CHANDIGARH, 7 MARCH: राज्य की पुरातन शान बहाली के लिए अपनी सरकार की दृढ़ वचनबद्धता दोहराते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि उनके ख़ून की हर बूंद राज्य की तरक्की, ख़ुशहाली और शान्ति के लिए समर्पित है।
पंजाब विधान सभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस को समेटते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 75 सालों में पहली बार राज्य की सत्ता उन जन नेताओं को सौंपी गई है, जो लोगों की भलाई के लिए वचनबद्ध हैं। उन्होंने अफ़सोस प्रकट किया कि पहले यह बागडोर ऐसे लोगों के हाथों में थी, जो राज्य को लूटने में अंग्रेज़ों से भी आगे निकल गए। भगवंत मान ने कहा कि हमारी सरकार हर पंजाबी और राज्य के सभी नागरिकों की सरकार है और राज्य की भलाई के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल का इस साल का भाषण आने वाले समय में राज्य में होने वाले बड़े विकास की केवल एक झलक है। उन्होंने कहा कि पंजाब हर क्षेत्र में सर्वपक्षीय तरक्की और ख़ुशहाली का गवाह बन रहा है और आने वाले समय में भी यह जारी रहेगी। भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार पंजाब को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए पूरे गर्म जोशी के साथ काम कर रही है।
अपनी सरकार की लोक समर्थकी पहलकदमियों का ज़िक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बिजली के लंबे कट लगने पुराने समय की बात हो गई है क्योंकि पंजाब अब बिजली सरपलस्स राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के यत्नों स्वरूप राज्य में बिजली उत्पादन में 83 फ़ीसदी विस्तार हुआ है। भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार की तरफ से किये गए अथक यत्नों स्वरूप पछवाड़ा कोयला खदान से बिजली उत्पादन के लिए कोयले की सप्लाई लम्बे समय बाद फिर शुरू हुई है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने 1 जुलाई से प्रति महीना 300 यूनिट मुफ़्त बिजली देने की गारंटी पूरी कर दी है। उन्होंने कहा कि यह बड़े मान और संतोष वाली बात है कि नवंबर-दिसंबर, 2022 के महीनों के दौरान राज्य के 87 फ़ीसद घरों के बिजली बिल ज़ीरो आए हैं। भगवंत मान ने कहा कि वह आम परिवार के साथ सम्बन्ध रखते हैं और अच्छी तरह जानते हैं कि राज्य के लोगों को कौन सी मुश्किलें पेश आतीं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के सख़्त यत्नों स्वरूप केंद्र सरकार महानदी कोलफीलडज़ लिमटिड ( एम. सी. एल.) से तलवंडी साबो पावर लिमटिड ( टी. एस. पी. एल.) को कोयले की सप्लाई के लिए लाज़िमी आर. एस. आर. ( रेल- समुद्र- रेल) शर्त को हटाने के लिए सहमत हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने बिजली मंत्री के साथ मीटिंग के दौरान यह मुद्दा उठाया था, जिसके बाद इस सम्बन्धी फ़ैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के अथक यत्नों स्वरूप पंजाब देश में निवेश के लिए सबसे पसन्दीदा स्थान के तौर पर उभरा है। उन्होंने कहा कि उद्योगपति राज्य में निवेश करने के लिए पूरी उत्सुकता दिखा रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि इससे राज्य में बड़े स्तर पर विकास होगा और नौजवानों के लिए रोज़गार के नये मौके पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के साथ कोई लिहाज़ न बरतने की नीति अपनाई है और राज्य के साथ धोखा करने वाले नेताओं के विरुद्ध मिसाली कार्यवाही यकीनी बनाई जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य को बेरहमी के साथ लूटने और बर्बाद करने वाले इन दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने से उनको कोई नहीं रोक सकता। भगवंत मान ने सदन को भरोसा दिलाया कि भ्रष्ट नेताओं के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही करने से उनको कोई नहीं रोक सकता और ऐसे नेताओं के विरुद्ध कार्यवाही हर अभी जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही राज्य के 5000 गाँवों को जायदाद की रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए एतराज़हीणता सर्टिफिकेट ( एन. ओ. सी.) लेने से छूट दी हुई है और जल्द ही इतने अन्य गाँवों को भी छूट दी जायेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में किसी भी ग़ैर-कानूनी कालोनी को विकसित नहीं होने देगी। भगवंत मान ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए ग़ैर-कानूनी कालोनियों को रेगुलर करने की प्रक्रिया को पहले ही सुचारू बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने राज्य की रिवायती पार्टियों को राज्य के हितों के विपरीत चलने के लिए भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों ने टोल और रेत माफिया को बड़े स्तर पर प्रफुल्लित करने के लिए इस माफिये के साथ मिलीभुगत करके राज्य के लोगों की पीठ में छुरा घोंपा है। भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार ने समय-सीमा बीता चुके टोल प्लाजों को बंद कर दिया है और लोगों को रेत की सस्ते दरों पर उपलब्धता यकीनी बनाने के लिए लगभग 50 सार्वजनिक माइनिंग खदानें शुरू की हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार जल्द ही ‘सरकार आपके द्वार’ नाम का अपना प्रमुख और महत्वपूर्ण प्रोग्राम आरंभ करेगी, जिसके अंतर्गत राज्य के लोगों को 40 नागरिक केंद्रित सेवाएं उनके घर के नज़दीक ही उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि यह स्कीम एप के द्वारा आनलाइन उपलब्ध होगी और लोग केवल एक फ़ोन काल के द्वारा इस स्कीम का लाभ ले सकेंगे। भगवंत मान ने कहा कि इससे इलाका निवासियों को नागरिक केंद्रित सेवाएं उनके घर नज़दीक बड़े योग्य और निर्विघ्न ढंग के साथ प्राप्त हो सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को मानक शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य के 23 जिलों में 117 स्कूल आफ एमिनेंस खोले गए हैं। भगवंत मान ने कहा कि इससे विद्यार्थियों को भविष्य की मुकाबले वाली परीक्षाओं के लिए अच्छी तरह तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही और वह दिन दूर नहीं जब पंजाब का गौरव फिर बहाल होगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब में मैडीकल शिक्षा को नये रास्ते पर डालने के लिए राज्य सरकार ने आने वाले पाँच सालों में 16 नये मैडीकल कालेज बनाने का फ़ैसला किया है, जिससे राज्य में मैडीकल कालेजों की कुल संख्या 25 हो जायेगी और यह भी यकीनी बनाया जायेगा कि राज्य का हरेक ज़िला एक मैडीकल कालेज के साथ जुड़ा हो। उन्होंने कहा कि संगरूर के मसतूआना साहिब में संत अतर सिंह स्टेट इंस्टीट्यूट आफ मैडीकल सायंसिज़ का नींव पत्थर पहले ही रखा जा चुका है और जल्दी ही इसका निर्माण का काम शुरू हो जायेगा। भगवंत मान ने आगे कहा कि कपूरथला और होशियारपुर में दो और मैडीकल कालेजों का काम भी शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री ने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि चाहे पंजाब खेती प्रधान राज्य है परन्तु हमारी खेती बहुत गंभीर स्थिति में है, जिस कारण हमारे नौजवान खेती छोड़ कर मामूली नौकरियाँ करने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने कभी भी किसानों की भलाई के बारे नहीं सोचा। उन्होंने कहा कि पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी को फंड नहीं दिए गए, जिस कारण यूनिवर्सिटी अब पंजाब की बेहतरी और ख़ुशहाल कृषि के लिए खोज करने के समर्थ नहीं है। भगवंत मान ने नकली बीजों से लाभ कमा कर किसानों को बर्बाद करने के लिए भी पिछली सरकारों पर निशाना साधा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को नयी तकनीकों के बारे अवगत ही नहीं करवाया गया, जिस कारण उनकी आय में रुकावट आ गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों की भलाई के लिए कई प्रसिद्ध खेती माहिरों के साथ हाथ मिलाया है। भगवंत मान ने कहा कि कृषि को लाभदायक बनाने के लिए किसानों के विचार जानने के लिए राज्य में अपनी किस्म की पहली ‘सरकार-किसान मिलनी’ करवाई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में फ़सली विविधीकरण को बड़े स्तर पर उत्साहित कर रही है और उन्होंने ख़ुद वैकल्पिक फसलों के लिए मंडीकरण का मसला केंद्र सरकार के समक्ष उठाया है। उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं की प्रोसैसिंग के साथ-साथ बासमती की खेती को उत्साहित किया गया है। भगवंत मान ने कहा कि यह पहला मौका है, जब राज्य सरकार पहली अप्रैल से नरमे के लिए नहरी पानी की सप्लाई यकीनी बनाऐगी और नहरी पानी की चोरी रोकने के लिए पुलिस तैनात की जायेगी।