3, JANUARY: उत्तर पश्चिम भारत में आज से शीतलहर की शुरूआत की संभावना है। भारतीय मेट्रोलॉजिकल विभाग (IMD) का अनुमान है कि अगले तीन दिनों तक भारत के उत्तरी हिस्सों में गंभीर शीतलहर की स्थिति बनी रहेगी। मौसम विभाग ने बताया है कि उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में अगले चार दिनों के दौरान घने कोहरे की भी स्थिति बनी रहेगी।
भारतीय मेट्रोलॉजिकल विभाग (IMD) ने ट्वीट कर बताया है कि अगले 5 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत (पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार) के मैदानी इलाकों में घने से बहुत घने कोहरे और ठंडे दिन की स्थिति जारी रहने की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तरी राजस्थान में अगले 4-5 दिनों के दौरान शीत लहर की स्थिति जारी रहने की संभावना है।
उत्तर भारत में भीषण शीतलहर का अलर्ट
भारतीय मेट्रोलॉजिकल विभाग (IMD) के अनुसार भारत- गांगेय मैदानों के ऊपर सतह के निकट हल्की हवाओं और अधिक नमी के कारण उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के कई इलाकों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों में इन इलाकों में न्यूनतम तापमान 2-6 डिग्री सेल्सियस के दायरे में रहा।
तापमान में आएगी कमी
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में हिमालय से आने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण, अगले दो दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम और आसपास के मध्य भारत में न्यूनतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है। राजस्थान के उत्तरी हिस्सों में मंगलवार तक भीषण शीत लहर की स्थिति रहने की संभावना है।
राजस्थान में भी शीतलहर
राजस्थान में कड़ाके की ठंड का कहर जारी है। सीकर के फतेहपुर शेखावाटी में तापमान एक दशमलव शून्य डिग्री सेल्सियस और चूरू में एक दशमलव 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राज्य के सभी जिलों में तापमान 10 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया है। शेखावाटी क्षेत्र के अलावा भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और हनुमानगढ़ में शीत लहर का प्रकोप जारी है तथा कुछ स्थानों पर घना कोहरा छाया रहा।
इन इलाकों में छाएगा घना कोहरा
अगले 4 से 5 दिनों तक हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा में भी घना कोहरा छाया रहेगा। वहीं, बिहार में चार दिनों तक बहुत घना कोहरा छाए रहने की संभावना है।
मौसम कार्यालय ने जनवरी और मार्च के बीच उत्तर-पश्चिम भारत में लंबी अवधि के औसत (एलपीए) की सामान्य