किसानों से अपील, बैंक खातों की पुनः जांच कर लें ताकि मुआवजा जल्द खाते में पहुंचे, कल तक खुला रहेगा क्षतिपूर्ति पोर्टल
CHANDIGARH, 8 APRIL: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि जिन किसानों का हाल ही में आई बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है वे आज एवं कल तक क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपनी रिपोर्ट अपलोड कर दें ताकि गिरदावरी में जांच की जा सके। आज और कल यह पोर्टल खुला रहेगा। उन्होंने किसानों से यह भी आह्वान किया कि वे ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पर अपने-अपने बैंक खातों की पुन: जांच कर लें कि वे सही हैं या नहीं, क्योंकि बैंक खाता की सही मिलान न होने के कारण उनको नुकसान का मुआवजा मिलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
डिप्टी सीएम, जिनके पास राजस्व एवं आपदा विभाग का प्रभार भी है, ने आज यहां हरियाणा निवास में पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि राज्य के कुछ जिलों में किसानों को हाल ही में फरवरी माह के अलावा 24 मार्च, 25 मार्च तथा 30 मार्च से 3 अप्रैल तक बेमौसमी बारिश तथा ओलावृष्टि के कारण नुकसान हुआ है। पिछले वर्ष राज्य सरकार द्वारा एक क्षतिपूर्ति पोर्टल बनाया गया था जिस पर स्वयं किसान द्वारा अपने नुकसान की रिपोर्ट को अपलोड करने की सुविधा दी गई। अभी तक इस पोर्टल पर करीब 16.83 लाख एकड़ में नुकसान का आंकड़ा किसानों द्वारा दर्शाया गया है। इनमें सबसे ज्यादा चरखी दादरी, जींद, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, कैथल, सोनीपत में किसानों द्वारा अपलोड की गई रिपोर्ट के आधार पर एक-एक लाख एकड़ से ज्यादा फसल को नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि फसल कटाई का सीजन है और 1.65 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में पहुंच चुका है। एक माह में जल्द से जल्द उक्त आपदा के नुकसान की गिरदावरी करवाने के लिए प्रदेश सरकार ने अब राजस्व अधिकारियों, पटवारी, कानूनगो, उपायुक्त आदि के अलावा क्षतिपूर्ति-सहायकों से भी गिरदावरी करवाने निर्णय लिया गया है। ये क्षतिपूर्ति-सहायक पटवारी की भी सहायता करेंगे। इन क्षतिपूर्ति-सहायकों की नियुक्ति केवल इस गिरदावरी के लिए की जाएगी। उन्होंने बताया कि इन क्षतिपूर्ति सहायकों को 500 एकड़ के ब्लॉक की गिरदावरी करने पर 5,000 रुपए दिए जाएंगे। इन क्षतिपूर्ति-सहायकों को मोबाइल से फोटो लेने के अलावा कंप्यूटर का ज्ञान होना चाहिए, उनकी नियुक्ति संबंधित उपायुक्त द्वारा की जाएगी।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश सरकार के नियमानुसार 25 से 50 प्रतिशत नुकसान होने पर 9,000 रुपए, 75 प्रतिशत तक 12,000 रुपए और 100 प्रतिशत नुकसान होने पर 15,000 रूपए प्रति एकड़ तक मुआवजा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस बार नुकसान की रिपोर्ट का पूरे राज्य-स्तर पर तैयार होने का इंतजार किए बिना जिला स्तर पर रिपोर्ट बनते ही ‘राज्य आपदा राहत फंड’ से मुआवजा वितरण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। डिप्टी सीएम ने यह भी जानकारी दी कि जनरल गिरदावरी की रिपोर्ट आ चुकी है, इसमें 13 जिलों में फसलों को नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि विधानसभा सत्र के दौरान भी स्पेशल गिरदावरी करवाने के आदेश दिए गए थे जिसमें तीन अन्य जिलों में भी नुकसान की रिपोर्ट आई है।