विधानसभा सत्र शुरू होने से एक दिन पहले हुड्डा ने की कांग्रेस विधायक दल के साथ बैठक
कहा- गठबंधन सरकार से हर उस मुद्दे पर सवाल पूछे जाएंगे, जिनका जवाब चाहती है जनता
CHANDIGARH: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज कांग्रेस विधायक दल के साथ बैठक की। इसमें विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। हुड्डा ने बताया कि पार्टी विधायकों ने पेपर लीक और भर्ती घोटालों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया गया है। इसके अलावा किसानों पर दर्ज किए जा रहे राजद्रोह के फर्जी मुकदमों, जलभराव से फसलों को हुए नुकसान, ट्यूबवेल कनेक्शन देने में हो रही देरी, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए भी स्थगन व काम रोको प्रस्ताव दिए गए हैं।
नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि विधानसभा में सरकार से हर उस मुद्दे पर सवाल पूछे जाएंगे, जनता जिनके जवाब चाहती है। क्योंकि BJP-JJP गठबंधन सरकार की कुनीतियों के चलते आज प्रदेश की जनता अनगिनत चुनौतियों का सामना कर रही है। लेकिन सरकार आंख बंद किए बैठी है। सरकार ने जिस तरह कोरोना और ऑक्सीजन की कमी से मौतों के आंकड़े छिपाए, उससे स्पष्ट है कि सरकार जमीनी सच्चाई को नहीं देखना चाहती। आज बेरोजगारी, अपराध और महंगाई अपने चरम पर है। पूरे देश के मुकाबले हरियाणा 4 गुणा ज्यादा (28.1%) बेरोजगारी झेल रहा है। रोजगार और सरकारी भर्तियों के नाम पर घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है।
गरीबों और उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रही है सरकार
पहली कक्षा से लेकर मेडिकल स्टूडेंट तक सरकार की नीतियों का दंश झेलने को मजबूर हैं। पहली से 8वीं कक्षा तक बच्चों को अबतक पढ़ने के लिए किताबें नहीं मिल पाई हैं। जिस तरह सरकार ने मेडिकल कोर्सिज की फीस में बढ़ोत्तरी की है, गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए इन कोर्सिस में दाखिला लेना नामुमकिन हो गया है। सरकार की नीतियों के चलते आज प्रदेश में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है।
गरीब परिवारों को दिया जा रहा है घटिया क्वालिटी का राशन, सरकार का जोर सिर्फ फोटो छपवाने पर
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान गरीब परिवारों को भोजन का अधिकार दिया गया था। उसके तहत ऐसे परिवारों को अनाज, दाल, चीनी, नमक और तेल मुहैया करवाया जाता था। लेकिन बीजेपी-जेजेपी सरकार के लिए फ्री राशन की यह योजना सिर्फ विज्ञापन और इवेंटबाजी का माध्यम बन गई है। मौजूदा सरकार ने गरीबों को दाल, सरसों तेल, चीनी और नमक देना बंद कर दिया। उन्हें जो अनाज दिया जा रहा है, वो एकदम घटिया क्वालिटी का है। गोहाना से सामने आई तस्वीरों से स्पष्ट है कि सरकार गरीबों और उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रही है। गरीब परिवारों को ऐसा दिया जा रहा है जिसे जानवर भी नहीं खा सकते। ऐसा लगता है सरकार ने सारा जोर सिर्फ थैले पर फोटो छपवाने में लगाया है, ना कि राशन की गुणवत्ता पर।