CHANDIGARH: चण्डीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा ने आज भाजपा को फिर घेरते हुए उस पर लोगों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। छाबड़़ा ने कहा कि उन्होंने प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से मांग की थी कि कोविड के चलते लॉकडाउन के समय के बिजली-पानी और वेंडर फीस पूरी तरह माफ की जाए, लेकिन बिजली-पानी और वेंडर फीस माफ करने के बजाय प्रशासन तो आर्थिक संकट के इस समय में भी लोगों से लेट फीस वसूल करने में लगा है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी, चंडीगढ़ की सांसद व मेयर जिम्मेदार हैं।
भाजपा के शासन में निगम व प्रशासन लोगों को आर्थिक राहत देने के लिए तैयार नहीं
प्रदीप छाबड़ा ने एक बयान जारी कर कहा कि कोरोनाकाल व लॉकडाउन में लोगों का कामकाज पूरी तरह घाटे में है। सम्पर्क सेन्टर भी बन्द थे। अभी भी लगभग आधा चण्डीगढ़ लॉकडाउन में है। मॉल, सैलून, जिम वगैरह बहुत से कारोबार ठप्प हैं। कई लोगों के रोजगार चले गए। होटल्स, इंडस्ट्री व दुकानदारी पूरी तरह ठप्प है। फिर भी भाजपा के शासन में नगर निगम व प्रशासन लोगों को आर्थिक राहत देने के लिए तैयार नहीं है। छाबड़ा ने कहा कि प्रशासन ने कहा था कि सम्पर्क सेंटर बंद होने के कारण पानी-बिजली के बिल व अन्य कोई बिल जमा करने पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा परंतु इससे उलट, संपर्क सेंटर खोलने के बाद जो लोग अपने पानी-बिजली या वेंडर लाइसेंस फीस की किस्त या बिल जमा कराने जा रहे हैं, उनसे लेट फीस जुर्माने के रूप में वसूली जा रही है। छाबड़ा ने कहा कि पिछले वर्ष भी यही हाल था। उन्होंने मांग की है कि यह जुर्माना वसूली तुरंत रोकी जाए। जीएसटी भरने की डेट बिना जुर्माना एक्सटेंड की जाए। इस बारे में प्रशासन जल्द अधिसूचना जारी कर लोगों को राहत दे।