावला और निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के बीच पैदा हुई खटास भी खुलकर सामने आ गई है। चावला और चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के फेसबुक अकाउंट से आज लाइव किए गए ताजपोशी समारोह के दौरान छाबड़ा के भाषण को म्यूट कर दिया गया। ऐसे में पार्टी प्रभारी के अपने घर आने के बाद उनके साथ समारोह में पहुंचे छाबड़ा व उनके समर्थकों में गुस्सा एक बार फिर भड़क गया है।
सुबह छाबड़ा के घर पहुंचे हरीश रावत
गत 9 फरवरी को अचानक चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद प्रदीप छाबड़ा और उनके तमाम समर्थक असंतोष व नाराजगी में डूब गए थे। इस बीच, प्रदेश नेतृत्व परिवर्तन के खिलाफ पार्टी में बयानबाजी और पदों से इस्तीफे का दौर भी शुरू हो गया था। लिहाजा, सुभाष चावला के ताजपोशी समारोह में भाग लेने के लिए कल रात चंडीगढ़ पहुंचे प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने छाबड़ा व उनके समर्थकों की नाराजगी को देखते हुए छाबड़ा को मनाने की कोशिशें रात में ही शुरू कर दी थीं। रावत ने छाबड़ा को बातचीत के लिए पंजाब भवन आने का निमंत्रण भेजा लेकिन छाबड़ा नहीं गए। चूंकि रावत नए प्रदेश अध्यक्ष के ताजपोशी समारोह के दौरान अपने नेतृत्व में पार्टी की एकजुटता दिखाना चाहते थे। लिहाजा, हरीश रावत सुबह करीब साढ़े 11 बजे खुद ही सेक्टर-22 स्थित छाबड़ा के घर पहुंच गए।
पूर्व मेयर हरफूल कल्याण ने रावत के सामने जताया गुस्सा
प्रदीप छाबड़ा के घर में पहले ही से उनके समर्थकों की भी भीड़ मौजूद थी। इनमें पूर्व मेयर हरफूल चंद कल्याण, प्रदेश महासचिव संदीप भारद्वाज, आईटी सैल के प्रभारी यादविंदर मेहता, सफाई कर्मचारी नेता ओमपाल चावर, ओमप्रकाश सैनी, किशन चड्ढा समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता व महिला कार्यकर्ता मौजूद थीं। छाबड़ा व उनके समर्थकों ने हरीश रावत का बुके व मालाएं देकर स्वागत किया। इस दौरान छाबड़ा समर्थकों की नाराजगी भी फूट पड़ी। पूर्व मेयर हरफूल चंद कल्याण ने अभी से वरिष्ठ नेताओं को पार्टी में नजरंदाज किए जाने पर गुस्सा जताते हुए कहा कि नए अध्यक्ष के पद ग्रहण समारोह में उन्हें बुलाया तक नहीं गया है। अन्य छाबड़ा समर्थकों ने भी अपनी नाराजगी का कारण प्रभारी हरीश रावत के समक्ष रखा। इस पर रावत ने पार्टी में सभी को उचित मान-सम्मान मिलने का आश्वासन देकर सभी से पार्टी कार्यालय चलने की अपील की। इसके बाद हरीश रावत ने छाबड़ा के साथ अकेले में कुछ देर बात कर उन्हें भी सुभाष चावला के ताजपोशी समारोह में चलने के लिए मना लिया और रावत अपनी गाड़ी में ही छाबड़ा को साथ लेकर पार्टी कार्यालय पहुंचे।
छाबड़ा और बंसल में नहीं हुई दुआ-सलाम
समारोह में पहले से मौजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और निवर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के बीच दूरियां भी साफ नजर आईं। यह दूरियां प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव के बाद बनी हैं। आज पहला मौका था कि बंसल और छाबड़ा के बीच दु्आ-सलाम तक नहीं हुई। छाबड़ा को जब मंच से संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया तो उन्होंने भाषण की औपचारिकतावश एक बार बंसल का नाम जरूर लिया। छाबड़ा ने अपने संबोधन में नए अध्यक्ष सुभाष चावला को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पार्टी में कोई मेरा या तेरा नहीं है। सभी को पूरा मान-सम्मान मिलना चाहिए और जो योग्य व्यक्ति हैं, उन्हें नगर निगम चुनाव में टिकट मिलना चाहिए। मेरी शुभकामनाएं हैं कि पार्टी निगम चुनाव में सभी 35 सीटें जीते। छाबड़ा ने कहा कि लोगों को कुछ गलत फहमियां हो जाती हैं लेकिन कोई भी किसी भी पद पर जाकर खुदा नहीं हो जाता है। मैं पार्टी में नौकरी करने नहीं, बल्कि निष्ठा, ईमानदारी तथा वफादारी के साथ पार्टी व जनता की सेवा करने आया था और सेवा करता रहूंगा। छाबड़ा ने कहा कि मुझे राजनीति में 35 साल हुए हैं और अभी मेरी बाजुओं में बहुत दम है। पार्टी व जनता के लिए फिर पानी की बौछारें खाऊंगा। मैं हारा नहीं हूं और न ही बेचारा हूं। हर जंग में पार्टी के साथ था, साथ हूं और साथ रहूंगा। पार्टी जो भी ड्यूटी देगी, पूरी तरह निभाऊंगा और बिना लालच के निभाऊंगा लेकिन नए अध्यक्ष से गुजारिश करूंगा कि सबको साथ लेकर चलना। छाबड़ा ने कहा कि पार्टी दफ्तर में जैसा जो मिला, वैसा ही छोड़कर जा रहा हूं। कुछ बेचकर नहीं जा रहा, बल्कि पार्टी को और जोड़कर देके जा रहा हूं। कांग्रेस मेरा परिवार है और रहेगा। अंत में छाबड़ा ने सभी कांग्रेसजनों का हर वक्त साथ देने के लिए आभार व्यक्त किया।
समर्थक बोले, छाबड़ा के साथ यह बर्ताव स्वीकार नहीं
इस बीच, यह ताजपोशी समारोह नए अध्यक्ष सुभाष चावला और चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अधिकृत फेसबुक एकाउंट से लाइव भी किया गया लेकिन छाबड़ा के संबोधन के समय आवाज को म्यूट कर दिया गया। छाबड़ा के बाद जब नवनियुक्त अध्यक्ष सुभाष चावला को संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया तो चावला के हाथ में माइक आते ही लाइव को अनम्यूट कर दिया गया। इसको लेकर अब छाबड़ा समर्थक भड़क गए हैं। उनका कहना है कि ताजपोशी समारोह में सबको साथ लेकर चलने की कही गई बात को इस व्यवहार ने समारोह में ही सिर्फ औपचारिकता साबित कर दिया है। एक निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष के साथ यह बर्ताव स्वीकार करने योग्य नहीं है। छाबड़ा समर्थकों के ऐसे तेवरों को देखते हुए माना जा रहा है कि यह मामला अब पार्टी में नया तूल पकड़ सकता है।