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CHANDIGARH: पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के दौरान सुरक्षा में भारी चूक को लेकर मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी, डिप्टी मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा व पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के गैर जिम्मेदारी पूर्ण रवैये की निंदा की है।
यहां जारी एक बयान में कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि चन्नी, रंधावा व सिद्धू उलझन में फंसे होने की तरह व्यवहार कर रहे हैं, जिन्हें नहीं पता चल रहा कि वो अपनी जिम्मेदारियों को कैसे निभाएं। जो जिम्मेदारी लेने की बजाय उससे भाग रहे हैं और उसे जूनियर्स पर डाल रहे हैं और यह नेतृत्व की नहीं, बल्कि कायरता की निशानी है।
इस क्रम में, सुरक्षा में चूक को लेकर चन्नी के उलझन भरे व आपस विरोधी बयानों का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि सुबह के वक्त वह कुछ और कहते हैं व जांच के आदेश देते हैं, जबकि शाम होते ही किसी भी बात को नकार देते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के बचकाना बयान पर भी हंसी उड़ाई है कि वह प्रधानमंत्री की जिंदगी को कोई भी खतरा होने पर अपनी छाती पर गोलियां खा लेंगे। उन्होंने चन्नी से कहा कि आप यहां छाती पर गोलियां खाने के लिए नहीं हैं, अच्छा होगा कि आप अपनी जिम्मेदारी पर ध्यान दें।
कैप्टन अमरिंदर ने गृह विभाग का चार्ज रखने वाले उप मुख्यमंत्री रंधावा द्वारा दिए बयान कि केंद्रीय एजेंसियों को प्रधानमंत्री के लिए सुरक्षित रास्ता सुनिश्चित करना चाहिए था, पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री सच्चाई से अनजान लगते हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री पंजाब में थे और उन्हें हर तरह से सुरक्षा मुहैया करवाना पंजाब सरकार की जिम्मेदारी थी। हाल ही में आप बीएसएफ का दायरा बढ़ाए जाने के खिलाफ घड़ियाली आंसू बहा रहे थे कि कानून व व्यवस्था राज्य के अधिकार से क्षेत्र में है, बीएसएफ का इससे कुछ नहीं लेना-देना। जबकि आज अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए, आप कह रहे हैं कि वही कानून-व्यवस्था केंद्रीय एजेंसियों की जिम्मेदारी थी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सिद्धू को भी विशेष रूप से सलाह दी कि बेहतर होगा कि आप उन मुद्दों पर बोलने से बचें, जिनके बारे में आपको कोई जानकारी नहीं है; जैसे कि किस तरह प्रधानमंत्री का सुरक्षा दायरा काम करता है। उन्होंने कहा कि हर कोई व विशेष तौर पर उनकी अपनी पार्टी और सरकार ने भी उन्हें गंभीरता से लेना बंद कर दिया है।
कैप्टन अमरिंदर ने कांग्रेस के नेताओं को अपने पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी की समझदारी पूर्ण सलाह को सुनने की सलाह दी है, जिन्होंने मुख्यमंत्री से मामले की जांच करने और जिम्मेदारी तय करने को कहा है। अब लगता है कि शायद आप कहेंगे कि श्रीमती गांधी प्रधानमंत्री मोदी का पक्ष लेने की कोशिश कर रही हैं।