पंजाब में सीएम ने 1 मई से 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लिए टीकाकरण की घोषणा की

टीका लगाने के लिए रणनीति बनाने को विशेषज्ञों का ग्रुप बनाया, एक सप्ताह में योजना सौंपने के लिए कहा

CHANDIGARH: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को ऐलान किया कि राज्यभर में 1 मई से 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के लिए टीकाकरण की शुरुआत की जायेगी। यह भी यकीनी बनाने के लिए कहा गया है कि राज्य की सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में टीकों की सप्लाई मुफ़्त की जाये।

शुरुआत में टीकों की सीमित सप्लाई की संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों का ग्रुप बनाया जिसमें प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कंग, सी.एम.सी. वेलोर के कम्यूनटी हैल्थ के प्रोफ़ैसर डॉ. जैकब जोहन और पी.जी.आई. के जन सेहत विभाग स्कूल के पूर्व प्रमुख डॉ. राजेश कुमार को शामिल किया गया। यह ग्रुप 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग में प्राथमिकताओं के लिए सुझाव देगा।

राज्य में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों के ग्रुप को टीकाकरण संबंधी रणनीति बनाने और राज्य में कोविड महामारी के अनिर्धारित संकट के कारण पैदा हुई चुनौतियों के मुकाबले के लिए एक विस्तृत योजना राज्य सरकार को एक सप्ताह में सौंपने के लिए कहा।

कोविड की मौजूदा दूसरी लहर का डटकर मुकाबला करने के लिए उपयुक्त रणनीति की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए विशेषज्ञ ग्रुप की एक मैंबर प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट डा. गगनदीप कंग जो आज विशेष बुलावे पर मीटिंग में शामिल हुए, ने लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, मोहाली और पटियाला जैसे अधिक मामलों वाले शहरों संबंधी भौगोलिक स्थिति को भी आधार बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि मैडीकल ज़रूरत (गंभीर सह बीमारी) और अध्यापकों आदि जैसे पेशामुखी समूहों को आधार बनाकर प्राथमिकताएं निर्धारित की जाएँ।मुख्यमंत्री को बताया गया कि इससे पहले आज पंजाब को कोवीशील्ड की 4 लाख ख़ुराकें केंद्र सरकार से प्राप्त हो चुकी हैं।

उन्होंने और बताया कि टीकाकरण मुहिम की गति को देखते हुए ये दवाएँ भी केवल तीन या चार दिनों तक ही चलेंगी, इसलिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को कोवैक्सीन की पर्याप्त मात्रा में ज़रूरी ख़ुराकों का मुद्दा प्रभावशाली ढंग से केंद्र सरकार के समक्ष उठाने के लिए कहा।देश में रेमडेसीवीर और टोसिलीज़ुमाब जैसी एंटी वायरल दवाओं की काला बाज़ारी की रिपोर्टों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे विशेषज्ञों ने एसीं दवाओं के प्रयोग बारे स्पष्ट मापदंड तय किये हैं और इनको उचित ढंग से प्रचारित और सही तरीको से अपनाया जाना चाहिए।

स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. के.के. तलवार की तरफ से उठाए गए नुक्ते अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्ययन ने यह साफ़ कर दिया है कि इनमें से बहुत सी दवाओं का व्यक्ति की जान बचाने से कोई सम्बन्ध नहीं। इसी तरह डॉक्टरों के विशेषज्ञ ग्रुप की तरफ से टोसिलीज़ुमाब के विकल्प और गंभीर मरीज़ों के प्रबंधन बारे प्रोटोकॉल निरंतर साझा किये जा रहे हैं।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राज्य को एसीं दवाओं की खरीद मरीज़ों के लिए जारी रखनी चाहिए जिसका प्रयोग उनके लिए सहायक होती हो और यह दवाएँ सरकारी अस्पतालों को मुहैया करवाई जाएँ और प्राईवेट अस्पताल जो पहले से ही इसका प्रयोग कर रहे हैं, की भी मदद करनी चाहिए।

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