CHANDIGARH: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज करनाल जिला के गांव कैमला में किसान महापंचायत कार्यक्रम के दौरान हुए घटनाक्रम के लिए कांग्रेस व वामपंथियों को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि ये लोग एक्सपोज हो गए हैं। जनता सब कुछ जानती है, किसान समझदार हैं और हमारे अपने हैं। उन्होंने कहा कि उकसाने वाले किसी वहम में न रहें, वक्त आने पर जनता उनको सबक सिखा देगी।
मनोहर लाल ने आज चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आमदनी को दोगुना करना चाहते हैं, परंतु कांग्रेस व कम्युनिस्ट किसानों को भ्रमित करके किसानों का ही नुकसान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून सरकार ने किसानों के लाभ के लिए बनाए हैं। कम से कम एक साल तक इनको देखना चाहिए, यदि कोई कमी लगे तो सरकार बदलाव भी कर सकती है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। यदि किसी को उसकी बात रखने से जबरदस्ती रोका जाता है तो यह लोकतंत्र के उसूलों के खिलाफ है। आज भी ऐसा ही कुछ घटनाक्रम हुआ। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वे बातचीत के माध्यम से अपनी बात रखें। उन्होंने आग्रह किया कि वे देश की परंपराओं में विश्वास रखें। मनोहर लाल ने कहा कि मंडी अब भी हैं और आगे भी जारी रहेंगी, किसानों को वैकल्पिक रास्ता दिया गया है, अगर वो मंडी से बाहर एमएसपी से ज्यादा कीमत पर अपनी फसल बेचना चाहें तो उनकी मर्जी है।
उन्होंने कहा कि ये कृषि कानून कांग्रेस सरकार के समय भी लागू करने के लिए प्रस्ताव रखा गया था, परंतु उनमें नया करने की हिम्मत नहीं थी। जब हमारी सरकार जनहित के लिए कोई नया कदम उठाती है तो वे सोचते हैं कि ये कैसे कर गए, इसके बाद इन पार्टियों के नेता लोगों को झूठ बोलकर उकसाना शुरू कर देते हैं।
मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने व नागरिकता कानून संशोधन जैसे मामलों पर भी कांग्रेस ने देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश की थी, परंतु देश की जनता उनके बहकावे में नहीं आई और केंद्र सरकार के इन कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बाबा भीमराव अंबेडकर ने संविधान में जिस लोकतंत्र की व्यवस्था की थी, उसका कांग्रेस सरकार ने आपातकाल के दौरान उल्लंघन किया था, जिसके कारण देश की जनता ने उनको सत्ता से उखाड़ फेंका था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता दिन में सपने ले रहे हैं और वे सत्ता के लिए बिलख रहे हैं। उन्होंने विपक्ष को आगाह किया कि वे भोले-भाले किसानों को उकसाने से बाज आएं।
करनाल जिला के गांव कैमला में किसान महापंचायत के दौरान हुए घटनाक्रम के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तथाकथित किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर कांग्रेसियों व वामपंथियों के हाथों में खेलने का आरोप लगाते हुए कहा कि चढूनी द्वारा लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से उकसाया जा रहा था कि वे किसान पंचायत नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जनता के प्रतिनिधि हैं और लोगों के हित के लिए उनके बीच जाते हैं। उनको पता चल गया था कि कुछ लोग उक्त कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं, जिस पर जिला प्रशासन ने कुछ किसान नेताओं से बातचीत भी की थी, जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया था कि वे सिर्फ सांकेतिक विरोध करेंगे और कुछ गलत नहीं करेंगे। परंतु विपक्षियों के बहकावे में आकर प्रशासन से किया वायदा तोड़ा, जिसकी मैं निंदा करता हूं।
उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में उनके पहुंचने से पहले भाजपा के नेताओं ने किसान महापंचायत में मौजूद लोगों को कृषि कानूनों के बारे में समझा दिया था। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को अपेक्षा थी कि आज मुख्यमंत्री द्वारा विकास कार्यों की घोषणाएं की जाएंगी। करीब 100 करोड़ रुपये की घोषणाएं उस गांव के लिए की जानी थी। एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 जनवरी भारत के इतिहास में राष्ट्र गौरव का दिन है, अगर कुछ लोग उस दिन का प्रयोग अपनी राजनीति के लिए करेंगे तो यह शर्म की बात है।